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Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष में भूलकर भी ना करें ये 8 काम, वरना नाराज हो जाएंगे आपके पितर

पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही है और समापन 14 अक्टूबर को होगा. इस दौरान कुछ सतर्कता बरतने की मान्यता है. ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा ने बताया कि पितृपक्ष के दौरान कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 28, 2023, 1:02 PM IST

Updated : Sep 28, 2023, 1:17 PM IST

पितृपक्ष में भूलकर भी ना करें ये काम

नई दिल्लीः पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही है. पितृपक्ष का समापन शनिवार 14 अक्टूबर 2023 को सर्व पितृ अमावस्या तिथि पर होगा. 16 दिन तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों के लिए पिंडदान, तर्पण और श्रद्धा कर्म किया जाता है. पितृ पक्ष को लेकर मान्यता है कि इस दौरान पितरों की पूजा करने से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा बताते हैं कि पितृपक्ष के दौरान कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी है.

पितृपक्ष में इन बातों का रखें ध्यानः

  1. पितृपक्ष में आलस्य बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. दिन में कम सोएं. यदि दिन में सोने से बच सकते हैं तो और बेहतर है.
  2. पितृपक्ष के दौरान घर में सात्विकता रहनी चाहिए. इस दौरान सख्ती से ब्रह्मचर्य का पालन करें. पितृपक्ष की तिथियों में ब्रह्मचर्य से रहने का विधान है. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं. जिससे कि सांसारिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.
  3. पितरों के निमित्त जो भी भोजन तैयार करें, उसमें प्याज, लहसुन आदि का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें. तामसिक भोजन पितरों को प्रिया नहीं होता है.
  4. पितृपक्ष के दौरान अच्छा आचरण रखें और साथ ही अगर मौन रह सकते हैं तो यह और भी बेहतर है. इस दौरान किसी से अनावश्यक बात या फिर झूठे वादे करना अच्छा नहीं माना जाता है. अनैतिक कार्यों से भी पूर्णतः दूर रहना बताया गया है.
  5. पितृपक्ष के दौरान सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोने से पूर्णता बचना चाहिए. पितर प्रातः काल ही अपने वंशजों के यहां आते हैं.
  6. यदि संभव हो तो पितृपक्ष के दौरान शैय्या त्याग दें. जमीन पर सोना अच्छा होता है. पितरों को जो भोजन प्रिय है, उसे ब्राह्मणों को खिलाएं या फिर गरीबों को दान करें.
  7. पितृपक्ष के दौरान उड़द की दाल, छोले, बैगन, मूली आदि ना खाएं. श्रद्धा के दौरान इन चीजों को खाना निषेध बताया गया है.
  8. पितृपक्ष के दौरान लोहे का सामान खरीदने की मनाही बताई गई है. कहा जाता है कि इस दौरान लोहे का सामान खरीदने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.

पितृपक्ष की तिथियां

  • पूर्णिमा श्राद्ध: शुक्रवार, 29 सितंबर 2023
  • प्रतिपदा श्राद्ध: शनिवार, 30 सितंबर 2023
  • द्वितीया का श्राद्ध: रविवार, 1 अक्टूबर 2023
  • तृतीया श्राद्ध: सोमवार, 2 अक्टूबर 2023
  • चतुर्थी श्राद्ध: मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023
  • पंचमी श्राद्ध: बुधवार, 4 अक्टूबर 2023
  • षष्ठी श्राद्ध: गुरुवार, 5 अक्टूबर 2023
  • सप्तमी श्राद्ध: शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023
  • अष्टमी श्राद्ध: शनिवार, 7 अक्टूबर 2023
  • नवमी श्राद्ध: रविवार, 8 अक्टूबर 2023
  • दशमी श्राद्ध: सोमवार, 9 अक्टूबर 2023
  • एकादशी श्राद्ध: मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023
  • द्वादशी श्राद्ध: बुधवार, 11 अक्टूबर 2023
  • त्रयोदशी श्राद्ध: गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023
  • चतुर्दशी श्राद्ध: शुकवार, 13 अक्टूबर 2023
  • सर्व पितृ अमावस्या: शनिवार, 14 अक्टूबर 2023

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  1. Bhaum Pradosh Vrat 2023: भाद्रपद का पहला प्रदोष व्रत कब ? जानें तिथि, महत्व और शुभ मुहूर्त
  2. Aja Ekadashi 2023: कब है अजा एकादशी ? जानें शुभ मुहूर्त, महत्त्व और मंत्र

