नई दिल्ली: जून माह की शुरुआत हो गई है. जून महीने में कई प्रमुख व्रत और त्योहार हैं. माह शुरू होते ही व्रत और त्योहारों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. ऐसे में आइए जानते हैं जून में आने वाले प्रमुख व्रत-त्योहार और महत्व के बारे में.
जून माह के सभी व्रत और त्योहार:
- 1 जून 2023 (गुरुवार): निर्जला एकादशी व्रत का पारण, प्रदोष व्रत
- 3 जून 2023 (शनिवार): वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
- 4 जून 2023 (रविवार): कबीर जयंती
- 5 जून 2023 (सोमवार): आषाढ़ मास आरंभ
- 7 जून 2023 (बुधवार): कृष्णपिङ्गल संकष्टी चतुर्थी
- 9 जून 2023 (शुक्रवार): पंचक प्रारंभ
- 10 जून 2023 (शनिवार): कालाष्टमी
- 13 जून 2023 (मंगलवार): पंचक समाप्त
- 14 जून 2023 (बुधवार): योगिनी एकादशी व्रत
- 15 जून 2023 (गुरुवार): मिथुन संक्रांति, प्रदोष व्रत
- 16 जून 2023 (शुक्रवार): मासिक शिवरात्रि
- 17 जून 2023 (शनिवार): रोहिणी व्रत, दर्श अमावस्या
- 18 जून 2023 (रविवार): आषाढ़ अमावस्या
- 19 जून 2023 (सोमवार): आषाढ़ नवरात्रि (गुप्त नवरात्रि) प्रारंभ, चंद्र दर्शन
- 22 जून 2023 (गुरुवार): विनायक चतुर्थी
- 25 जून 2023 (रविवार): भानु सप्तमी
- 29 जून 2023 (गुरुवार): गौरी व्रत प्रारम्भ, देवशयनी एकादशी
- 30 जून 2023 (शुक्रवार): देवशयनी एकादशी पारण, वासुदेव द्वादशी
जून महीने के प्रमुख व्रत-त्योहार:
3 जून 2023 (शनिवार) ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत: सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. ज्येष्ठ पूर्णिमा को जेठ पूर्णमासी भी कहा जाता है. इस दिन स्नान और दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
5 जून 2023 (सोमवार) आषाढ़ मास आरंभ: ज्येष्ठ पूर्णिमा के साथ ज्येष्ठ माह समाप्त हो जाएगा. ज्येष्ठ के बाद आषाढ़ माह की शुरुआत होगी. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक ज्येष्ठ चौथा महीना होता है. ऐसी मान्यता है कि आषाढ़ मास में सभी देवी देवता विश्राम करते हैं.
18 जून 2023 (रविवार) आषाढ़ अमावस्या: आषाढ़ अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के बाद पितरों का तर्पण किया जाता है. किसान अपनी खेती किसानी के उपकरणों की पूजा भी करते हैं.
19 जून 2023 (सोमवार) आषाढ़ नवरात्रि (गुप्त नवरात्रि) प्रारंभ: मान्यताओं के मुताबिक चैत्र और अश्विन नवरात्रि में शक्ति के नौ पावन स्वरूपों की पूजा अर्चना की जाती है. जबकि गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा के दस दिव्य स्वरूप की पूजा की जाती है.
नोट: ख़बर मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है ईटीवी भारत किसी प्रकार की मान्यता की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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