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जिलाधिकारी के आश्वासन पर खत्म हुआ जिम्स के नर्सिंग स्टाफ का धरना, 3 दिन बाद स्वास्थ्य सेवाएं शुरू - स्थाई करने की मांग को लेकर प्रदर्शन

राजकीय आयुर्वेद ज्ञान संस्थान (जिम्स) के नर्सिंग स्टाफ का धरना तीन दिनों बाद गुरुवार को खत्म हो गया. धरना खत्म होने के बाद अस्पताल में सुचारू रूप से स्वास्थ्य सेवाएं शुरू हुई. इस दौरान ओपीडी बंद होने से मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. GIMS nursing staff strike, government Ayurveda knowledge institute

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 19, 2023, 4:29 PM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: राजकीय आयुर्वेद ज्ञान संस्थान (जिम्स) में तीन दिन के धरने के बाद गुरुवार से स्वास्थ्य सेवाएं फिर से बहाल हो गई. ओपीडी के साथ अन्य सेवाएं शुरू होने से मरीजों को काफी राहत मिली. अपनी मांगों को लेकर जिम्स के लगभग 200 से अधिक नर्सिंग स्टाफ धरना दे रहे थे. बुधवार को जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद नर्सिंग स्टाफ ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर गुरुवार से काम शुरू किया.

क्या थी मांग: ग्रेटर नोएडा के कासना में स्थित जिम्स हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहा था. नर्सिंग स्टाफ का कहना था कि वो लोग यहां पर पिछले कई वर्षों से काम कर रहे हैं. कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी सेवाएं दी थी. कोविड काल के दौरान जिम्स के डायरेक्टर ने भविष्य में जिम्स हॉस्पिटल में होने वाली स्थायी भर्ती के लिए उन्हें को स्थायी नियुक्ति करने के लिए आश्वासन दिया था लेकिन अभी कुछ दिनों पहले जिम्स ने नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया, जिसमें बाहर के लोगों को प्राथमिकताएं दी जा रही थी.

जब जिम्स हॉस्पिटल द्वारा स्थायी नर्सिंग स्टाफ के लिए भर्तियां निकाली गई तो उन्होंने डायरेक्टर से उनकी नियुक्ति को लेकर बात की तो उन्होंने वादे से पलटते हुए उनको स्थायी करने से इनकार कर दिया. इसके बाद ही जिम्स हॉस्पिटल के 200 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.

जिलाधिकारी से मिले प्रदर्शनकारी: बुधवार शाम नर्सिंग स्टाफ जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा से मिले, जहां उन्होंने बताया कि नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए बाहर के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है. जबकि उन्होंने कोरोना के समय में अपनी जान को जोखिम में डालकर जिम्स हॉस्पिटल में सेवाएं दी थी. इसके बाद जिम्स के डायरेक्टर डॉ राकेश गुप्ता ने उन्हें भविष्य में स्थाई करने का आश्वासन दिया था.

नर्सिंग स्टाफ ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में बताया कि जब तक उनको स्थायी नहीं किया जाता है तब तक जिम्स हॉस्पिटल की तरफ से नियुक्त किया जाए. अभी वह कांटेक्ट बेस पर जिम्स हॉस्पिटल में सेवाएं दे रहे हैं और भविष्य में जब भी स्थायी नर्सिंग स्टाफ के लिए भर्ती निकली जाए तो उन्हीं को उसमें चयनित कर नियुक्त किया जाए. जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद सभी नर्सिंग स्टाफ ने धरना खत्म करते हुए काम शुरू कर दिया.

ये भी पढ़ें: Nursing staff strike: जिम्स में अस्थायी नर्सिंग स्टाफ ने मांगो को लेकर किया धरना प्रदर्शन, स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित; ओपीडी रहे बंद

मरीजों को हुई परेशानी: जिम्स हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ ने 16 अक्टूबर से तैयारी कार्यक्रम के तहत अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया था. इस दौरान उन्होंने अस्पताल के सभी कार्य को बंद कर दिया. नर्सिंग स्टाफ के प्रदर्शन के दौरान ओपीडी बंद हो गई, जिससे वहां आने वाले मरीज और अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

नर्सिंग स्टाफ के कारण 3 दिन तक चले उनके प्रदर्शन के दौरान हजारों मरीजों को बिना इलाज कराए वापस लौटना पड़ा. नर्सिंग स्टाफ के धरना प्रदर्शन के दौरान जिम्स हॉस्पिटल की स्वास्थ्य सेवाएं काफी प्रभावित हो गई.

