नई दिल्ली: दिल्ली के साइबर सेल की पुलिस टीम ने चीटिंग करने वाले रीयल लाइफ के एक "बंटी-बबली" की जोड़ी को गिरफ्तार किया है, जो बंटी-बबली फ़िल्म के रील करेक्टर से प्रेरित थे. दोनों मिलकर लोगों को "हनी ट्रैप" में फंसाते थे, और फिर उनका कैश, मोबाइल और कीमती सामान लेकर फरार हो जाते थे. इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान राखी उर्फ कशिश और संतोष कुमार भगत के रूप में हुई है. ये यूपी के कानपुर और हरियाणा के बल्लभगढ़ के रहने वाले हैं.
डीसीपी ईशा पांडेय के अनुसार, 4 अक्टूबर को साइबर सेल पुलिस को चीटिंग की शिकायत मिली थी. शिकायतकर्ता ने बताया कि सोशल साइट 'टैग्ड' के माध्यम से वो कशिश शुक्ला के संपर्क में आये थे. कुछ दिनों में वो काफी नजदीक हो गए, जिसके बाद एक दिन कशिश ने उनसे मिलने की बात कही, जिस पर शिकायतकर्ता ने उसे अपने घर पर बुलाया. 4 अक्टूबर को दोनों नीलम चौक पर मिले, जिसके बाद शिकायतकर्ता उसे सुबह 11 बजे अपने घर लेकर आ गया. जहां कशिश ने उसे कोल्ड ड्रिंक्स पीने को दिया. जिसे पीते ही वो बेहोश हो गए. जब होश आया तो उसने पाया कि उसका मोबाइल, डेबिट कार्ड, कैश और अन्य कार्ड सहित उसका वॉलेट के अलावा उसके घर से सोने-चांदी के आभूषण आदि गायब हैं. साथ ही उसके मोबाइल से एक लाख 23 हजार रुपए का ट्रांजेक्शन का भी पता चला.
शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर एसीपी ऑपरेशन मनोज कुमार की देखरेख में टीम का गठन कर मामले की जांच शुरू की गई और आरोपियों की पकड़ के लिए लगाया. जांच के दौरान पुलिस टीम ने उस एकाउन्ट की जांच की, जिसमें पीड़ित के मोबाइल को इस्तेमाल कर उसके एकाउन्ट से पैसों को ट्रांसफर किया गया था. साथ ही मोबाइल नम्बर के कॉल डिटेल रेकॉर्ड्स की भी जांच की गई, जिसमें आरोपी के फरीदाबाद से मसूरी और फिर मसूरी से कानपुर, इस तरह से लगातार लोकेशन के बदलने का पता चला.
आखिकार एक लंबे सर्विलांस के बाद पुलिस ने उसे हरियाणा में ट्रैक किया. इसके बाद कशिश उर्फ राखी को फरीदाबाद के एक ओयो होटल से दबोच लिया. उसके साथ मौजूद उसके साथी संतोष को भी उसके साथ पकड़ लिया गया. उनके पास से 8 मोबाइल, 3 सिम कार्ड, 10 डेबिट कार्ड, 4 वॉलेट, एलप्रजोलम के 250 ग्राम पाउडर-18 टेबलेट और 15 हजार कैश बरामद किया गया.
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पूछताछ में बताया कि वो बंटी-बबली मूवी के किरदारों से प्रेरित थे और दोनों ने एक-दूसरे का साथ देते हुए इस तरह की वारदात को अंजाम देने की योजना बनाई. उसके बाद ये लोग सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से लोगों से बात कर उनसे दोस्ती कर अपने जाल में फंसाते थे और फिर उसे अकेले में मिलने के लिए राजी करते थे. जब वो अपने शिकार से मिलते थे तो वो उसे बेहोशी की दवा देकर उसका कैश, मोबाइल और अन्य कीमती सामान लेकर चंपत हो जाते थे. उन्होंने खुलासा किया कि इस तरह से वो 20 लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं. इस मामले में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार कर आगे की जांच में जुट गई है.
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