पितृपक्ष में भूलकर भी ना करें ये काम

नई दिल्लीः पितृपक्ष की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही है. पितृपक्ष का समापन शनिवार 14 अक्टूबर 2023 को सर्व पितृ अमावस्या तिथि पर होगा. 16 दिन तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान पूर्वजों के लिए पिंडदान, तर्पण और श्रद्धा कर्म किया जाता है. पितृ पक्ष को लेकर मान्यता है कि इस दौरान पितरों की पूजा करने से पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं. आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा बताते हैं कि पितृपक्ष के दौरान कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना बेहद जरूरी है.

पितृपक्ष में इन बातों का रखें ध्यानः

  1. पितृपक्ष में आलस्य बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए. दिन में कम सोएं. यदि दिन में सोने से बच सकते हैं तो और बेहतर है.
  2. पितृपक्ष के दौरान घर में सात्विकता रहनी चाहिए. इस दौरान सख्ती से ब्रह्मचर्य का पालन करें. पितृपक्ष की तिथियों में ब्रह्मचर्य से रहने का विधान है. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं. जिससे कि सांसारिक और भौतिक कष्टों से मुक्ति मिलती है.
  3. पितरों के निमित्त जो भी भोजन तैयार करें, उसमें प्याज, लहसुन आदि का प्रयोग बिल्कुल भी ना करें. तामसिक भोजन पितरों को प्रिया नहीं होता है.
  4. पितृपक्ष के दौरान अच्छा आचरण रखें और साथ ही अगर मौन रह सकते हैं तो यह और भी बेहतर है. इस दौरान किसी से अनावश्यक बात या फिर झूठे वादे करना अच्छा नहीं माना जाता है. अनैतिक कार्यों से भी पूर्णतः दूर रहना बताया गया है.
  5. पितृपक्ष के दौरान सूर्योदय और सूर्यास्त के समय सोने से पूर्णता बचना चाहिए. पितर प्रातः काल ही अपने वंशजों के यहां आते हैं.
  6. यदि संभव हो तो पितृपक्ष के दौरान शैय्या त्याग दें. जमीन पर सोना अच्छा होता है. पितरों को जो भोजन प्रिय है, उसे ब्राह्मणों को खिलाएं या फिर गरीबों को दान करें.
  7. पितृपक्ष के दौरान उड़द की दाल, छोले, बैगन, मूली आदि ना खाएं. श्रद्धा के दौरान इन चीजों को खाना निषेध बताया गया है.
  8. पितृपक्ष के दौरान लोहे का सामान खरीदने की मनाही बताई गई है. कहा जाता है कि इस दौरान लोहे का सामान खरीदने से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.

पितृपक्ष की तिथियां

  • पूर्णिमा श्राद्ध: शुक्रवार, 29 सितंबर 2023
  • प्रतिपदा श्राद्ध: शनिवार, 30 सितंबर 2023
  • द्वितीया का श्राद्ध: रविवार, 1 अक्टूबर 2023
  • तृतीया श्राद्ध: सोमवार, 2 अक्टूबर 2023
  • चतुर्थी श्राद्ध: मंगलवार, 3 अक्टूबर 2023
  • पंचमी श्राद्ध: बुधवार, 4 अक्टूबर 2023
  • षष्ठी श्राद्ध: गुरुवार, 5 अक्टूबर 2023
  • सप्तमी श्राद्ध: शुक्रवार, 6 अक्टूबर 2023
  • अष्टमी श्राद्ध: शनिवार, 7 अक्टूबर 2023
  • नवमी श्राद्ध: रविवार, 8 अक्टूबर 2023
  • दशमी श्राद्ध: सोमवार, 9 अक्टूबर 2023
  • एकादशी श्राद्ध: मंगलवार, 10 अक्टूबर 2023
  • द्वादशी श्राद्ध: बुधवार, 11 अक्टूबर 2023
  • त्रयोदशी श्राद्ध: गुरुवार, 12 अक्टूबर 2023
  • चतुर्दशी श्राद्ध: शुकवार, 13 अक्टूबर 2023
  • सर्व पितृ अमावस्या: शनिवार, 14 अक्टूबर 2023

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Last Updated : Sep 28, 2023, 1:17 PM IST
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