नई दिल्ली/गाजियाबाद: 16 दिसंबर यानी शुक्रवार सुबह 9.58 बजे सूर्य धनु राशि में प्रवेश करेंगे. धनु राशि में सूर्य के गोचर (Surya Gochar 2022) के बाद से सभी तरह के शुभ कार्यों पर ब्रेक लग जाएगा. जब भी सूर्य बृहस्पति की राशि धनु अथवा मीन राशि में आते हैं उस समय को खरमास अथवा मलमास कहते हैं. शास्त्रों के अनुसार, मलमास में वैवाहिक कार्य अथवा अन्य शुभ कार्य करना उत्तम नहीं रहता.
16 दिसंबर से खरमास शुरू होकर 14 जनवरी 2023 तक यानी एक माह तक रहेगा. 14 जनवरी 2023 को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा. धनु राशि में सूर्य के प्रवेश का विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इस दौरान कौन-कौन से कार्य करना चाहिए और कौन-कौन सा नहीं, ये बताया शिव शंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र गाजियाबाद (Shiv Shankar Jyotish Evam Vastu Anusandhan Kendra, Ghaziabad) के आचार्य शिव कुमार शर्मा (Acharya Shiv Kumar Sharma) ने.
खरमास की पूजा: खरमास में पवित्र नदियों के किनारे पर जाकर लोग अपना समय व्यतीत करते हैं और पवित्र नदियों में स्नान करने के पश्चात पीपल के वृक्ष की पूजा की जाती है. इस माह में पूरे 30 दिन व्रत रखा जाता है और एक समय पर भगवान विष्णु की कथा का पाठ भी किया जाता है. अंतिम 5 दिनों में जल आहार करते हुए इसका व्रत रखा जाता है और अंतिम दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, जिसमें भगवान को मालपुए का भोग लगाया जाता है और फिर पंडितों और गरीबों को दान दिया जाता है.
धनु के सूर्य का विभिन्न राशियों पर प्रभाव: सूर्य की धनु राशि में सक्रांति होने से एक माह तक सूर्य धनु राशि में गोचर करेंगे. इस दौरान विभिन्न राशियों पर क्या प्रभाव पड़ता है जानते हैं.
मेष राशि: पंचम भाव में सूर्य होने से घर में मंगल उत्साह होंगे. सामाजिक दायरा बढ़ेगा.
वृषभ राशि: छठे भाव में सूर्य होने से व्यय की अधिकता रहेगी किंतु लाभ होता रहेगा. भागदौड़ में अनावश्यक खर्चे बढ़ेंगे.
मिथुन राशि: सूर्य सप्तम भाव में रहेंगे, जो पारिवारिक प्रसन्नता देंगे. घर में सुख संसाधन बढ़ेंगे. परिवार से खुशियां मिलेंगी.
कर्क राशि: सूर्य अष्टम भाव में रहेंगे. स्वास्थ संबंधी लापरवाही न करें. धन का आवागमन बना रहेगा.
सिंह राशि: नवम भाव में सूर्य का गोचर भाग्य की प्रबलता बढ़ाएगा. शुभ समाचार मिलेंगे.
कन्या राशि: दशम भाव में सूर्य का गोचर सामाजिक संबंधों में तेजी लाएगा. राजनीतिक लाभ मिलेंगे और कार्य में उन्नति होगी.
तुला राशि: लाभ भाव में सूर्य गोचर लाभ के नए-नए संसाधन बनाएंगे. गृह निर्माण अथवा भूमि, भवन का लाभ होगा.
वृश्चिक राशि: बारहवें भाव में सूर्य का गोचर अनावश्यक खर्चों में वृद्धि करेगा. मन अप्रसन्न रहेगा. मानसिक तनाव से बचें.
धनु राशि: सूर्य प्रथम भाव में गोचर करेंगे जो खर्च देने वाला होता है, किंतु अपनी राशि वालों के लिए लाभ के निरंतर योग बनाता रहेगा.
मकर राशि: धन भाव में सूर्य का गोचर शुभ रहेगा. यश, प्रतिष्ठा बढ़ेगी. परिवार में प्रसन्नता के कार्य होंगे.
कुंभ राशि: प्रथम भाव में सूर्य नवीन उत्साह का संचार करेंगे. किंतु क्रोध से बचें तो अच्छा रहेगा.
मीन राशि: चतुर्थ स्थान में सूर्य का गोचर धन आगमन का है. महिला सदस्यों से लाभ हो सकता है. लेकिन माता को लेकर कुछ नाराजगी झेलनी पड़ सकती है.
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दिल्ली पर जानिए धनु राशि में सूर्य के गोचर का प्रभाव: क्षेत्रीय स्थानों के अनुसार दिल्ली में सूर्य के गोचर का विशेष वर्णन करेंगे. दिल्ली की राशि मीन है. केंद्रीय सत्ता में बृहस्पति का प्रभाव बहुत ही बलशाली रहेगा. सरकार के द्वारा जनोपयोगी बिल पास होंगे. विपक्ष का गतिरोध बना रहेगा. धनु राशि के सूर्य विपक्ष के गतिरोध को हटाते हुए सभी बाधाओं पर विजय प्राप्त करेगी. किंतु दिल्लीवासियों पर धनु राशि का प्रभाव अच्छा नहीं रहेगा. सरकार में पक्ष-प्रतिपक्ष का विवाद बनेगा. जनता का क्षेत्रीय सरकार के साथ विरोधाभास, असंतोष, छुटपुट हिंसक घटनाएं, होने की संभावना है. भयंकर सर्दी का भी आगाज रहेगा. नेताओं की विषैली वाणी जलती आग में घी डालने के समान होगी.
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खरमास में न करें ये काम:
- खरमास में कभी भी मुंडन संस्कार नहीं कराना चाहिए.
- खरमास में विवाह या कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होता है.
- इस महीने में बेटी या बहू की विदाई नहीं होती है.
- कभी भी खरमास में गृह प्रवेश नहीं करना चाहिए.
- किसी व्यावसायिक प्रतिष्ठान का शुभारंभ नहीं करना चाहिए.
- इस महीने गेहूं, चावल, सफेद धान, मूंग, जौ, तिल, कटहल, आम, सौंठ, जीरा, आंवला, सुपारी सेंधा नमक नहीं खाना चाहिए.
- इस समय किसी से विवाद नहीं करना चाहिए. किसी देवता, गुरु, गाय, स्त्री की निंदा नहीं करनी चाहिए.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी आचार्य शिव कुमार शर्मा से बातचीत पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि etvbharat.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.
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