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जेवर एयरपोर्ट के निकट जमीन दिलाने का झांसा देकर 24 करोड़ हड़पा, एक आरोपी गिरफ्तार - जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन

24 crore property fraud In Noida: जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन दिलाने के नाम पर 24 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने के एक आरोपी को थाना सेक्टर-63 पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 12, 2024, 8:25 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन बेचने के नाम पर 24 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में सेक्टर-63 पुलिस ने शुक्रवार को पहली गिरफ्तारी की है. गिरफ्त में आए आरोपी की पहचान रबुपुरा निवासी 32 वर्षीय आकिल के रूप में हुई है. इस मामले में 15 अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. आरोपियों ने जमीन के फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज तैयार कर कई लोगों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की थी. मुखबिर से मिली सूचना पर आकिल को भायपुर गांव से गिरफ्तार किया गया.

गाजियाबाद और नोएडा के लोगों के साथ धोखाधड़ी: पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, नोएडा और गाजियाबाद के चार लोगों के साथ आरोपियों ने जमीन दिलाने के नाम पर 24 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर ली थी. पीड़ित ने इस मामले में 16 लोगों को नामजद करते हुए सेक्टर-63 में केस दर्ज कराया था. शिकायत में गौरव शर्मा ने बताया था कि वह गोपेश रोहतगी, यतीश अग्रवाल और शिल्पी अग्रवाल के साथ व्यवसाय करता है. 2022 के शुरुआत में चारों की मुलाकात सचिन भाटी और रविंद्र शर्मा से हुई. दोनों ने खुद को जेवर के बड़े जमीदारों और राजनीतिक परिवारों का सदस्य होने का दावा किया.

वहीं, दोनों ने चारों को अन्य लोगों से मिलवाया और बताया कि उनके पास जेवर में निर्माणाधीन हवाई अड्डे के पास बड़े क्षेत्रफल में कृषि भूमि है. आरोपियों ने कहा कि वह 100 से 200 बीघा कृषि भूमि दिलाएंगे. यह भी दावा किया कि उनके पास दलाल, अधिवक्ता, पटवारी और तहसीलदारों की एक बड़ी टीम है.

पीड़ित का कहना है कि 2022 में उन्होंने भूमि क्रय करने के लिए आरोपियों को करीब 24 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया. इसकी एवज में आरोपितों ने फर्जी राजस्व दस्तावेज दे दिए. पीड़ितों ने आरोपियों से खरीदी गई भूमि को राजस्व अभिलेखों में नामांतरण की प्रति मांगी तो बहाने बनाने लगे. यही नहीं आरोपियों ने पीड़ितों से कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराकर गवाह भी बना लिया.

इसके बाद जांच करने पर पता चला कि खरीदी गई भूमि अस्तित्व में नहीं थी. सभी दस्तावेज फर्जी थे. बैंकों में खोले गए खाते जाली दस्तावेजों के आधार पर खोले गए थे. पीड़ितों से लिए गए चेक आरोपियों ने बैंक खातों में डाले और नकद राशि कुछ ही दिन में निकाल ली. पीड़ितों ने जब आरोपियों से धनराशि वापस करने की मांग की तो उन्होंने अंजाम भुगतने की धमकी दी गई.

इस मामले में पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सचिन भाटी, रविंद्र शर्मा, धीरज शर्मा, सोनू शर्मा, ऋषिपाल, आस मोहम्मद, मोहम्मद,आकील, साकिर, विनीत कुमार गुप्ता, मुदस्सिर, साकिर, इरशाद, सलाउद्दीन, तारीकत खान, नरेंद्र व अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले में पहली गिरफ्तारी हो चुकी है. अन्य आरोपियों के बारे में भी अहम जानकारी मिली है. जल्द ही उन्हें भी दबोचने का दावा किया जा रहा है.

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन बेचने के नाम पर 24 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में सेक्टर-63 पुलिस ने शुक्रवार को पहली गिरफ्तारी की है. गिरफ्त में आए आरोपी की पहचान रबुपुरा निवासी 32 वर्षीय आकिल के रूप में हुई है. इस मामले में 15 अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. आरोपियों ने जमीन के फर्जी एवं कूट रचित दस्तावेज तैयार कर कई लोगों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की थी. मुखबिर से मिली सूचना पर आकिल को भायपुर गांव से गिरफ्तार किया गया.

गाजियाबाद और नोएडा के लोगों के साथ धोखाधड़ी: पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, नोएडा और गाजियाबाद के चार लोगों के साथ आरोपियों ने जमीन दिलाने के नाम पर 24 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी कर ली थी. पीड़ित ने इस मामले में 16 लोगों को नामजद करते हुए सेक्टर-63 में केस दर्ज कराया था. शिकायत में गौरव शर्मा ने बताया था कि वह गोपेश रोहतगी, यतीश अग्रवाल और शिल्पी अग्रवाल के साथ व्यवसाय करता है. 2022 के शुरुआत में चारों की मुलाकात सचिन भाटी और रविंद्र शर्मा से हुई. दोनों ने खुद को जेवर के बड़े जमीदारों और राजनीतिक परिवारों का सदस्य होने का दावा किया.

वहीं, दोनों ने चारों को अन्य लोगों से मिलवाया और बताया कि उनके पास जेवर में निर्माणाधीन हवाई अड्डे के पास बड़े क्षेत्रफल में कृषि भूमि है. आरोपियों ने कहा कि वह 100 से 200 बीघा कृषि भूमि दिलाएंगे. यह भी दावा किया कि उनके पास दलाल, अधिवक्ता, पटवारी और तहसीलदारों की एक बड़ी टीम है.

पीड़ित का कहना है कि 2022 में उन्होंने भूमि क्रय करने के लिए आरोपियों को करीब 24 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया. इसकी एवज में आरोपितों ने फर्जी राजस्व दस्तावेज दे दिए. पीड़ितों ने आरोपियों से खरीदी गई भूमि को राजस्व अभिलेखों में नामांतरण की प्रति मांगी तो बहाने बनाने लगे. यही नहीं आरोपियों ने पीड़ितों से कुछ कागजों पर हस्ताक्षर कराकर गवाह भी बना लिया.

इसके बाद जांच करने पर पता चला कि खरीदी गई भूमि अस्तित्व में नहीं थी. सभी दस्तावेज फर्जी थे. बैंकों में खोले गए खाते जाली दस्तावेजों के आधार पर खोले गए थे. पीड़ितों से लिए गए चेक आरोपियों ने बैंक खातों में डाले और नकद राशि कुछ ही दिन में निकाल ली. पीड़ितों ने जब आरोपियों से धनराशि वापस करने की मांग की तो उन्होंने अंजाम भुगतने की धमकी दी गई.

इस मामले में पुलिस कमिश्नर के आदेश पर सचिन भाटी, रविंद्र शर्मा, धीरज शर्मा, सोनू शर्मा, ऋषिपाल, आस मोहम्मद, मोहम्मद,आकील, साकिर, विनीत कुमार गुप्ता, मुदस्सिर, साकिर, इरशाद, सलाउद्दीन, तारीकत खान, नरेंद्र व अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले में पहली गिरफ्तारी हो चुकी है. अन्य आरोपियों के बारे में भी अहम जानकारी मिली है. जल्द ही उन्हें भी दबोचने का दावा किया जा रहा है.

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