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दिल्ली के भाविक बंसल ने मारी AIIMS की प्रवेश परीक्षा में बाजी, देशभर में किया टॉप

दिल्ली समेत देश के 15 एम्स में एमबीबीएस में दाखिले के लिए हुई प्रवेश परीक्षा के नतीजे बुधवार रात घोषित हो गए. इनमें दिल्ली के भाविक बंसल ने देशभर में प्रथम स्थान हासिल किया है.

परिवार के साथ भाविक
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Published : Jun 13, 2019, 1:28 PM IST

Updated : Jun 13, 2019, 1:45 PM IST

नई दिल्ली: बुधवार को रात 9 बजे एम्स प्रवेश परीक्षा एग्जाम का रिजल्ट आ गया. इसमें पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर में रहने वाले भाविक बंसल ने पूरे भारत में पहला रैंक हासिल किया है. भाविक की इस सफलता पर उनसे ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

टॉपर होने के अहसास को लेकर भाविक का कहना था, बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन यह बहुत सरप्राइजिंग था. पता नहीं था कि कैसा रिजल्ट आने वाला है, हालांकि पेपर अच्छा गया था. भाविक ने बताया उन्हें उनका ड्रीम कॉलेज मिल गया.

11वीं से ही शुरू कर दी थी तैयारी
तैयारियों को लेकर पूछने पर भाविक ने कहा, 'मैंने शुरू से ही एम्स दिल्ली के बारे में सोच रखा था और उसी को ध्यान में रखकर तैयारी कर रहा था.'

आपको बता दें कि 5 जून को आए नीट एग्जाम में भी भाविक ने ऑल इंडिया में दूसरा रैंक प्राप्त किया था. भाविक ने बताया कि इसके लिए वे आकाश प्रीत विहार से कोचिंग ले रहे थे. 11वीं 12वीं से ही उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी. फिजिक्स और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पर उन्होंने खास ध्यान दिया.

भाविक ने की ईटीवी भारत ने खास बातचीत

'माता-पिता ने किया प्रेरित'
भाविक ने बताया कि वे टॉपिक के हिसाब से पढ़ाई करते हैं, समय देखकर नहीं. भाविक ने कहा वे डॉक्टर बनने के बारे में चार-पांच साल पहले ही सोच चुके थे. भाविक ने बताया कि डॉक्टर बनना उनका अपना डिसीजन था और उनके पैरेंट्स ने इसमें काफी सहायता की और समय-समय पर मोटीवेट भी किया.

जिनका कम रैंक आया या जो असफल हो गए उनके लिए भाविक का मैसेज था कि एम्स इससे ज्यादा नीट पर फोकस करें, क्योंकि एम्स में कम सीटें हैं, हालांकि अगर आपको एम्स ही जाना है, तो फिर आपको फिजिक्स पर खास ध्यान देना चाहिए.

'शुरू से मेहनती हैं भाविक'
भाविक के पिता आरके बंसल दिल्ली सरकार में चीफ अकाउंटेंट हैं, और उनकी मां सीमा बंसल प्रोफेसर हैं. पिता ने बताया कि आज हमारी पहचान भाविक से है, आज लोग हमें भाविक के पिता के नाम से जान रहे हैं. वही मां ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनका बेटा टॉप करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि भाविक शुरू से ही ब्रिलियंट रहा है, कभी पढ़ने के लिए कहना नहीं पड़ा.

2 लाख बच्चों में किया टॉप
मेडिकल के क्षेत्र में जाने वाले हर लड़के का सपना होता है कि वो दिल्ली एम्स से पढ़ाई करे. इस बार एम्स में 1207 सीटें थीं और इसके लिए 2 लाख से ज्यादा बच्चों ने परीक्षा दी थी, जिसमें भाविक बंसल ने टॉप स्थान प्राप्त किया है.

नई दिल्ली: बुधवार को रात 9 बजे एम्स प्रवेश परीक्षा एग्जाम का रिजल्ट आ गया. इसमें पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर में रहने वाले भाविक बंसल ने पूरे भारत में पहला रैंक हासिल किया है. भाविक की इस सफलता पर उनसे ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.

टॉपर होने के अहसास को लेकर भाविक का कहना था, बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन यह बहुत सरप्राइजिंग था. पता नहीं था कि कैसा रिजल्ट आने वाला है, हालांकि पेपर अच्छा गया था. भाविक ने बताया उन्हें उनका ड्रीम कॉलेज मिल गया.

11वीं से ही शुरू कर दी थी तैयारी
तैयारियों को लेकर पूछने पर भाविक ने कहा, 'मैंने शुरू से ही एम्स दिल्ली के बारे में सोच रखा था और उसी को ध्यान में रखकर तैयारी कर रहा था.'

आपको बता दें कि 5 जून को आए नीट एग्जाम में भी भाविक ने ऑल इंडिया में दूसरा रैंक प्राप्त किया था. भाविक ने बताया कि इसके लिए वे आकाश प्रीत विहार से कोचिंग ले रहे थे. 11वीं 12वीं से ही उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी. फिजिक्स और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पर उन्होंने खास ध्यान दिया.

