नई दिल्ली/नोएडा: स्पैनिश क्राइम ड्रामा मनी हाइस्ट वेब सीरीज से प्रेरित होकर करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के दो शातिर ठगों को रविवार को साइबर क्राइम थाने की टीम ने गिरफ्तार किया. ठगों ने अपना नाम भी वेब सीरीज के पात्रों पर रखा था. पुलिस ने बताया कि इनके दो अन्य साथियों की तलाश की जा रही है.
आरोपी पात्रों के नाम पर अपना नाम रखकर व्हाट्सऐप और टेलीग्राम ग्रुपों से जुड़कर बैंक खाते की गोपनीय जानकारी प्राप्त करते थे, जिसके बाद रजिस्टर्ड सिम को स्वाइप व मेल आईडी को हैक कर वीपीएन का उपयोग करते हुए करोड़ों रुपये की ठगी और धोखाधड़ी करते थे. पुलिस कई दिनों से इस गिरोह की तलाश कर रही थी. आरोपियों की पहचान कानपुर निवासी रितेश चतुर्वेदी उर्फ अमित सिंह और जबलपुर निवासी रिषभ जैन उर्फ प्रिंस ठाकुर के रूप में हुई है.
साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि बीते दिनों फेज दो थाना क्षेत्र के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित रॉयलएक्स एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के केपी प्रकाश ने साइबर थाने में ठगी की शिकायत दर्ज कराई थी. ठगों ने कंपनी के बैंक अकाउंट में रजिस्टर्ड सिम बंद कराकर एयरटेल कंपनी के वीपीएन के माध्यम से ईमेल हैक कर मेल भेजा और कंपनी के बैंक खाते से एक करोड़ रुपये की राशि निकाल ली. इसके बाद उन्होंने चार अलग-अलग खातों में इस राशि को ट्रांसफर कर लिया. पीड़ित ने बताया था कि उसने अपनी कंपनी की गोपनीय जानकारी किसी को नहीं दी थी.
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर कंपनी के बैंक खाते की गोपनीय जानकारी (रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी) अनाधिकृत तरीके से हासिल की थी. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर के सिम को स्वाइप कराते हुए बेनिफिशरी डिटेल जोड़ने के लिए संबंधित सिम पर ओटीपी प्राप्त किया गया. इसके बाद कंपनी के खाते पर रजिस्टर्ड मेल आइडी हो हैक कर मोबाइल ओटीपी बाइपास कर खाते की ईमेल आइडी के माध्यम से ओटीपी प्राप्त कर एक करोड़ रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर की गई. धनराशि को ट्रांसफर करते समय आरोपियों द्वारा डार्क वेब और वीपीएन का प्रयोग किया गया था. ठगी की रकम को क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर फर्जी वॉलेट बनाकर यूएसडीटी में ट्रांसफर कर फर्जी बैंक खातों से राशि निकाली गई.
इतना ही नहीं, आरोपी वेब सीरीज के किरदारों के नाम रखकर व्हाट्सऐप और टेलीग्राम पर 15 से अधिक ग्रुप में जुड़े. वेब सीरीज की तरह ही ठगी में आरोपियों ने अपनी निजी जानकारी को छुपाते हुए फर्जी सिम, इंटरनेशनल मोबाइल नंबर का प्रयोग किया. गिरोह के सरगना रितेश ने अपना नाम वेब सीरीज के मुख्य किरदार प्रोफेसर के नाम पर रखा, जबकि आरोपी रिषभ ने अपना नाम रियो रखा. उनके पास से एक कार, एक लैपटॉप, 11 मोबाइल, 23 डेबिट कार्ड, तीन बैंक पास बुक और 25 सिम कार्ड समेत अन्य सामान बरामद हुआ है. पुलिस उनके आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटा रही है.
वहीं, एक अन्य मामले में युवक को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में उसकी पत्नी सहित आठ लोगों के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है. इस मामले को युवक के पिता ने फेज दो थाने में केस दर्ज कराया गया था. थाना 2 क्षेत्र निवासी चंदन कुमार नाम के व्यक्ति ने खुदकुशी कर ली थी, जिस पर पुलिस फिलहाल जांच कर रही है.
मृतक के पिता ने शिकायत में सुदामा सिंह ने बताया कि उनके बेटे चंदन का विवाह दस जून 2020 को इकोटेक थर्ड थाना क्षेत्र स्थित जलपुरा निवासी अनुपम के साथ हुआ था. आरोप है कि विवाह के बाद महिला पति से कार और प्लॉट खरीदने का दबाव बनाने लगी. इसके बाद क्लेश को टालने के लिए सुदामा और चंदन अक्सर अनुपम के खाते में रकम ट्रांसफर कर देता था. पांच जून 2023 को चंदन पत्नी को लेने जब ससुराल गया तो ससुराल पक्ष के लोगों ने उसके साथ मारपीट की. वहीं तय हुआ कि अनुपम अब चंदन के साथ घर से अलग कमरा लेकर रहेगा. चंदन किराए पर कमरा लेकर रहने लगा. मारपीट के चंदन काफी आहत था और हमेशा परेशान रहने लगा. इसके बाद अनुपम अपने गांव चली गई और प्लॉट और कार न खरीदने पर चंदन को झूठे केस में फंसाने की धमकी देने लगी.
मृतक चंदन के परिजनों का आरोप है कि ससुराल पक्ष के प्रवीन कुमार सिंह, ललिता देवी, पीयूष कुमार सिंह, आयुष कुमार, पुष्पम सिह, रणतोष कुमार सिंह और रतनेश सिंह के कहने पर अनुपम ने थाना इकोटेक थर्ड में चंदन और उसके परिजनों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का केस दर्ज करा दिया. इससे परेशान होकर चंदन ने बीते दिनों खुदकुशी कर ली. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
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