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तीन दिन की वकीलों की हड़ताल में एक लाख से ज्यादा मामले हुए पेंडिंग

तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच हुए झगड़े की आग में अब आम जनता झुलसती नजर आ रही है. वकील पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर हैं, जिसकी वजह से एक लाख से भी ज्यादा मामले पेंडिंग हो गए हैं.

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Published : Nov 7, 2019, 7:41 AM IST

एक लाख से ज्यादा मामले हुए पेंडिंग

नई दिल्ली: राजधानी में पिछले तीन दिनों से वकीलों की चल रही हड़ताल के कारण एक लाख से ज्यादा मामलों की सुनवाई नहीं हो सकी. अगर ये हड़ताल लंबी खींची तो आंकड़ा और ज्यादा बढ़ जाएगा. वहीं पूरी घटना का केंद्र रहा तीस हजारी कोर्ट में ही पिछले तीन दिनों में 40 हजार से अधिक मामले लंबित हो गए. दिल्ली में नए बने राउज एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अलावा छह डिस्ट्रिक्ट कोर्ट हैं. इन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में करीब 400 कोर्ट रुम हैं. इनमें हर कोर्ट में 80 से 100 मामलों की सुनवाई होती है.

आगे की सुनवाई के लिए डेट मांगा
इस तरह एक मोटे अनुमान के मुताबिक पिछले तीन दिनों में एक लाख से ज्यादा मामलों पर सुनवाई नहीं हो सकी है. वकीलों की हड़ताल के दौरान जजों ने हर केस में आगे की डेट सुनवाई के लिए दे दिया और किसी भी मामले में प्रतिकूल आदेश जारी नहीं किया.

जेल में ही हो रही सुनवाई

वहीं क्रिमिनल मामलों में दिल्ली की जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों के रिमांड पर सुनवाई करने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेटों को जेल में ही तैनाती की गई. दरअसल कोर्ट परिसर में जेल वैन से कैदियों को लाना हड़ताल अवधि में संभव नहीं है, इसलिए जेल में ही कैदियों के रिमांड पर सुनवाई की जा रही है.

नई दिल्ली: राजधानी में पिछले तीन दिनों से वकीलों की चल रही हड़ताल के कारण एक लाख से ज्यादा मामलों की सुनवाई नहीं हो सकी. अगर ये हड़ताल लंबी खींची तो आंकड़ा और ज्यादा बढ़ जाएगा. वहीं पूरी घटना का केंद्र रहा तीस हजारी कोर्ट में ही पिछले तीन दिनों में 40 हजार से अधिक मामले लंबित हो गए. दिल्ली में नए बने राउज एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अलावा छह डिस्ट्रिक्ट कोर्ट हैं. इन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में करीब 400 कोर्ट रुम हैं. इनमें हर कोर्ट में 80 से 100 मामलों की सुनवाई होती है.

आगे की सुनवाई के लिए डेट मांगा
इस तरह एक मोटे अनुमान के मुताबिक पिछले तीन दिनों में एक लाख से ज्यादा मामलों पर सुनवाई नहीं हो सकी है. वकीलों की हड़ताल के दौरान जजों ने हर केस में आगे की डेट सुनवाई के लिए दे दिया और किसी भी मामले में प्रतिकूल आदेश जारी नहीं किया.

जेल में ही हो रही सुनवाई

वहीं क्रिमिनल मामलों में दिल्ली की जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों के रिमांड पर सुनवाई करने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेटों को जेल में ही तैनाती की गई. दरअसल कोर्ट परिसर में जेल वैन से कैदियों को लाना हड़ताल अवधि में संभव नहीं है, इसलिए जेल में ही कैदियों के रिमांड पर सुनवाई की जा रही है.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की अदालतों में पिछले तीन दिनों से चल रही हड़ताल की वजह एक लाख से ज्यादा मामलों की सुनवाई नहीं हो सकी। अगर हड़ताल लंबी खींची तो ये आंकडा और बढ़ जाएगा। पूरी घटना का केंद्र तीस हजारी कोर्ट में पिछले तीन दिनों में 40 हजार से अधिक केस लंबित हो गए।


Body:दिल्ली में नए बने राऊज एवेन्यू डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के अलावा छह डिस्ट्रिक्ट कोर्ट हैं। इन डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में करीब 400 कोर्ट रुम हैं। इनमें हर कोर्ट में 80 से 100 मामलों की सुनवाई होती है। इस तरह एक मोटे अनुमान के मुताबिक पिछले तीन दिनों में एक लाख से ज्यादा मामलों पर सुनवाई नहीं हो सकी।
वकीलों की हड़ताल के दौरान जजों ने हर केस में आगे की डेट सुनवाई के लिए दे दिया और किसी भी मामले में प्रतिकूल आदेश जारी नहीं किया।



Conclusion:क्रिमिनल मामलों में दिल्ली की जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों के रिमांड पर सुनवाई करने के लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेटों को जेल में ही तैनाती की गई। दरअसल कोर्ट परिसर में जेल वैन से कैदियों को लाना हड़ताल अवधि में संभव नहीं है इसलिए जेल में ही कैदियों के रिमांड पर सुनवाई की जा रही है।
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