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अर्पित अग्निकांड के बाद जागा प्रशासन, 43 होटलों को कारण बताओ नोटिस - ETV bharat

नई दिल्ली: करोल बाग के होटल अर्पित अग्निकांड से सबक लेकर साउथ एमसीडी ने अपने इलाके में चल रहे होटल और गेस्ट हाउस आदि का सर्वे शुरू कर दिया है. इसी क्रम में बीते दिनों में निगम ने 43 होटलों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. पढ़ें ये रिपोर्ट...

43 होटलों को कारण बताओ नोटिस
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Published : Feb 19, 2019, 9:48 AM IST

Updated : Feb 19, 2019, 10:40 AM IST

निगम का दावा है कि उनके अधीन सभी लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी होटलों की जांच की जा रही है. जिनपर कार्रवाई करने के लिए भी निगम तैयार है. सोमवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति बैठक में आम आदमी पार्टी पार्षद नरेंद्र गिरसा ने ये मुद्दा उठाया कि करोल बाग की घटना के बाद क्या निगम ने अपने इलाके में चल रहे ऐसे होटल्स और गेस्ट हाउस आदि की जांच कराई है.
गिरसा ने कुछ तस्वीरें दिखाते हुए आयुक्त पुनीत कुमार गोयल से खुलेआम

43 होटलों को कारण बताओ नोटिस
उल्लंघन का जिक्र भी किया. इसी दौरान अधिकारियों ने बताया कि करोल बाग हादसे के बाद निगम ने सर्वे कर 43 होटलों को नोटिस भेजा है.
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होटलों का सर्वे
स्थाई समिति अध्यक्ष शिखा राय ने कहा कि चारों जोन में उपायुक्तों को अपने जोन की सभी ऐसी इमारतों की जांच करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि निगम के अधीन लगभग 383 लाइसेंसी होटलों में कुछ का सर्वे किया गया है. यहां जिन होटलों में उल्लंघन पाया गया है उन्हें इसको लेकर कारण बताने का समय दिया गया है, जिसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

'नियम का उल्लंघन करने वालों पर हो कार्रवाई'
उधर स्थाई समिति सदस्य और 'आप' पार्षद नरेंद्र गिरसा ने आरोप लगाया कि निगम अधिकारियों की कार्रवाई सिर्फ कागज़ी है और जमीनी स्तर पर उसका कोई असर नहीं है. गिरसा ने कहा कि ये पहली बार नहीं है, इससे पहले भी वो कई बार ये मुद्दा उठाते आए हैं लेकिन उन्हें आजतक इसका जवाब नहीं दिया गया है. अब भी वो चाहते हैं कि निगम उन लोगों पर कार्रवाई करे जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.

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निगम का दावा है कि उनके अधीन सभी लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी होटलों की जांच की जा रही है. जिनपर कार्रवाई करने के लिए भी निगम तैयार है. सोमवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति बैठक में आम आदमी पार्टी पार्षद नरेंद्र गिरसा ने ये मुद्दा उठाया कि करोल बाग की घटना के बाद क्या निगम ने अपने इलाके में चल रहे ऐसे होटल्स और गेस्ट हाउस आदि की जांच कराई है.
गिरसा ने कुछ तस्वीरें दिखाते हुए आयुक्त पुनीत कुमार गोयल से खुलेआम

43 होटलों को कारण बताओ नोटिस
उल्लंघन का जिक्र भी किया. इसी दौरान अधिकारियों ने बताया कि करोल बाग हादसे के बाद निगम ने सर्वे कर 43 होटलों को नोटिस भेजा है.
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होटलों का सर्वे
स्थाई समिति अध्यक्ष शिखा राय ने कहा कि चारों जोन में उपायुक्तों को अपने जोन की सभी ऐसी इमारतों की जांच करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि निगम के अधीन लगभग 383 लाइसेंसी होटलों में कुछ का सर्वे किया गया है. यहां जिन होटलों में उल्लंघन पाया गया है उन्हें इसको लेकर कारण बताने का समय दिया गया है, जिसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

'नियम का उल्लंघन करने वालों पर हो कार्रवाई'
उधर स्थाई समिति सदस्य और 'आप' पार्षद नरेंद्र गिरसा ने आरोप लगाया कि निगम अधिकारियों की कार्रवाई सिर्फ कागज़ी है और जमीनी स्तर पर उसका कोई असर नहीं है. गिरसा ने कहा कि ये पहली बार नहीं है, इससे पहले भी वो कई बार ये मुद्दा उठाते आए हैं लेकिन उन्हें आजतक इसका जवाब नहीं दिया गया है. अब भी वो चाहते हैं कि निगम उन लोगों पर कार्रवाई करे जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.

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Intro:नई दिल्ली:
करोल बाग के होटल अर्पित अग्निकांड से सबक लेकर साउथ एमसीडी ने अपने इलाके में चल रहे होटल और गेस्ट हाउस आदि का सर्वे शुरू कर दिया है. इसी क्रम में बीते दिनों में निगम ने 43 होटलों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है. निगम का दावा है कि उनके अधीन सभी लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी होटलों की जांच की जा रही है जिनपर कार्रवाई करने के लिए भी निगम तैयार है.


Body:सोमवार को दक्षिणी दिल्ली नगर निगम की स्थाई समिति बैठक में आम आदमी पार्टी पार्षद नरेंद्र गिरसा ने ये मुद्दा उठाया कि करोल बाग की घटना के बाद क्या निगम ने अपने इलाके में चल रहे ऐसे होटल्स और गेस्ट हाउस आदि की जांच कराई है. उन्होंने कुछ तस्वीरें दिखाते हुए आयुक्त पुनीत कुमार गोयल से खुलेआम उल्लंघन का जिक्र भी किया. इसी दौरान अधिकारियों ने बताया कि करोल बाग हादसे के बाद निगम ने सर्वे कर 43 होटलों को नोटिस भेजा है.

स्थाई समिति शिखा राय ने कहा कि चारों जोन में उपायुक्तों को अपने जोन की सभी ऐसी इमारतों की जांच करने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि निगम के अधीन लगभग 383 लाइसेंसी होटलों में कुछ का सर्वे किया गया है. यहां जिन होटलों में उल्लंघन पाया गया है उन्हें इसको लेकर कारण बताने का समय दिया गया है जिसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

उधर स्थाई समिति सदस्य और 'आप' पार्षद नरेंद्र गिरसा ने आरोप लगाया कि निगम अधिकारियों की कार्रवाई सिर्फ कागज़ी है और जमीनी स्तर पर उसका कोई असर नहीं है. गिरसा ने कहा कि ये पहली बार नहीं है, इससे पहले भी वो कई बार ये मुद्दा उठाते आए हैं लेकिन उन्हें आजतक इसका जवाब नहीं दिया गया है. अब भी वो चाहते हैं कि निगम उन लोगों पर कार्रवाई करे जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.


Conclusion:
Last Updated : Feb 19, 2019, 10:40 AM IST
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