भाविक ने की ईटीवी भारत ने खास बातचीत

'माता-पिता ने किया प्रेरित'
भाविक ने बताया कि वे टॉपिक के हिसाब से पढ़ाई करते हैं, समय देखकर नहीं. भाविक ने कहा वे डॉक्टर बनने के बारे में चार-पांच साल पहले ही सोच चुके थे. भाविक ने बताया कि डॉक्टर बनना उनका अपना डिसीजन था और उनके पैरेंट्स ने इसमें काफी सहायता की और समय-समय पर मोटीवेट भी किया.

जिनका कम रैंक आया या जो असफल हो गए उनके लिए भाविक का मैसेज था कि एम्स इससे ज्यादा नीट पर फोकस करें, क्योंकि एम्स में कम सीटें हैं, हालांकि अगर आपको एम्स ही जाना है, तो फिर आपको फिजिक्स पर खास ध्यान देना चाहिए.

'शुरू से मेहनती हैं भाविक'
भाविक के पिता आरके बंसल दिल्ली सरकार में चीफ अकाउंटेंट हैं, और उनकी मां सीमा बंसल प्रोफेसर हैं. पिता ने बताया कि आज हमारी पहचान भाविक से है, आज लोग हमें भाविक के पिता के नाम से जान रहे हैं. वही मां ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनका बेटा टॉप करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि भाविक शुरू से ही ब्रिलियंट रहा है, कभी पढ़ने के लिए कहना नहीं पड़ा.

2 लाख बच्चों में किया टॉप
मेडिकल के क्षेत्र में जाने वाले हर लड़के का सपना होता है कि वो दिल्ली एम्स से पढ़ाई करे. इस बार एम्स में 1207 सीटें थीं और इसके लिए 2 लाख से ज्यादा बच्चों ने परीक्षा दी थी, जिसमें भाविक बंसल ने टॉप स्थान प्राप्त किया है.

Intro:बीती रात 9 बजे एम्स एंट्रेंस एग्जाम का रिजल्ट आया और इसमें पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर में रहने वाले भाविक बंसल ने पूरे भारत में पहला रैंक हासिल किया है. भाविक की इस सफलता पर उनसे ईटीवी भारत ने खास बातचीत की.


Body:नई दिल्ली: टॉपर होने के अहसास को लेकर भाविक का कहना था, बहुत अच्छा लग रहा है, लेकिन यह बहुत सरप्राइजिंग था. पता नहीं था कि कैसा रिजल्ट आने वाला है, हालांकि पेपर अच्छा गया था और यह पता था कि यह निकल जाएगा. भाविक ने बताया कि मैंने जिस कॉलेज के बारे में सोच रखा था जिस ड्रीम कॉलेज के बारे में, वह मुझे मिल गया.

तैयारियों को लेकर पूछने पर भाविक ने कहा कि मैं शुरू से ही एम्स दिल्ली के बारे में सोच रखा था और उसी को ध्यान में रखकर तैयारी कर रहा था. गौरतलब है कि 5 जून को आए नीट एग्जाम में भी भाविक ने ऑल इंडिया दूसरा रैंक प्राप्त किया था. भाविक ने बताया कि इसके लिए वे आकाश प्रीत विहार से कोचिंग ले रहे थे. 11वीं 12वीं से ही उन्होंने इसकी तैयारी शुरू कर दी थी. फिजिक्स और ऑर्गेनिक केमिस्ट्री पर उन्होंने खास ध्यान दिया.

यह पूछने पर कि इसके लिए कितने घंटे पढ़ाई करते थे. भाविक ने बताया कि मैंने टॉपिक के हिसाब से पढ़ाई की, कभी समय देखकर नहीं किया. डॉक्टर बनने के बारे में कब सोचा और क्यों सोचा, इसे लेकर सवाल करने पर भाविक का जवाब था कि चार-पांच साल पहले डॉक्टर बनने के बारे में सोचा था, हालांकि इसका कोई खास कारण नहीं था.

भाभी ने बताया कि डॉक्टर बनना उनका अपना डिसीजन था और उनके पैरेंट्स ने इसमें काफी सहायता की और काफी मोटिवेट भी किया. जिनका कम रैंक आया या जो असफल हो गए उनके लिए भाविक का मैसेज था कि एम्स इसे ज्यादा नीट पर फोकस करें, क्योंकि एम्स में कम सीटें हैं, हालांकि अगर आपको एम्स ही जाना है, तो फिर आपको फिजिक्स पर खास ध्यान देना चाहिए.

भाविक के पिता आरके बंसल दिल्ली सरकार में चीफ अकाउंटेंट हैं, वहीं उनकी मां सीमा बंसल प्रोफेसर हैं. पिता आरके बंसल ने बताया कि आज हमारी पहचान भाविक से है, आज लोग हमें भाविक के पिता के नाम से जान रहे हैं. वही मां ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद थी कि उनका बेटा टॉप करेगा. उन्होंने यह भी बताया कि भाविक शुरू से ही ब्रिलियंट रहा है, कभी पढ़ने के लिए कहना नहीं पड़ा. मैं चाहती थी कि मेरा बेटा मुझसे आगे जाए और वह आगे जाता दिख रहा है.


Conclusion:गौरतलब है कि मेडिकल के क्षेत्र में जाने वाले हर लड़के का सपना होता है कि वो दिल्ली एम्स से पढ़ाई करे. इस बार एम्स में 1207 सीटें थीं और इसके लिए 2 लाख से ज्यादा बच्चों ने परीक्षा दी थी, जिसमें भाविक बंसल ने टॉप स्थान प्राप्त किया है.
Last Updated : Jun 13, 2019, 1:45 PM IST
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