नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नए कमरे बनाने में हुए घोटाले की शिकायत बीजेपी ने लोकायुक्त अदालत में की है. जिसकी सुनवाई मंगलवार को हुई. लोकायुक्त ने शिकायतकर्ता प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी से आरोप के मद्देनजर साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा और इसके लिए 4 सप्ताह का समय दिया है.
दिल्ली के सरकारी स्कूल स्कूल निर्माण के नाम पर भाजपा ने दिल्ली सरकार पर घोटाले का आरोप लगाया था और पिछले दिनों इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक शाखा और लोकायुक्त अदालत से की थी.
केजरीवाल सरकार पर आरोप
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने पिछले दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली सरकार पर आरोप लगाया था कि सरकारी स्कूलों में एक नए कमरे बनाने में 25-25 करोड़ रुपये का खर्च दिखाया है. एक कमरे के निर्माण में इतनी बड़ी रकम कैसे खर्च हो सकती है? इस पर सवाल उठाते हुए मनोज तिवारी ने दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया तथा लोक निर्माण विभाग के मंत्री सत्येंद्र जैन से सफाई मांगी थी.
भाजपा ने इस आरोप के बाद पूरे मामले की जांच के लिए दिल्ली के लोकायुक्त अदालत में शिकायत की है. मंगलवार को इसकी सुनवाई थी. दोपहर को प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष मनोज तिवारी, भाजपा के प्रवक्ता हरीश खुराना, नीलकांत बक्शी समेत अन्य पदाधिकारी लोकायुक्त अदालत में पहुंचे. उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराने की बात कही.
इसके बाद ने मनोज तिवारी ने बताया कि यह शिकायत जब लोकायुक्त में की गई थी तब त्रिलोकपुरी के एक स्कूल में पंखा गिरने से छात्र के जख्मी होने का मामला सामने नहीं आया था. अब इस मामले में भी भाजपा ने शिकायत की है. स्कूल में जो कमरे बने हैं उसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए. तो लोकायुक्त ने इस पर साक्ष्य देने को कहा. उन्होंने 4 सप्ताह में यह सब अदालत में जमा कराने को कहा है. तब इस पर फिर सुनवाई होगी.
मनोज तिवारी ने कहा कि लोकायुक्त शिकायत को लेकर काफी गंभीर है. दिल्ली सरकार ने जो कमरे निर्माण में घोटाला किया है इसकी जांच होनी ही चाहिए उन्होंने लोकायुक्त अदालत से मामले की जल्द सुनवाई करने की भी गुजारिश की है.
'2000 करोड़ का स्कूल निर्माण घोटाला'
मनोज तिवारी ने कहा कि अभी तक जितने कमरों का निर्माण हुआ है उसमें तकरीबन 2000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. दिल्ली वालों का पैसा इस तरह सरकार को दुरुपयोग करने नहीं देंगे और इसकी अंतिम जांच तक वे सब लड़ते रहेंगे.
बता दें कि प्रदेश भाजपा ने आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों में जो जानकारी मिली है उसके आधार पर दिल्ली सरकार पर स्कूली कमरों के निर्माण में 25 करोड़ रुपए खर्च होने तक का आरोप लगाया है. इसके साथ ही नर्सरी स्कूलों में जो कमरे बनाए जा रहे हैं उसे एक कमरे के निर्माण में 28 करोड़ की लागत की भी बात सामने आई है और अब चुनावी वर्ष में प्रदेश भाजपा दिल्ली सरकार को इन मुद्दों पर खेलते हुए आगे बढ़ने की कोशिश में जुट गई है.