नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा के आठ हवाला कारोबारियों की गिरफ्तारी के मामले में कई खुलासे हुए (Disclosure in case of hawala traders arrest) हैं. आरोपियों ने बताया है कि बरामद नकदी सूरत के एक कारोबारी की है, जिसे आरोपी विपुल को पैसा देकर नोएडा भेजा था. कारोबारी ने विपुल को बीस का एक नोट दिया था, जिसे दिखाकर पैसे की डिलीवरी करनी थी. जिस व्यक्ति को पैसे मिलने थे, कारोबारी ने बीस का नोट का सीरियल नंबर उसे पहले ही भेज दिया था. इससे पहले गुरुवार शाम को थाना सेक्टर-58 पुलिस ने सेक्टर-55 से आठ हवाला कारोबारियों को गिरफ्तार किया था.
मामले में पुलिस के साथ आयकर विभाग की टीम ने भी आरोपियों से पूछताछ की. इसमें एक महिला के भी शामिल होने की जानकारी मिली थी, लेकिन उसका सीधा संबंध न होने के चलते उसे छोड़ दिया गया. हालांकि पुलिस अभी भी आयकर विभाग की टीम के साथ दबिश में जुटी हुई है.
नोएडा के एडिशनल डीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि डील के लिए हवाला कारोबारियों को 33 प्रतिशत का कमीशन मिलता था. कई आरोपी ऐसे भी थे, जो हवाला में पहली बार शामिल हुए थे. इस गिरोह का नेटवर्क पूरे देश में है, जो काले धन को सफेद करने का काम करता है. उन्होंने बताया कि सूरत के कारोबारी का पैसा लेकर विपुल, जयंती भाई और मिनेश नोएडा पहुंचे थे. मामले में फरार एक अन्य आरोपी की तलाश जारी है. पैसा किसको देना है, इसकी जानकारी सूरत में बैठा कारोबारी डिलीवरी के कुछ मिनट पहले गिरफ्त में आए सदस्यों को देने वाला था. उम्मीद है कि पूछताछ में और भी कई खुलासे हो सकते हैं. पुलिस और आयकर विभाग की टीमें, नोएडा-एनसीआर के साथ ही उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में भी जांच करने में जुटी हुई हैं.
उन्होंने यह भी बताया कि आरोपियों के पास से जो कार बरामद हुई है उसका मालिक श्रीकांत नाम का व्यक्ति है जो कर्नाटक का रहने वाला है. आरोपी रोहित जैन ने उससे यह कार ली थी. दोनों की मुलाकात हैदर नाम के व्यक्ति ने मुंबई में कराई थी. उन्होंने कहा कि इन तीन आरोपियों से अलग से भी पूछताछ की जाएगी.
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इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि बरामद रकम का उपयोग आगामी समय में अलग-अलग राज्यों में होने वाले चुनाव या क्रिकेट मैचों में किया जाने वाला था, लेकिन नोएडा पुलिस ने इससे साफ इंकार किया है. हालांकि यह बात सामने आई है कि इस गिरोह का ऑफिस दिल्ली के करोलबाग के कपड़ा बाजार में है, जहां से उत्तर भारत की डील तय होती है. साथ ही इस गिरोह का संबंध कोलकाता सहित कई अन्य शहरों से भी निकलकर सामने आ रहा है.
मामले में पुलिस और आयकर विभाग के साथ एटीएस ने भी जांच शुरू कर दी है. टीम द्वारा इस बात की भी जांच की जा रही है कि रकम का इस्तेमाल कहीं किसी आतंकी गतिविधि में तो नहीं किया जाना था. मामले में आरोपियों की निशानदेही पर नोएडा से 68 लाख रुपये और दिल्ली से 96 लाख रुपये बरामद किए जा चुके हैं जिसके बाद कुल बरामद रकम 2 करोड़ 64 लाख रुपये हो चुकी है. फिलहाल आरोपियों से नोएडा पुलिस और इनकम टैक्स विभाग पूछताछ करने में जुटी हुई है.
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