ETV Bharat / state

एम्स के कोर्ट रूम में दर्ज हुआ उन्नाव रेप पीड़िता का बयान, आरोपी सेंगर भी हुआ पेश

सुनवाई के लिए बनाए गई इस अस्थायी कोर्ट में बयान दर्ज करने के दौरान किसी भी तीसरे पक्ष को अंदर घुसने की मनाही थी. दरअसल जज धर्मेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी जाए.

author img

By

Published : Sep 11, 2019, 7:02 PM IST

Updated : Sep 11, 2019, 10:55 PM IST

एम्स के कोर्ट रूम में दर्ज हुए उन्नाव रेप पीड़िता का बयान

नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रहे तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रामा सेंटर जाकर बनी अस्थायी कोर्ट में पीड़िता के बयान दर्ज किये. पीड़िता का एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा है और एम्स अस्पताल में ही अस्थाई कोर्ट बनाई गई है.

पीड़िता का बयान इन-कैमरा दर्ज किया गया है. बयान दर्ज करने के दौरान आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी ट्रामा सेंटर में बनाए गए अस्थायी कोर्ट में पेश किया गया था.

सुनवाई के लिए बनाए गई इस अस्थायी कोर्ट में बयान दर्ज करने के दौरान किसी भी तीसरे पक्ष को अंदर घुसने की मनाही थी. दरअसल जज धर्मेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी जाए.

6 सितंबर को बनाई गई थी अस्थाई कोर्ट
उनकी अर्जी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 6 सितंबर को एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी थी. आदेश मिलने के बाद पिछले 7 अगस्त को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स प्रशासन को ट्रामा सेंटर को अस्थायी कोर्ट बनाने के लिए जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दिया था. अस्पताल प्रशासन ने कोर्ट को बताया था कि पीड़िता अपने बयान दर्ज कराने की स्थिति में है.

पिछले 6 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समय सीमा को बढ़ाये जाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा था कि आगे भी समय सीमा बढ़ाये जाने की ज़रूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं.

पिछले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा. दरअसल इस मामले के एक आरोपी शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है.

नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रहे तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रामा सेंटर जाकर बनी अस्थायी कोर्ट में पीड़िता के बयान दर्ज किये. पीड़िता का एम्स अस्पताल में इलाज चल रहा है और एम्स अस्पताल में ही अस्थाई कोर्ट बनाई गई है.

पीड़िता का बयान इन-कैमरा दर्ज किया गया है. बयान दर्ज करने के दौरान आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी ट्रामा सेंटर में बनाए गए अस्थायी कोर्ट में पेश किया गया था.

सुनवाई के लिए बनाए गई इस अस्थायी कोर्ट में बयान दर्ज करने के दौरान किसी भी तीसरे पक्ष को अंदर घुसने की मनाही थी. दरअसल जज धर्मेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी जाए.

6 सितंबर को बनाई गई थी अस्थाई कोर्ट
उनकी अर्जी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 6 सितंबर को एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी थी. आदेश मिलने के बाद पिछले 7 अगस्त को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स प्रशासन को ट्रामा सेंटर को अस्थायी कोर्ट बनाने के लिए जरूरी इंतजाम करने का निर्देश दिया था. अस्पताल प्रशासन ने कोर्ट को बताया था कि पीड़िता अपने बयान दर्ज कराने की स्थिति में है.

पिछले 6 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समय सीमा को बढ़ाये जाने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा था कि आगे भी समय सीमा बढ़ाये जाने की ज़रूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं.

पिछले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा. दरअसल इस मामले के एक आरोपी शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है.

Intro:नई दिल्ली। उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रहे तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने आज एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया। पीड़िता का एम्स में इलाज चल रहा है। पीड़िता का बयान इन-कैमरा दर्ज किया गया । बयान दर्ज करने के दौरान आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को भी ट्रामा सेंटर में बनाए गए अस्थायी कोर्ट में पेश किया गया था।



Body:सुनवाई के लिए बनाए गए इस अस्थायी कोर्ट में बयान दर्ज करने के दौरान किसी भी तीसरे पक्ष को अंदर घुसने की मनाही थी। दरअसल जज धर्मेश शर्मा ने दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि पीड़िता का बयान दर्ज करने के लिए एम्स को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी जाए। उनकी अर्जी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने पिछले 6 सितंबर को एम्स के ट्रामा सेंटर के परिसर को अस्थायी कोर्ट बनाने की अनुमति दी थी। हाईकोर्ट का आदेश मिलने के बाद पिछले 7 अगस्त को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स प्रशासन को ट्रामा सेंटर को अस्थायी कोर्ट बनाने के लिए जररी इंतजाम करने का निर्देश दिया था। अस्पताल प्रशासन ने कोर्ट को बताया था कि पीड़िता अपने बयान दर्ज कराने की स्थिति में है। 
पिछले 6 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने ट्रायल पूरा करने के लिए 45 दिन की समयसीमा को बढ़ाये जाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसकी इजाजत देते हुए कहा था कि आगे भी समयसीमा बढ़ाये जाने की ज़रूरत महसूस होने पर वो सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं।



Conclusion:पिछले 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले की सुनवाई कर रही दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट से पूछा था कि मामले की सुनवाई करने में कितना समय लगेगा। दरअसल इस मामले के एक आरोपी शशि सिंह ने कोर्ट को बताया कि इस केस से जुड़े दुर्घटना मामले में सीबीआई की ओर से अभी तक आरोपपत्र दाखिल नहीं किया गया है।
Last Updated : Sep 11, 2019, 10:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.