ये भी पढ़ें: Polyclinic Services in Delhi: बिल्डिंग बनने के बाद भी नहीं शुरू हो पाया पॉलीक्लिनिक

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: राजकीय आयुर्वेद ज्ञान संस्थान (जिम्स) में तीन दिन के धरने के बाद गुरुवार से स्वास्थ्य सेवाएं फिर से बहाल हो गई. ओपीडी के साथ अन्य सेवाएं शुरू होने से मरीजों को काफी राहत मिली. अपनी मांगों को लेकर जिम्स के लगभग 200 से अधिक नर्सिंग स्टाफ धरना दे रहे थे. बुधवार को जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद नर्सिंग स्टाफ ने अपना धरना प्रदर्शन खत्म कर गुरुवार से काम शुरू किया.

क्या थी मांग: ग्रेटर नोएडा के कासना में स्थित जिम्स हॉस्पिटल में नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर पिछले तीन दिनों से धरना प्रदर्शन कर रहा था. नर्सिंग स्टाफ का कहना था कि वो लोग यहां पर पिछले कई वर्षों से काम कर रहे हैं. कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर अपनी सेवाएं दी थी. कोविड काल के दौरान जिम्स के डायरेक्टर ने भविष्य में जिम्स हॉस्पिटल में होने वाली स्थायी भर्ती के लिए उन्हें को स्थायी नियुक्ति करने के लिए आश्वासन दिया था लेकिन अभी कुछ दिनों पहले जिम्स ने नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला गया, जिसमें बाहर के लोगों को प्राथमिकताएं दी जा रही थी.

जब जिम्स हॉस्पिटल द्वारा स्थायी नर्सिंग स्टाफ के लिए भर्तियां निकाली गई तो उन्होंने डायरेक्टर से उनकी नियुक्ति को लेकर बात की तो उन्होंने वादे से पलटते हुए उनको स्थायी करने से इनकार कर दिया. इसके बाद ही जिम्स हॉस्पिटल के 200 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया.

जिलाधिकारी से मिले प्रदर्शनकारी: बुधवार शाम नर्सिंग स्टाफ जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा से मिले, जहां उन्होंने बताया कि नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए बाहर के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है. जबकि उन्होंने कोरोना के समय में अपनी जान को जोखिम में डालकर जिम्स हॉस्पिटल में सेवाएं दी थी. इसके बाद जिम्स के डायरेक्टर डॉ राकेश गुप्ता ने उन्हें भविष्य में स्थाई करने का आश्वासन दिया था.

नर्सिंग स्टाफ ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में बताया कि जब तक उनको स्थायी नहीं किया जाता है तब तक जिम्स हॉस्पिटल की तरफ से नियुक्त किया जाए. अभी वह कांटेक्ट बेस पर जिम्स हॉस्पिटल में सेवाएं दे रहे हैं और भविष्य में जब भी स्थायी नर्सिंग स्टाफ के लिए भर्ती निकली जाए तो उन्हीं को उसमें चयनित कर नियुक्त किया जाए. जिलाधिकारी के आश्वासन के बाद सभी नर्सिंग स्टाफ ने धरना खत्म करते हुए काम शुरू कर दिया.

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मरीजों को हुई परेशानी: जिम्स हॉस्पिटल के नर्सिंग स्टाफ ने 16 अक्टूबर से तैयारी कार्यक्रम के तहत अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया था. इस दौरान उन्होंने अस्पताल के सभी कार्य को बंद कर दिया. नर्सिंग स्टाफ के प्रदर्शन के दौरान ओपीडी बंद हो गई, जिससे वहां आने वाले मरीज और अस्पताल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

नर्सिंग स्टाफ के कारण 3 दिन तक चले उनके प्रदर्शन के दौरान हजारों मरीजों को बिना इलाज कराए वापस लौटना पड़ा. नर्सिंग स्टाफ के धरना प्रदर्शन के दौरान जिम्स हॉस्पिटल की स्वास्थ्य सेवाएं काफी प्रभावित हो गई.

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