नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली का खिड़की एक्सटेंशन तो आपको याद ही होगा, जहां वर्ष 2014 में दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती स्थानीय लोगों की शिकायत पर आधी रात रेड मारकर चर्चा में आए थे. इस दौरान उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने अफ्रीकी मूल की महिलाओं को घर से निकाल कर बदसलूकी की थी. इस मामले में उन्हें लंबे समय तक केस का सामना भी करना पड़ा था. अब यह इलाका एक बार फिर चर्चा में है.
विदेशी नागारिकों से स्थानीय लोग परेशान: दरअसल यहां रहने वाले अफ्रीकी नागरिकों से स्थानीय लोग परेशान हैं. उनका आरोप है कि यह लोग इलाके में कोकीन और हेरोइन तस्करी का धंधा करते हैं. यहां रहने वाले नाइजीरियन और केन्या के नागरिक बड़े पैमाने पर नशा तस्करी का काम करते हैं. पुरुष सदस्य, जहां नशा तस्करी का काम करते हैं, वहीं महिलाएं वेश्यावृत्ति कर रही हैं, जिससे इलाके का माहौल खराब हो रहा है. लोगों का कहना है कि रात 8 बजे ही खिड़की एक्सटेंशन का इलाका, किसी रेड लाइट एरिया की तरह नजर आने लगता है. इससे परेशान स्थानीय लोगों ने मालवीय नगर थाने में पुलिस को लिखित शिकायत दी है. वहीं पुलिस का कहना है कि ऐसे लोगों का पता चलने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है और समय-समय पर नशा तस्कर पकड़े जाते हैं.
हरियाणा से आते हैं लोग: पुलिस को दी गई शिकायत में स्थानीय लोगों ने बताया है कि रात के 8 बजते ही अफ्रीकी नागरिक अपने ग्राहकों की तलाश में निकल पड़ते हैं. पुरुष जहां ड्रग्स बेचने के लिए लोगों की तलाश में जुट जाते हैं, वहीं महिलाएं आधे अधूरे कपड़े पहनकर वैश्यावृत्ती में जुट जाती हैं. इसके लिए वह अश्लील इशारे भी करती हैं. लोगों की समस्या यह है कि यह सब काम उनके घरों के नीचे गलियों में होता है. स्थानीय लोगों ने पुलिस से मांग भी की है कि इलाके में बीट ऑफिसर की तैनाती की जाए और पेट्रोलिंग का टाइम और फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाए. फिलहाल स्थानीय लोग 10-15 लोगों का समूह बनाकर रात में गलियों में टहलकर पहरेदारी करते हैं. स्थानीय लोगों ने 15 दिन पहले यह पहरेदारी शुरू की थी और अब तक वे 50 ऐसे ग्राहकों को पकड़ चुके हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि लोगों को रोककर उनसे इन गलियों में आने का कारण पूछा जाता है. अगर वह वास्तविक कारण नहीं बता पाते हैं, तो उनका आधार कार्ड, मोबाइल नंबर आदि नोट करके उन्हें वापस भेज दिया जाता है और हिदायत भी दी जाती है कि दोबारा यहां न आएं. यहां पर नूंह, मेवात आदि जगहों से भी लोग आते हैं. कोई नशे की पुड़िया खरीदने आता है तो कोई इन महिलाओं के साथ सौदेबाजी करता हुआ नजर आता है.
बच्चों पर पड़ रहा बुरा प्रभाव: स्थानीय निवासी एडवोकेट प्रताप शर्मा ने बताया कि, ऐसे माहौल में यहां रहने वाले लोगों के बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. इन लोगों की हरकतों को देखकर बच्चे तरह-तरह के सवाल करते हैं. बच्चों के भविष्य को देखते हुए पुलिस को ऐसे लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए और क्षेत्र में नशे का धंधा बंद कराना चाहिए. स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुलिस इस इलाके में गश्त तेज कर दे और नशा तस्करी करने वालों की धरपकड़ करे तो इस पर रोक लग सकती है. उन्होंने बताया कि जिन फ्लैटों में यह महिलाएं रहती हैं उनमें रातभर युवकों का आना-जाना लगा रहता है. इससे क्षेत्र का माहौल खराब हो रहा है. वहीं, जो लोग किराए पर रहते हैं वह तो मकान खाली करके चले जाते हैं, लेकिन जिन लोगों के यहां अपने मकान हैं उनके पास कोई विकल्प नहीं है.
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इन इलाके के लोग भी अफ्रीकी नागरिकों से परेशान: राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में बड़ी संख्या में अफ्रीकी मूल के नागरिक रहते हैं. मालवीय नगर के खिड़की एक्सटेंशन, हौजरानी, पंचशील विहार, पंचशील एनक्लेव, सावित्री नगर, छतरपुर इलाके के राजपुर खुर्द, देवली के राजू पार्क और महरौली इलाके में बड़ी संख्या में अफ्रीकी नागरिक रहते हैं. ये कभी आपस में ही भिड़ कर इलाके में हंगामा खड़ा कर देते हैं तो कभी स्थानीय लोगों से झगड़ा करते हैं. लोगों का आरोप है कि यह लोग मुख्य रूप से नशा तस्करी और वेश्यावृत्ति के धंधे में लिप्त होते हैं, जिस कारण स्थानीय लोगों को परेशानी होती है.
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