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21, 22 और 23 जून को चंद्र, मंगल और शुक्र का पश्चिम क्षितिज पर होगा मिलन, आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे सूर्य - अच्छी वर्षा होने के पर्याप्त योग

ग्रह की चाल हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव डालती है. इससे हमारे जीवन में कई प्रकार के बदलाव आते हैं. ऐसा ही कुछ होने वाला है 21, 22 और 23 जून को जब तीन ग्रह एक साथ गोचर करेंगे. वहीं, सूर्य भी आद्रा नक्षत्र में प्रवेश करने वाले हैं. आइए जानते हैं इसका आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

elhi ncr latest news  moon mars and venus will meet on western horizon
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Published : Jun 20, 2023, 4:28 PM IST

Updated : Jun 20, 2023, 8:11 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: खगोल शास्त्र की घटना के अनुसार, आजकल सभी ग्रह उदय हो रहे हैं. जो ग्रह सूर्य के आगे हैं अर्थात अगले राशि में हैं उनका उदय शाम को पश्चिम दिशा की ओर लगातार कई दिन देखा जाएगा. इनमें प्रमुख हैं चंद्र, मंगल और शुक्र. तीनों ही ग्रह और उपग्रह एक साथ ही दृष्टिगोचर होंगे, जिनको प्रत्यक्ष आंखों से देखा जा सकता है. ये ग्रह एक ही नक्षत्र में, एक ही राशि पर थोड़ी सी अंशात्मक दूरी पर रहेंगे.

सूर्यास्त से पहले वृष राशि में बुध, मेष राशि में गुरु और कुंभ राशि में शनि का उदय है. किंतु वे दिन में सूर्य के प्रकाश में दिखाई नहीं देंगे. 21, 22 और 23 जून को कर्क राशि में चंद्र, शुक्र व मंगल का मिलन युवाओं के अंदर जोश भरेगा. प्रेम प्रसंग, रोमांस में वृद्धि होगी और यह समय वर्षा के अनुकूल के लिए भी है. आगामी दिनों में औसत से अच्छी वर्षा होने के पर्याप्त योग बन रहे हैं.

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि, जब सूर्य अश्वनी से मृगशिरा नक्षत्र तक संचरण करते हैं तब भयानक गर्मी पड़ती है. रोहिणी नक्षत्र में सूर्य लगभग 25 मई के 8 जून के आसपास आता है और जिसे नौतपा कहा जाता है. इसमें प्रचंड गर्मी के कारण जनजीवन व्याकुल हो जाता है, किंतु सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही वर्षा ऋतु आरंभ हो जाती है. इस साल सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में 22 जून को शाम 5:48 बजे प्रवेश करेंगे. इसके बाद पुनर्वसु, पुष्य, पूर्वाफाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में वर्षा के योग बनेंगे. ज्योतिष में इन नक्षत्रों को पुरुष नक्षत्र कहा गया है. सूर्य जब इन नक्षत्रों में होता है और चंद्रमा स्त्री नक्षत्रों में विचरण करता है. ऐसे में भारी वर्षा के योग बनते हैं.

वहीं, उत्तराषाढ़, पूर्वाषाढ़, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, धनिष्ठा, भरणी और विशाखा स्त्री नक्षत्र हैं. यद्यपि ये परिस्थितियां अच्छी वर्षा का संकेत दे रहे हैं. किंतु जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में सूर्यास्त से पहले गोचर आरंभ करते हैं तो वर्षा की कमी होती है. सूर्य 22 जून को सूर्यास्त से पहले 5:48 बजे आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे.

यह भी पढ़ें-Nautapa 2023: 'नौतपा' में बेतहाशा बढ़ेगी गर्मी, जानें इसके बारे में सबकुछ

कहा जाता है कि 'दिवार्द्रां याति चेत भानुर्जलं भक्षणकारका'. यानी दिन में सूर्य का आर्दा प्रवेश श्रेष्ठ नहीं होता है. दिन के समय में आर्द्रा नक्षत्र में गोचर करने वाला सूर्य, जल की बूंदों का भक्षण करके वर्षा की कमी करती है. यद्यपि सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करके अच्छी वर्षा का आरंभ करेंगे किंतु बीच-बीच में कहीं न कहीं वर्षा की कमी हो सकती है.

