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आडवाणी, सुषमा और उमर अब्दुला ने दी शीला दीक्षित को श्रद्धांजलि - delhi

शीला दीक्षित के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए शनिवार को पीएम मोदी, प्रणब मुखर्जी और सोनिया गांधी सहित कई नेता उनके घर पहुंचे थे. इसके साथ ही रविवार को आडवाणी, सुषमा और उमर अब्दुला ने भी उनके घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी.

प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी ने दी श्रद्धांजलि etv bharat
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Published : Jul 21, 2019, 1:40 PM IST

नई दिल्ली: शीला दीक्षित की अंतिम यात्रा शुरू हो चुकी है. शीला दीक्षित को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. अंतिम संस्कार में वीवीआईपी मौजूद रहेंगे, जिसके चलते सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए हैं.

शनिवार की शाम को शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वो 81 साल की थी. उनके पार्थिव शरीर को उनके घर निजामुद्दीन रखा गया था. यहां पर काफी संख्या में लोग सुबह से उनके दर्शन के लिए आ रहे हैं.

शिला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं उनके समर्थक

निगमबोध घाट पर होगा अंतिम संस्कार
यहीं से उनके पार्थिक शरीर को कांग्रेस कार्यालय ले जाया जा रहा है. इसके बाद करीब 2:30 बजे निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी ने दी श्रद्धांजलि
परिवार के सदस्यों के साथ-साथ आडवाणी, सुषमा और उमर अब्दुला ने भी श्रद्धांजलि दी है.
कांग्रेस नेताओं के आने सिलसिला जारी है. बीजेपी समेत दूसरी पार्टियों के नेता भी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस की पूर्व अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, शीला दीक्ष‍ित को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर पहुंचीं है.

प्रणब मुखर्जी ने किया शोक व्‍यक्‍त
पूर्व राष्‍ट्रपत‍ि प्रणब मुखर्जी भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. यहां उन्‍होंने शीला दीक्ष‍ित के नि‍धन पर शोक व्‍यक्‍त करते हुए कहा, मैं उन्‍हें तब से जानता था, जब उन्‍होंने राजनीति में एंट्री नहीं की थी. ऐसे प्रशासक और नेता का जाना हम सबके लिए बड़ी क्षति है.

दिल्ली के विकास में था शीला दीक्षित का योगदान
श्रद्धांजलि देने आ रहे उनके प्रशंसक और समर्थकों का कहना है कि दिल्ली के विकास में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का योगदान है.
उनके जाने से कांग्रेस को बहुत बड़ी क्षति हुई, जो कभी नहीं भर सकती. कार्यकताओं का कहना है कि हम चाहते हैं कि हमें ईश्वर शक्ति दे ताकि हम इस दुख की घड़ी को सहन कर सकें.

नई दिल्ली: शीला दीक्षित की अंतिम यात्रा शुरू हो चुकी है. शीला दीक्षित को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी. अंतिम संस्कार में वीवीआईपी मौजूद रहेंगे, जिसके चलते सुरक्षा के इंतजाम भी किए गए हैं.

शनिवार की शाम को शीला दीक्षित का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वो 81 साल की थी. उनके पार्थिव शरीर को उनके घर निजामुद्दीन रखा गया था. यहां पर काफी संख्या में लोग सुबह से उनके दर्शन के लिए आ रहे हैं.

शिला दीक्षित को श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं उनके समर्थक

निगमबोध घाट पर होगा अंतिम संस्कार
यहीं से उनके पार्थिक शरीर को कांग्रेस कार्यालय ले जाया जा रहा है. इसके बाद करीब 2:30 बजे निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.

प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी ने दी श्रद्धांजलि
परिवार के सदस्यों के साथ-साथ आडवाणी, सुषमा और उमर अब्दुला ने भी श्रद्धांजलि दी है.
कांग्रेस नेताओं के आने सिलसिला जारी है. बीजेपी समेत दूसरी पार्टियों के नेता भी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस की पूर्व अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, शीला दीक्ष‍ित को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर पहुंचीं है.

प्रणब मुखर्जी ने किया शोक व्‍यक्‍त
पूर्व राष्‍ट्रपत‍ि प्रणब मुखर्जी भी अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे. यहां उन्‍होंने शीला दीक्ष‍ित के नि‍धन पर शोक व्‍यक्‍त करते हुए कहा, मैं उन्‍हें तब से जानता था, जब उन्‍होंने राजनीति में एंट्री नहीं की थी. ऐसे प्रशासक और नेता का जाना हम सबके लिए बड़ी क्षति है.

दिल्ली के विकास में था शीला दीक्षित का योगदान
श्रद्धांजलि देने आ रहे उनके प्रशंसक और समर्थकों का कहना है कि दिल्ली के विकास में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का योगदान है.
उनके जाने से कांग्रेस को बहुत बड़ी क्षति हुई, जो कभी नहीं भर सकती. कार्यकताओं का कहना है कि हम चाहते हैं कि हमें ईश्वर शक्ति दे ताकि हम इस दुख की घड़ी को सहन कर सकें.

Intro:
शीला दीक्षित के निधन कल हुआ था आज उनके घर पर उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया हैं अंतिम दर्शनों के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है उनके पार्थिव शरीर को उनके घर निजामुद्दीन रखा गया है यहीं पर सुबह से लोग आ रहे हैं और उनके अंतिम दर्शन कर रहे हैं यहीं से उनके पार्थिक शरीर को कांग्रेस कार्यलय ले जाया जाएगा फिर उसके बाद उनका आज शाम निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा उनकी याद में कार्यकर्ता आ रहे हैं और उनके किए गए कार्यों को याद कर रहे हैं और उनको अपनी श्रद्धांजलि दे रहें हैं ।


Body:दिल्ली के विकास में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का योगदान है यह हम नहीं कह रहे हैं उनको श्रद्धांजलि देने आ रहे उनके प्रशंसक उनके समर्थक कह रहे हैं आज सुबह से उनके पार्थिव शरीर को उनके घर निजामुद्दीन रखा गया है यहां पर काफी संख्या में लोग सुबह से उनके दर्शनों के लिए आ रहे हैं और उनके आखरी दर्शन कर रहे हैं उनके जाने से कांग्रेस को बहुत बड़ी क्षति हुई है जो कभी नहीं भर सकती हैं कार्यर्ताओं का कहना है कि हम चाहते हैं कि हमें ईश्वर शक्ति दे ताकि हम इस दुख की घड़ी को सहन कर सकें ।

बाइट - श्रद्धांजलि देने वालों की


Conclusion:शीला दीक्षित भले ही इस दुनिया से चली गई हैं लेकिन उनकी यादें हमेशा लोगो के जहन में रहेंगी क्योंकि उन्होंने अपने 15 साल के कार्यकाल के दौरान दिल्ली का आमूलचूल विकास किया है उन्होंने दिल्ली में फ्लावर्स का जाल बिछाया इन तमाम विकास कार्यों की वजह से वो हमेशा दिल्लीवासियों के दिलो में बसी रहेंगी
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