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खसरा के मामले बढ़ने की सबसे बड़ी वजह बच्चों का पूरी तरह से वैक्सीनेशन नहीं होना : डॉ. उर्मिला

दिल्ली में इस माह बच्चों में खसरा के मामले तेजी से बढ़े हैं. इस बारे में दिल्ली के चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय की निदेशक डॉ. उर्मिला ने ईटीवी से खास बातचीत में बताया कि खसरा के बढ़ते मामलों का कारण बच्चों का वैक्सीनेशन सही तरह से नहीं हो पाना है.

खसरा के बढ़ते मामले को लेकर चाचा नेहरू अस्पताल के डॉक्टर से खास बातचीत
खसरा के बढ़ते मामले को लेकर चाचा नेहरू अस्पताल के डॉक्टर से खास बातचीत
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Published : Nov 25, 2022, 6:43 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में खसरा के मामले में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में आम दिनों से ज्यादा बच्चों में खसरा के मामले सामने आए हैं. बढ़ते खसरा के मामले को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय की निदेशक डॉ. उर्मिला से बातचीत की. डॉ. उर्मिला ने इस बात की पुष्टि की है कि दिल्ली में आम दिनों की तुलना में बच्चों में खसरा के मामले बढ़े हैं.

इस माह अब तक आए हैं 12 मामले : उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में हर माह में खसरा के 2 से 4 मामले आते थे, लेकिन इस माह यह बढ़कर 12 हो गया है. डॉ उर्मिला ने कहा कि मामले जरूर बढ़े हैं लेकिन स्थिति गंभीर नहीं है. सभी बच्चे स्वस्थ हैं. किसी को भी आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ी है. डॉ उर्मिला का मानना है कि खसरा का मामला सामने आने की सबसे बड़ी वजह बच्चों में पूरी तरीके से वैक्सीनेशन नहीं कराना है.

खसरा के बढ़ते मामले को लेकर चाचा नेहरू अस्पताल के डॉक्टर से खास बातचीत

ये भी पढ़ें :- अमिताभ बच्चन का नाम, फोटो, आवाज और इमेज का इस्तेमाल अब पडे़गा भारी, कोर्ट का बड़ा फैसला

सही तरीके से वैक्सीनेशन नहीं होने से बढ़े मामले : शुरुआत के कुछ महीने से बच्चों के परिजन वैक्सीनेशन के लिए गंभीर रहते हैं लेकिन उसके बाद कई परिजन वैक्सीनेशन नहीं कराते हैं और वैक्सीनेशन का डोज पूरा नहीं हो पाता है. डॉ उर्मिला का कहना है कि कोरोना महामारी भी इसकी एक वजह हो सकती है. कोरोनाकाल में बहुत से परिजन बच्चों का सही तरीके से वैक्सीनेशन नहीं करा पाए, इस वजह से भी खसरे के मामले बढ़े हैं.

डॉक्टर का कहना है कि शुरुआती इलाज नहीं मिलने से खसरे का बीमारी जानलेवा हो सकती है. बच्चों को तेज बुखार, उल्टी, दस्त हो तो तुरंत डॉ से संपर्क करें. उर्मिला ने अपील की है कि बच्चों का टीकाकरण अवश्य करवाएं और वैक्सीनेशन को लेकर सरकार के सभी अभियान में भागीदार बनें.

मामले बढ़े लेकिन हालत चिंताजनक नहीं : इस महीने लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कलावती शरण चिकित्सा बाल चिकित्सालय में ओपीडी में अब तक 13 मामले आ चुके हैं. चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में 12 मामले आए हैं. एलएनजेपी में 5‚ सफदरजंग अस्पताल में 8‚ लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में 7 डीडीयू अस्पताल में 2 बच्चों में मीजल्स यानी खसरा के लक्षण पाए गए हैं.

हालांकि, इनमें से सिर्फ दो फीसद बच्चों को ही आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ी है. अन्य बच्चों को जरूरी सावधानी बरतने संबंधी चिकित्सक सलाह देकर घर पर ही कम से कम चार दिनों तक आइसोलेशन पर रखने की सलाह दी जा रही है.

ये भी पढ़ें :- क्लास रूम घोटाला : दिल्ली में 194 स्कूलों के 2400 नए क्लास रूम बनाने में हुई अनियमितता

नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में खसरा के मामले में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में आम दिनों से ज्यादा बच्चों में खसरा के मामले सामने आए हैं. बढ़ते खसरा के मामले को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय की निदेशक डॉ. उर्मिला से बातचीत की. डॉ. उर्मिला ने इस बात की पुष्टि की है कि दिल्ली में आम दिनों की तुलना में बच्चों में खसरा के मामले बढ़े हैं.

इस माह अब तक आए हैं 12 मामले : उन्होंने बताया कि उनके अस्पताल में हर माह में खसरा के 2 से 4 मामले आते थे, लेकिन इस माह यह बढ़कर 12 हो गया है. डॉ उर्मिला ने कहा कि मामले जरूर बढ़े हैं लेकिन स्थिति गंभीर नहीं है. सभी बच्चे स्वस्थ हैं. किसी को भी आईसीयू की जरूरत नहीं पड़ी है. डॉ उर्मिला का मानना है कि खसरा का मामला सामने आने की सबसे बड़ी वजह बच्चों में पूरी तरीके से वैक्सीनेशन नहीं कराना है.

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सही तरीके से वैक्सीनेशन नहीं होने से बढ़े मामले : शुरुआत के कुछ महीने से बच्चों के परिजन वैक्सीनेशन के लिए गंभीर रहते हैं लेकिन उसके बाद कई परिजन वैक्सीनेशन नहीं कराते हैं और वैक्सीनेशन का डोज पूरा नहीं हो पाता है. डॉ उर्मिला का कहना है कि कोरोना महामारी भी इसकी एक वजह हो सकती है. कोरोनाकाल में बहुत से परिजन बच्चों का सही तरीके से वैक्सीनेशन नहीं करा पाए, इस वजह से भी खसरे के मामले बढ़े हैं.

डॉक्टर का कहना है कि शुरुआती इलाज नहीं मिलने से खसरे का बीमारी जानलेवा हो सकती है. बच्चों को तेज बुखार, उल्टी, दस्त हो तो तुरंत डॉ से संपर्क करें. उर्मिला ने अपील की है कि बच्चों का टीकाकरण अवश्य करवाएं और वैक्सीनेशन को लेकर सरकार के सभी अभियान में भागीदार बनें.

मामले बढ़े लेकिन हालत चिंताजनक नहीं : इस महीने लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज से संबद्ध कलावती शरण चिकित्सा बाल चिकित्सालय में ओपीडी में अब तक 13 मामले आ चुके हैं. चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय में 12 मामले आए हैं. एलएनजेपी में 5‚ सफदरजंग अस्पताल में 8‚ लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल में 7 डीडीयू अस्पताल में 2 बच्चों में मीजल्स यानी खसरा के लक्षण पाए गए हैं.

हालांकि, इनमें से सिर्फ दो फीसद बच्चों को ही आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत पड़ी है. अन्य बच्चों को जरूरी सावधानी बरतने संबंधी चिकित्सक सलाह देकर घर पर ही कम से कम चार दिनों तक आइसोलेशन पर रखने की सलाह दी जा रही है.

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