नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा से भाजपा विधायक व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा किए गए एक वर्ष के निलंबन के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. मामले में मुख्य न्यायाधीश ने सुनवाई के लिए याचिका को शुक्रवार के लिए सूचीबद्ध किया है. यह याचिका वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता द्वारा संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत दायर की गई है.
याचिका में कहा गया है कि यह निलंबन संविधान के अनुच्छेद 194 के तहत सदन के सदस्य की शक्तियों और विशेषाधिकारों का उल्लंघन है. और तो और, यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की विधानसभा के अध्यक्ष का अवैध और मनमाना कृत्य है. मामला दायर करने वालों में अधिवक्ता नीरज, पवन नारंग और सत्य रंजन स्वैन शामिल हैं. दरअसल, दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में रोहिणी विधानसभा से भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता ने, सोमवार को पेश हुए आउटकम बजट के ब्योरा लीक होने का आरोप लगाते हुए विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि नियम के अनुसार इस तरह का नोटिस तीन घंटे पहले देना होता है. आप इस पर चर्चा कराने की भी मांग कर रहे हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि इसका मकसद हंगामा खड़ा करना और सदन का समय बर्बाद करना है. विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें कड़ी चेतावनी भी दी थी.
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वहीं दोपहर दो बजे के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, आप विधायक संजीव झा ने विजेंद्र गुप्ता पर बार-बार सदन को बाधित करने का आरोप लगाते हुए उन्हें एक साल के लिए सदन से निष्कासित करने की मांग की. इस पर विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने वोटिंग कराई तो आप विधायकों ने हां में जवाब दिया. प्रस्ताव को ध्वनिमत से पारित मानते हुए राम निवास गोयल ने विजेंद्र गुप्ता को एक साल के लिए विधानसभा से निष्कासित कर दिया. इसका भाजपा विधायकों ने जमकर विरोध किया. निष्कासन के चलते ही विधायक विजेंद्र गुप्ता विधानसभा के बुधवार के बजट सत्र में शामिल नहीं हो पाए थे.
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