नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में अब धार्मिक स्थलों के पास मीट की दुकानें नहीं खुलेंगी. दिल्ली नगर निगम ने नए पॉलिसी को मंजूरी दे दी है. इसके तहत मांस की दुकान और धार्मिक स्थलों के बीच की न्यूनतम दूरी 150 मीटर की होनी चाहिए. नई पॉलिसी के आने के बाद से विरोध भी शुरू हो गया है. मीट कारोबारी ने निगम के इस फैसले का विरोध जताया है और कोर्ट जाने की चेतावनी दी है.
हालांकि, मंगलवार को MCD की ओर से पारित नई पॉलिसी में यह छूट दी गई है कि सूअर का मांस (पोर्क) को छोड़कर अन्य मांस की दुकानों को मस्जिद के पास खोला जा सकता है, लेकिन इसके लिए मस्जिद के इमाम या मस्जिद कमेटी से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट एनओसी लेना अनिवार्य है.
नया लाइसेंस या रिन्युअल फीस अब एकः इसके अलावा नई नीति के तहत दिल्ली के सभी इलाकों में मीट शॉप के लिए नए लाइसेंस या रिन्युअल फीस अब एक हो गई हैं. इसके लिए 18,000 रुपए (तीन साल) फीस तय की गई है. इसके अलावा प्रोसेसिंग यूनिट लगाने के लिए डेढ़ लाख रुपए की फीस रखी गई है. नई नीति में यह भी कहा गया है कि फीस और पेनाल्टी में हर तीन वित्तीय वर्ष पर 15% की वृद्धि की जाएगी.
दिल्ली मीट मर्चेंट्स एसोसिएशन ने किया विरोधः निगम की इस नई पॉलिसी पर दिल्ली मीट मर्चेंट्स एसोसिएशन ने विरोध जताया है. संगठन के जनरल सेक्रेटरी इरशाद बाबा कुरैशी ने कहा कि दिल्ली नगर निगम ने मीट कारोबारी के बिना चर्चा के पॉलिसी को मंजूरी दी है. इस नई पॉलिसी से अफसर राज बढ़ेगा. गरीब दुकानदारों को भारी नुकसान होगा. इससे नगर निगम का फायदा नहीं, बल्कि नुकसान होगा. इरशाद बाबा कुरैशी ने बताया कि इस नई पॉलिसी को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली मीट मर्चेंट्स एसोसिएशन मुहिम चलाएगा. जरूरत पड़ने पर कोर्ट जाएंगे.