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'भांग पर से हटे बैन', HC का केंद्र सरकार को नोटिस जारी

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Published : Nov 6, 2019, 3:09 PM IST

याचिका ग्रेट लेजिसलेशन मूवमेंट इंडिया ट्रस्ट की ओर से दाखिल की गई है, याचिका में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट(एनडीपीएस) के प्रावधान को चुनौती दी गई है.

केंद्र को नोटिस जारी

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में भांग के इस्तेमाल पर रोक और उसे अपराध करार देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच 5 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया हैं.

याचिका ग्रेट लेजिसलेशन मूवमेंट इंडिया ट्रस्ट की ओर से दाखिल की गई है, याचिका में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट(एनडीपीएस) के प्रावधान को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि भांग पर दूसरे खतरनाक रसायनों की तरह रोक लगाना मनमाना और अवैज्ञानिक है. याचिका में कहा गया है कि कई रिसर्च में भांग में चिकित्सकीय गुण पाए गए हैं.

याचिका में ये भी कहा गया था कि रिसर्च में पाया गया है कि भांग दर्द निवारक दवा की तरह भी काम करता है. यह पार्किंसन जैसी बीमारियों से उबरने में भी मदद करता है. याचिका में कहा गया था कि भांग की फसल का कई उद्योगों में इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर इसका औद्योगिक इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाती है तो इससे किसानों को भी काफी लाभ होगा.

याचिका में कहा गया था कि एनडीपीएस एक्ट के कई प्रावधान संविधान की धारा 14, 19, 21, 25 और 29 का उल्लंघन करती हैं.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में भांग के इस्तेमाल पर रोक और उसे अपराध करार देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच 5 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया हैं.

याचिका ग्रेट लेजिसलेशन मूवमेंट इंडिया ट्रस्ट की ओर से दाखिल की गई है, याचिका में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट(एनडीपीएस) के प्रावधान को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि भांग पर दूसरे खतरनाक रसायनों की तरह रोक लगाना मनमाना और अवैज्ञानिक है. याचिका में कहा गया है कि कई रिसर्च में भांग में चिकित्सकीय गुण पाए गए हैं.

याचिका में ये भी कहा गया था कि रिसर्च में पाया गया है कि भांग दर्द निवारक दवा की तरह भी काम करता है. यह पार्किंसन जैसी बीमारियों से उबरने में भी मदद करता है. याचिका में कहा गया था कि भांग की फसल का कई उद्योगों में इस्तेमाल किया जा सकता है. अगर इसका औद्योगिक इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाती है तो इससे किसानों को भी काफी लाभ होगा.

याचिका में कहा गया था कि एनडीपीएस एक्ट के कई प्रावधान संविधान की धारा 14, 19, 21, 25 और 29 का उल्लंघन करती हैं.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट ने देश में भांग के इस्तेमाल पर रोक और उसे अपराध करार देने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच 5 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।



Body:याचिका ग्रेट लेजिसलेशन मूवमेंट इंडिया ट्रस्ट की ओर से दाखिल की गई है। याचिका में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट(एनडीपीएस) के प्रावधान को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि भांग पर दूसरे खतरनाक रसायनों की तरह रोक लगाना मनमाना और अवैज्ञानिक है। याचिका में कहा गया है कि कई रिसर्च में भांग में चिकित्सकीय गुण पाए गए हैं।
याचिका में कहा गया था कि रिसर्च में पाया गया है कि भांग दर्द निवारक दवा की तरह भी काम करता है। यह पार्किंसन जैसी बीमारियों से उबरने में भी मदद करता है। याचिका में कहा गया था कि भांग की फसल का कई उद्योगों में इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर इसका औद्योगिक इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाती है तो इससे किसानों को भी काफी लाभ होगा।



Conclusion:याचिका में कहा गया था कि एनडीपीएस एक्ट के कई प्रावधान संविधान की धारा 14, 19, 21, 25 और 29 का उल्लंघन करती हैं।


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