ETV Bharat / state

Kartik Month 2023: 29 अक्टूबर से शुरू हो रहा कार्तिक मास, ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-पूजा का क्या है लाभ ? - Kartik month is starting from 29th October

Kartik Month 2023: 29 अक्टूबर 2023 से कार्तिक मास की शुरुआत हो रही है, जो 27 नवंबर 2023 तक रहेगा. यानी कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को है. उस दिन कार्तिक मास का समापन हो जाएगा. इस पूरे महीने का क्या है विशेष महत्व और क्यों करना चाहिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-पूजा? बता रहे हैं गाजियाबाद के राजनगर स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं अनुसंधान केंद्र के आचार्य शिवकुमार शर्मा...

Kartik month is starting from 29th October
29 अक्टूबर से शुरू हो रहा कार्तिक मास
author img

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 28, 2023, 6:33 AM IST

Updated : Oct 28, 2023, 6:51 AM IST

29 अक्टूबर से शुरू हो रहा कार्तिक मास

नई दिल्ली: सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है. 29 अक्टूबर 2023 से कार्तिक मास की शुरुआत हो रही है, जो 27 नवंबर, 2023 तक रहेगा. यानी कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को है. उस दिन कार्तिक मास का समापन हो जाएगा. कार्तिक मास में ही देव उठानी एकादशी होती है, उसमें तुलसी विवाह करने का विधान होता है. इस पूरे महीने का क्या है विशेष महत्व और क्यों करना चाहिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-पूजा? बता रहें हैं गाजियाबाद के राजनगर स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं अनुसंधान केंद्र के आचार्य शिवकुमार शर्मा...

शास्त्रों में कार्तिक स्नान का बहुत बड़ा महत्व है. आचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, भारतवर्ष में कार्तिक और माघ मास में स्नान का महत्व है. यह सामान्य स्नान से हटकर होता है. महिलाएं और पुरुष भी कार्तिक मास में पूरे महीने प्रातः काल स्नान करने का संकल्प लेकर प्रात ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करते हैं. कुछ व्यक्ति तो तीर्थ क्षेत्र में या पवित्र नदियों के किनारे एक महीने रहते हैं और वहां पर लगातार ब्रह्म मुहूर्त में, तारों की छांव में स्नान करते हैं और तुलसी माता को जल देकर दिया जलाते हैं. साथ-साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आह्वान करके कार्तिक मास की कहानी सुनता है. उन्हें लक्ष्मी नारायण प्रसन्न होकर सुख समृद्धि और मोक्ष का आशीर्वाद देते हैं और जीवन में प्रसन्नता बनी रहती है.

स्नान करने के नियम: ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में अर्थात 3 बजे के बाद और 5 बजे के बीच में जागे. ठंडे जल से स्नान करें. यदि ठंडे जल में कुछ दिक्कत है तो गर्म जल का भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन नियम यही है कि प्रातकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठना है. स्नान करने के पश्चात घर में स्थित तुलसी माता के गमले के पास जाएं. घी का दीपक जलाकर, मिष्ठान मिश्री आदि रखें. भोग लगाएं. यदि एक से अधिक व्यक्ति या महिलाएं कार्तिक स्नान करती है तो घर के सभी सदस्य बैठकर कथा सुनें और कार्तिक मास की कहानी और आरती करें.

ये भी पढ़ें :Sharad Purnima 2023 : शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाएं या नहीं, कब करें माता लक्ष्मी की पूजा जानिए इस खबर में

ये भी पढ़ें :Clay Artefacts Exhibition: लोगों को खूब भा रही मिट्टी से बनी सुंदर कलाकृतियों की प्रदर्शनी

29 अक्टूबर से शुरू हो रहा कार्तिक मास

नई दिल्ली: सनातन धर्म में कार्तिक महीने का विशेष महत्व है. 29 अक्टूबर 2023 से कार्तिक मास की शुरुआत हो रही है, जो 27 नवंबर, 2023 तक रहेगा. यानी कार्तिक पूर्णिमा 27 नवंबर को है. उस दिन कार्तिक मास का समापन हो जाएगा. कार्तिक मास में ही देव उठानी एकादशी होती है, उसमें तुलसी विवाह करने का विधान होता है. इस पूरे महीने का क्या है विशेष महत्व और क्यों करना चाहिए ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-पूजा? बता रहें हैं गाजियाबाद के राजनगर स्थित शिव शंकर ज्योतिष एवं अनुसंधान केंद्र के आचार्य शिवकुमार शर्मा...

शास्त्रों में कार्तिक स्नान का बहुत बड़ा महत्व है. आचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक, भारतवर्ष में कार्तिक और माघ मास में स्नान का महत्व है. यह सामान्य स्नान से हटकर होता है. महिलाएं और पुरुष भी कार्तिक मास में पूरे महीने प्रातः काल स्नान करने का संकल्प लेकर प्रात ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करते हैं. कुछ व्यक्ति तो तीर्थ क्षेत्र में या पवित्र नदियों के किनारे एक महीने रहते हैं और वहां पर लगातार ब्रह्म मुहूर्त में, तारों की छांव में स्नान करते हैं और तुलसी माता को जल देकर दिया जलाते हैं. साथ-साथ भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आह्वान करके कार्तिक मास की कहानी सुनता है. उन्हें लक्ष्मी नारायण प्रसन्न होकर सुख समृद्धि और मोक्ष का आशीर्वाद देते हैं और जीवन में प्रसन्नता बनी रहती है.

स्नान करने के नियम: ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त में अर्थात 3 बजे के बाद और 5 बजे के बीच में जागे. ठंडे जल से स्नान करें. यदि ठंडे जल में कुछ दिक्कत है तो गर्म जल का भी प्रयोग कर सकते हैं, लेकिन नियम यही है कि प्रातकाल ब्रह्म मुहूर्त में उठना है. स्नान करने के पश्चात घर में स्थित तुलसी माता के गमले के पास जाएं. घी का दीपक जलाकर, मिष्ठान मिश्री आदि रखें. भोग लगाएं. यदि एक से अधिक व्यक्ति या महिलाएं कार्तिक स्नान करती है तो घर के सभी सदस्य बैठकर कथा सुनें और कार्तिक मास की कहानी और आरती करें.

ये भी पढ़ें :Sharad Purnima 2023 : शरद पूर्णिमा के दिन खीर बनाएं या नहीं, कब करें माता लक्ष्मी की पूजा जानिए इस खबर में

ये भी पढ़ें :Clay Artefacts Exhibition: लोगों को खूब भा रही मिट्टी से बनी सुंदर कलाकृतियों की प्रदर्शनी

Last Updated : Oct 28, 2023, 6:51 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.