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नागरिकता संशोधन बिल पर मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया, कहा- बिल हो वापस

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Published : Dec 11, 2019, 11:12 PM IST

नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ पूरे देश में विरोध देखने को मिल रहा है. उसी विरोध में मुस्लिम लोगों ने भी अपने विचार जाहिर किए है. उन्होंने कहा कि ये बिल मुस्लिम विरोधी साथ ही मजहब की बुनियाद को बांटने वाला है.

Muslims on citizenship amendment bill, said - the bill should be back
CAB पर मुस्लिमों का विरोध

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के विरोध में देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस बिल को लेकर यूं तो चारों तरफ से लोगों के रिएक्शन आ रहें हैं वहीं दिल्ली के मुस्लिम समुदाय ने भी इस बिल को लेकर अपने विचार जाहिर किए है.

बता दें कि ये बिल पिछले हफ्ते लोकसभा में पास होने के बाद आज राज्यसभा में पेश किया गया. इस विधेयक पर अब तक देशभर में चर्चाएं और बहस जारी है.

नागरिकता संशोधन बिल का विरोध

मुस्लिम लोगों ने कहा बिल हो वापस
ईटीवी भारत ने कुछ बुद्धिजीवी मुस्लिम लोगों से बात की तो उन्होंने इस बिल को वापिस लेने की इच्छा जताई और कहा कि ये बिल पूरी तरह से मजहब की बुनियाद को बांटने वाला है. इस असंवैधानिक बिल को हम पूरी तरह से नकारते हैं.

धर्मनिरपेक्ष छवि को दागदार करने वाला बिल
नागरिकता संशोधन विधेयक न केवल संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है बल्कि देश की धर्म निरपेक्ष छवि को दागदार करने वाला है. संविधान के आर्टिकल 14 और छठे शेड्यूल का भी सीधे तौर पर उल्लंघन हुआ है.

मुस्लिम विरोधी विधेयक
ये बिल पूरी तरह से मुस्लिम विरोधी और भारतीय संविधान के खिलाफ है. इस बिल को हम पूरी तरह से रिजेक्ट करते हैं.

मूलभूत जरूरतों से भटकाने के लिए संविधान विरोधी बिल
देश आर्थिक मंदी और बेरोजगारी से जूझ रहा है हम मानते हैं कि मूलभूत जरूरतों से ध्यान भटकाने के लिए संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन विधेयक बिल संसद में लाया जा रहा है जिसकी जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम है.

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल (CAB) के विरोध में देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस बिल को लेकर यूं तो चारों तरफ से लोगों के रिएक्शन आ रहें हैं वहीं दिल्ली के मुस्लिम समुदाय ने भी इस बिल को लेकर अपने विचार जाहिर किए है.

बता दें कि ये बिल पिछले हफ्ते लोकसभा में पास होने के बाद आज राज्यसभा में पेश किया गया. इस विधेयक पर अब तक देशभर में चर्चाएं और बहस जारी है.

नागरिकता संशोधन बिल का विरोध

मुस्लिम लोगों ने कहा बिल हो वापस
ईटीवी भारत ने कुछ बुद्धिजीवी मुस्लिम लोगों से बात की तो उन्होंने इस बिल को वापिस लेने की इच्छा जताई और कहा कि ये बिल पूरी तरह से मजहब की बुनियाद को बांटने वाला है. इस असंवैधानिक बिल को हम पूरी तरह से नकारते हैं.

धर्मनिरपेक्ष छवि को दागदार करने वाला बिल
नागरिकता संशोधन विधेयक न केवल संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है बल्कि देश की धर्म निरपेक्ष छवि को दागदार करने वाला है. संविधान के आर्टिकल 14 और छठे शेड्यूल का भी सीधे तौर पर उल्लंघन हुआ है.

मुस्लिम विरोधी विधेयक
ये बिल पूरी तरह से मुस्लिम विरोधी और भारतीय संविधान के खिलाफ है. इस बिल को हम पूरी तरह से रिजेक्ट करते हैं.

मूलभूत जरूरतों से भटकाने के लिए संविधान विरोधी बिल
देश आर्थिक मंदी और बेरोजगारी से जूझ रहा है हम मानते हैं कि मूलभूत जरूरतों से ध्यान भटकाने के लिए संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन विधेयक बिल संसद में लाया जा रहा है जिसकी जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम है.

Intro:नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में देशभर में प्रदर्शन किए जा रहे हैं, इस बिल को लेकर यूं तो चारों तरफ से रिएक्शन आने जा रही हैं वहीं दिल्ली के मुस्लिम समुदाय ने भी इस बिल को लेकर अपनी बेचैनी जाहिर की है बता दें कि यह बिल पिछले हफ्ते लोकसभा में पास होने के बाद आज राज्यसभा में पेश किया गया, इस विधेयक पर अब तक चर्चा बहस जारी है.

ईटीवी भारत ने कुछ अहम मुस्लिम लोगों से बात की तो उन्होंने इस बिल को वापिस लेने का मुतालबा किया, और और कहा कि यह बिल पूरी तरह से मजहब की बुनियाद पर बांटने वाला है, इस असंवैधानिक बिल को हम पूरी तरह से नकारते हैं. Body:धर्मनिरपेक्ष छवि को दागदार करने वाला बिल

नागरिकता संशोधन विधेयक न केवल संविधान की मूल भावनाओं के खिलाफ है बल्कि देश की धर्म निरपेक्ष छवि को दागदार करने वाला है, संविधान के आर्टिकल 14 और छठे शेड्यूल कभी सीधे तौर पर उल्लंघन हुआ है,

मुस्लिम विरोधी विधेयक

यह बिल पूरी तरह से मुस्लिम विरोधी वह भारतीय संविधान के खिलाफ है, इस दिल को हम पूरी तरह से रिजेक्ट करते हैं.

मूलभूत जरूरतों से भटकाने के लिए संविधान विरोधी बिल लाया जा रहा है

देश आर्थिक मंदी और बेरोजगारी से जूझ रहा है हम मानते हैं कि मूलभूत जरूरतों से ध्यान भटकाने के लिए संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन विधेयक बिल संसद में लाया जा रहा है, जिसकी जितनी भी निंदा की जाए उतनी कम है. Conclusion:Plz इनके neeche name भी lga दें !

बाईट :
मौलाना असद खान फलाही ( इस्लामिक स्कॉलर)
डॉक्टर ख्वाजा शाहिद ( पूर्व आईएएस)
मुफ्ती शमीम अहमद कासमी ( लीडर, जमीअत उलमा हिंद)
मौलवी जियाउल्लाह कासमी (सोशल वर्कर )
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