नई दिल्ली: अबू धाबी में आईआईटी दिल्ली कैंपस की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में में शिक्षा मंत्रालय और अबू धाबी के शिक्षा एवं ज्ञान विभाग के साथ इस उद्देश्य से समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये हैं. 2022 की शुरुआत में दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) में संयुक्त अरब अमीरात में एक आईआईटी परिसर की स्थापना की कल्पना की गई थी.
देश के लिए सामरिक महत्व के प्रयास के रूप में उचित समय पर, इसे लागू करने के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा आईआईटी दिल्ली की पहचान की गई थी. आईआईटी दिल्ली द्वारा अबू धाबी को आईआईटी दिल्ली का एक अनुसंधान केंद्रित परिसर बनाने की कल्पना की गई है जो स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट स्तर पर डिग्री प्रदान करेगा और अबू धाबी व संयुक्त अरब अमीरात के अनुसंधान और शैक्षणिक पारिस्थितिकी तंत्र में योगदान देगा.
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, IIT दिल्ली के अबू धाबी परिसर में जनवरी 2024 से स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम और अगले साल सितंबर से स्नातक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की जाएगी. उम्मीद है कि आईआईटी दिल्ली अबू धाबी ऊर्जा और स्थिरता, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग, हेल्थकेयर, गणित और कंप्यूटिंग और इंजीनियरिंग, विज्ञान और मानविकी के अन्य विषयों को कवर करते हुए विविध प्रकार के कार्यक्रमों की पेशकश करेगा.
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आईआईटी दिल्ली ने पहले ही देश के शैक्षणिक इको-सिस्टम के लिए अपनी पेशकश के हिस्से के रूप में संयुक्त अरब अमीरात के स्कूली छात्रों के लिए आउटरीच कार्यक्रम शुरू कर दिया है. उद्योग के लिए लघु पाठ्यक्रम और कार्यकारी कार्यक्रम जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है. इस अवसर पर, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी ने कहा कि हमारा नया अबू धाबी परिसर हमारे लिए एक चुनौती और अवसर है, ताकि हम यह सुनिश्चित कर सकें कि हमारी शिक्षा और अनुसंधान वैश्विक प्रभाव डाले.
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