नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम की विशेष बजट बैठक शुक्रवार आठ दिसंबर को होगी. इस बैठक में दिल्ली नगर निगम के आयुक्त ज्ञानेश भारती संशोधित बजट अनुमान वर्ष 2023-24 तथा बजट अनुमान 2024-25 प्रस्तुत करेंगे. निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब चुनी हुई सरकार होने के बाद भी बजट सबसे पहले स्थाई समिति में नहीं बल्कि सदन में पेश होगा.
आमतौर पर दिल्ली नगर निगम की बजट प्रक्रिया के तहत, कमिश्नर स्थाई समिति में बजट पेश करते हैं, जिसके बाद उस बजट को स्थाई समिति के अध्यक्ष संशोधन के बाद सदन में पेश करते हैं. वहां चर्चा कर बजट को पास कराया जाता है, लेकिन अब तक नगर निगम की स्थाई समिति का गठन नहीं हुआ है, जिसके चलते कमिश्नर बजट को सीधे सदन में पेश करेंगे. हालांकि विपक्ष की तरफ से इस प्रक्रिया पर सवाल उठाया जा रहा है. निगम विपक्ष भाजपा का कहना है कि वित्तीय प्रस्ताव को स्थाई समिति में पास करना जरूरी होता है और बिना स्थाई समिति के पास किया गया प्रस्ताव असंवैधानिक है. वही सत्ता पक्ष का दावा है कि यह प्रक्रिया कानून के तहत की जा रही है.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी के 15 साल के शासन के बाद दिल्ली नगर निगम की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी के शासन का यह पहला बजट है. निगम चुनाव के दौरान किए गए वादों को आम आदमी पार्टी की सरकार इस बजट में शामिल कर रही है. इसके अलावा बजट में निगम की आंतरिक आय के साधनों को बढ़ाने पर भी जोर दिया जा रहा है.
यह भी पढ़ें-रैपिड रेल परियोजना: प्रायोरिटी सेक्शन से आगे के आरआरटीएस कॉरिडोर पर विद्युत आपूर्ति शुरू
इसमें पार्किंग से लेकर संपत्ति कर, विज्ञापन जैसे प्रमुख मदों से राजस्व की बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. बजट में राजस्व के स्रोत भी बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. इससे पहले वर्ष 2022-23 में निगम ने 15,530 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया था. इस बार के बजट में निगम को दिल्ली सरकार से अतिरिक्त फंड की उम्मीद है. ऐसा पहली बार है जब दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम में आम आदमी पार्टी की सरकार है.
यह भी पढ़ें-अब दिल्ली मेट्रो में जरूरी घोषणाओं के बीच सुनाई देंगे विज्ञापन, पैसा कमाने का नया तरीका