नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में एक व्यक्ति के अपहरण की झूठी जानकारी के चलते हड़कंप मच गया है. बिना समय गवाए पुलिस टीम जांच-पड़ताल में जुट गई, लेकिन जब जांच की गई तो पता चला कि अपहरण हुआ ही नहीं है बल्कि जिस व्यक्ति के अपहरण होने की बात कही है, उसे पुलिस उठाकर ले गई थी. मिली जानकारी के अनुसार पुलिस दूसरे जिले से आई और उस व्यक्ति को अपने साथ ले गई. यह पूरा मामला जानते हैं, जिसकी वजह से गाजियाबाद पुलिस को बिना वजह दौड़ लगानी पड़ी.
पुलिस को मिली अपहरण की फर्जी सूचना: मामला गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके का है, जहां पर गुरुवार रात पुलिस को सूचना मिली कि नरेश उर्फ नरेंद्र नाम के एक व्यक्ति को कुछ लोग अपहरण करके अपने साथ ले गए हैं. इसके बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और आसपास के थानों को भी इसकी सूचना दी. लेकिन इस बीच पता चला कि नरेंद्र का अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि उसे नोएडा पुलिस अपने साथ ले गई है.
नरेंद्र नोएडा पुलिस का वांछित आरोपी था, जिस पर थाना फेस 3 में मुकदमा दर्ज है. वह पुलिस को चकमा देकर वहां से फरार चल रहा था. सादी वर्दी में नोएडा पुलिस आई और आरोपी नरेंद्र को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई. इस दौरान कुछ लोगों ने आरोपित को सादी वर्दी में पुलिस कर्मियों द्वारा अपने साथ ले जाते हुए देखा, जिसके बाद स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी दी गई कि व्यक्ति का अपहरण हो गया है. बस फिर क्या था हड़कंप मच गया. वहीं डीसीपी ग्रामीण ने मामले में बयान भी जारी किया है.
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क्या स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई सूचना: डीसीपी ग्रामीण रवि कुमार का कहना है कि यह अपहरण का मामला नहीं है, बल्कि नोएडा पुलिस का वांछित आरोपी नरेंद्र का मोदीनगर में होने की सूचना नोएडा पुलिस को मिली थी. जिसके बाद पुलिस आई और आरोपी को अपने साथ पकड़ कर ले गई. सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे अपहरण होने की बात कही, जिसका पुलिस खंडन करती है. हालांकि सोशल मीडिया पर लोग यह भी कह रहे हैं कि अगर नोएडा पुलिस गाजियाबाद में आरोपी को पकड़ने के लिए आई थी तो स्थानीय पुलिस को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी. बहरहाल पुलिस के लिए राहत की बात यह है कि यह अपहरण का मामला नहीं है.
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