नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने शवों के अंतिम संस्कार करने के मामले में दिल्ली के हेल्थ सेक्रेटरी, चीफ सेक्रेटरी और एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर आज सुनवाई फिर टाल दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच को ये सूचित किया गया कि ऐसी ही याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 20 जुलाई को सुनवाई होनी है जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई टालने का आदेश दिया.
आज सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से एएसजी संजय जैन ने कोर्ट को बताया कि कोरोना की वजह से चार डॉक्टरों की मौत हो चुकी है और हजारों हेल्थकेयर वर्कर्स संक्रमित हो गए हैं. इस दौर में ये काफी मुश्किल है कि स्थिति को संभाला जाए. ऐसे में शवों के अंतिम संस्कार के प्रबंधन के मामले पर दायर याचिका निरर्थक हो गई है. जैन ने कहा कि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में 20 जुलाई को सुनवाई होनी है. उसके बाद कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित है इसलिए इस पर अगली सुनवाई 29 जुलाई को होगी.
शवों को वार्ड में रखने का वीडियो सामने आया
याचिका वकील अवध कौशिक ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार दिल्ली हाईकोर्ट को ये आश्वस्त करें कि शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि मीडिया में चल रहे वीडियो में दिखाया गया है कि कोरोना संक्रमित शवों को उन्हीं वार्ड के कॉरीडोर में रखा गया है जहां कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है. ये वीडियो भयावह है.
अधिकारी स्वयं उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करें
याचिका में कहा गया है कि हेल्थ सेक्रेटरी, चीफ सेक्रेटरी और एलएनजेपी अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर ने खुद के हलफनामे का उल्लंघन किया है जिसमें कहा गया था कि कोई भी शव अस्पताल के वार्ड या कॉरिडोर में नहीं रखे जाएंगे. याचिका में इन अधिकारियों को कोर्ट में स्वयं उपस्थित होकर इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश देने की मांग की गई है. ये अफसर कोर्ट में दिए हलफनामे का भी पालन नहीं कर रहे हैं. याचिका में एलएनजेपी अस्पताल का निरीक्षण कर वहां की स्थिति पर एक रिपोर्ट सौंपने के लिए एक कमेटी का गठन किए जाने की मांग की गई है.
अफसरों पर अवमानना प्रक्रिया शुरू करने की मांग
याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने हाल ही में कोर्ट को ये आश्वासन दिया कि शवों का अंतिम संस्कार समयबद्ध तरीके से किया जाएगा. लेकिन हाल में खबरों के वीडियो में दिखाया गया है कि शवों या बेहोश मरीजों को उसी वार्ड के फर्श पर या बेड के नीचे रखे गए हैं जहां कोरोना के मरीजों का इलाज चल रहा है. ये खबरें इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया शुरू करने के लिए पर्याप्त हैं.