यह भी पढ़ें-20 June Panchang : शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि आज, शादी-विवाह व नये वाहन खरीदने के लिए है बेहतर दिन

नई दिल्ली/गाजियाबाद: खगोल शास्त्र की घटना के अनुसार, आजकल सभी ग्रह उदय हो रहे हैं. जो ग्रह सूर्य के आगे हैं अर्थात अगले राशि में हैं उनका उदय शाम को पश्चिम दिशा की ओर लगातार कई दिन देखा जाएगा. इनमें प्रमुख हैं चंद्र, मंगल और शुक्र. तीनों ही ग्रह और उपग्रह एक साथ ही दृष्टिगोचर होंगे, जिनको प्रत्यक्ष आंखों से देखा जा सकता है. ये ग्रह एक ही नक्षत्र में, एक ही राशि पर थोड़ी सी अंशात्मक दूरी पर रहेंगे.

सूर्यास्त से पहले वृष राशि में बुध, मेष राशि में गुरु और कुंभ राशि में शनि का उदय है. किंतु वे दिन में सूर्य के प्रकाश में दिखाई नहीं देंगे. 21, 22 और 23 जून को कर्क राशि में चंद्र, शुक्र व मंगल का मिलन युवाओं के अंदर जोश भरेगा. प्रेम प्रसंग, रोमांस में वृद्धि होगी और यह समय वर्षा के अनुकूल के लिए भी है. आगामी दिनों में औसत से अच्छी वर्षा होने के पर्याप्त योग बन रहे हैं.

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि, जब सूर्य अश्वनी से मृगशिरा नक्षत्र तक संचरण करते हैं तब भयानक गर्मी पड़ती है. रोहिणी नक्षत्र में सूर्य लगभग 25 मई के 8 जून के आसपास आता है और जिसे नौतपा कहा जाता है. इसमें प्रचंड गर्मी के कारण जनजीवन व्याकुल हो जाता है, किंतु सूर्य के आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश के साथ ही वर्षा ऋतु आरंभ हो जाती है. इस साल सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में 22 जून को शाम 5:48 बजे प्रवेश करेंगे. इसके बाद पुनर्वसु, पुष्य, पूर्वाफाल्गुनी और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में वर्षा के योग बनेंगे. ज्योतिष में इन नक्षत्रों को पुरुष नक्षत्र कहा गया है. सूर्य जब इन नक्षत्रों में होता है और चंद्रमा स्त्री नक्षत्रों में विचरण करता है. ऐसे में भारी वर्षा के योग बनते हैं.

वहीं, उत्तराषाढ़, पूर्वाषाढ़, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, धनिष्ठा, भरणी और विशाखा स्त्री नक्षत्र हैं. यद्यपि ये परिस्थितियां अच्छी वर्षा का संकेत दे रहे हैं. किंतु जब सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में सूर्यास्त से पहले गोचर आरंभ करते हैं तो वर्षा की कमी होती है. सूर्य 22 जून को सूर्यास्त से पहले 5:48 बजे आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे.

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कहा जाता है कि 'दिवार्द्रां याति चेत भानुर्जलं भक्षणकारका'. यानी दिन में सूर्य का आर्दा प्रवेश श्रेष्ठ नहीं होता है. दिन के समय में आर्द्रा नक्षत्र में गोचर करने वाला सूर्य, जल की बूंदों का भक्षण करके वर्षा की कमी करती है. यद्यपि सूर्य आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश करके अच्छी वर्षा का आरंभ करेंगे किंतु बीच-बीच में कहीं न कहीं वर्षा की कमी हो सकती है.

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Last Updated : Jun 20, 2023, 8:11 PM IST
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