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Rabies Alert: कुत्तों के बढ़ते आतंक को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी, जानें कैसे करें बचाव

गाजियाबाद में इस वक्त लगातार डॉग बाइट के मामले सामने आ रहे हैं. इससे लोगों में कुत्तों को लेकर भय है. स्वास्थ विभाग ने रेबीज को लेकर एडवाइजरी भी जारी की है. आइए जानते हैं रेबीज और उससे बचने के उपायों के बारे में...

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 9, 2023, 12:13 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है. यहां गली-गली में आवारा कुत्तों का झुंड है, जिसके खौफ के साए में बच्चे जी रहे हैं. इस साल जनवरी से अगस्त के बीच जिला एमएमजी अस्पताल में 25 हजार से अधिक लोगों को रेबीज की वैक्सीन लगाई गई है. जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ राकेश कुमार गुप्ता के मुताबिक आजकल पालतू पशु हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं. ऐसे में मनुष्य के संपर्क में विभिन्न जानवरों विशेषकर कुत्तों का आना और उनके साथ रहना स्वभाविक हो गया है. लेकिन इन जानवरों से बहुत से रोग भी हो सकते हैं. ऐसा ही एक रोग है रेबीज. यह रोग विशेषकर कुत्ते के काटने से फैलता है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है.

रेबीज के लक्षण आने पर इलाज संभव नहीं: डॉक्टर ने कहा कि इस बीमारी का बचाव 100 प्रतिशत संभव और कारगर है. लेकिन रेबीज के लक्षण आने पर इलाज संभव नहीं है और मृत्यु दर 100 प्रतिशत है. ज्यादातर रेबीज के केस 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों में होते हैं, क्योंकि बच्चों में अधिकतर कुत्तों के काटने, चाटने, खरोचने या लार के त्वचा, आंख, नाक, और मुंह के संपर्क में आने के केस नजर अंदाज हो जाते हैं. रेबीज से बचने के लिए कुत्तों का टीकाकरण किया जाना अत्यन्त आवश्यक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यदि 70% कुत्तों की आबादी भी रेबीज के टीकाकरण से प्रतिरक्षित हो जाती है तो रेबीज से मुक्ति मिल सकती है.

रेबीज के लक्षण
रेबीज के लक्षण

० रेबीज के लक्षण

आपको बता दें रेबीज एक बीमारी है जो विषाणुओं से फैलती है. अगर कोई जानवर इस बीमारी से संक्रमित है और उसने किसी इंसान को काट लिया तो यह विषाणु उस व्यक्ति में भी चले जाते हैं और बाद में अगर उसे सही समय पर इलाज ना मिला तो उसकी मौत हो जाती है. ये हैं इस बीमारी के लक्षण:

  • मरीज के शरीर में तेज दर्द महसूस होगा.
  • इसके साथ ही पूरी बॉडी में थकावट रहेगी.
  • मरीज को तेज बुखार आने लगेगा.
  • हवा और पानी से भी डर लगने लगेगा.
  • मरीज हमेशा अंधेरे में रहने की कोशिश करेगा.
  • अजीब अजीब सी आवाजें भी निकलने लगता है.
  • मुंह की मांसपेशियों के पक्षाघात से मुंह खुला रखता है.

० किन-किन जानवरों के काटने से रेबीज होता है

अभी तक आपने जितने भी मामले सुने होंगे, उनमें ज्यादातर कुत्तों के काटने से ही रेबीज फैलने की बात सुनी होगी. हालांकि, ऐसा नहीं है. कई और जानवर भी ऐसे हैं जिनके काटने, खरोंचने या फिर उनके संपर्क में आने से भी आपको रेबीज हो सकता है. साफ शब्दों में कहें तो अगर किसी कुत्ता, बिल्ली, बंदर, नेवला, लोमड़ी, सियार या फिर गिलहरी, चूहे और खरगोश को रेबीज की बीमारी है तो आपको इन जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए. क्योंकि अगर इन्होंने आपको काट लिया या खरोंच लिया तो आप रेबीज के शिकार हो सकते हैं.

० कुत्ते के काटे पर क्या करें

  1. कुत्ते से काटे जाने पर अवश्य रूप से टीकाकरण कराये और बच्चों को समझाये कि ऐसे किसी भी परिस्थिति को न छुपाये. किसी भी जानवरों द्वारा काटे जाने पर रेबीज हो सकता है.
  2. अगर किसी व्यक्ति को कुत्ता, बिल्ली, चूहा, बंदर, चमगादड़, बबून, खरगोश और नेवला आदि काट ले तो जख्म को तुरन्त साबुन से चलते पानी में 15 मिनट तक धोना चाहिए.
  3. जख्मों को कीटाणू रहित अल्कोहल जा आयोडिन से साफ करना चाहिए. जख्मों को बार-बार छूना नहीं चाहिए. जख्मों को बांधे नही और न ही घरेलू पदार्थ आदि लगाएं. मरीज को इलाज हेतु जल्द से जल्द किसी नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या डाक्टर के पास जाना चाहिए.
  4. सभी डिविजनल अस्पतालों, जिला अस्पतालों तथा सामुदायिक सेहत केंद्र में रोजाना रेबीज का टीका मुफ्त लगाया जाता है.
  5. बच्चों को आवारा जानवरों से दूर रहना चाहिए.
  6. इसके साथ ही कम से कम 10 दिन तक कुत्ते की निगरानी करें और हो सके तो बांध कर रखें, क्योंकि आमतौर पर 10 दिन के भीतर रेबीज से संक्रमित कुत्ते में इस रोग के लक्षण दिखेंगे या वह मर जाएगा.

० कुत्ते के काटे पर क्या न करें
विशेष ध्यान रखें कि घाव पर लाल मिर्च मसाला, चुना, हल्दी, बाम, किसी पौधे या फलों का रस आदि कोई भी ज्वलनशील पदार्थ बिलकुल न डालें, क्योंकि इससे रेबीज के वायरस को शरीर में फैलने में मदद मिलती है.

कुत्ते के काटे पर क्या करें
कुत्ते के काटे पर क्या करें

यह भी पढ़ें- कुत्ते के शिकार बच्चे के परिजनों की जांच करने नहीं पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम, परिजनों ने जताई नराजगी

यह भी पढ़ें-कुत्ता काटे तो 15 मिनट तक साफ पानी और साबुन से धोएं, फिर जाएं अस्पताल..., जानें रेबीज से बचने के उपाय

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद में आवारा कुत्तों ने आतंक मचा रखा है. यहां गली-गली में आवारा कुत्तों का झुंड है, जिसके खौफ के साए में बच्चे जी रहे हैं. इस साल जनवरी से अगस्त के बीच जिला एमएमजी अस्पताल में 25 हजार से अधिक लोगों को रेबीज की वैक्सीन लगाई गई है. जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ राकेश कुमार गुप्ता के मुताबिक आजकल पालतू पशु हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुके हैं. ऐसे में मनुष्य के संपर्क में विभिन्न जानवरों विशेषकर कुत्तों का आना और उनके साथ रहना स्वभाविक हो गया है. लेकिन इन जानवरों से बहुत से रोग भी हो सकते हैं. ऐसा ही एक रोग है रेबीज. यह रोग विशेषकर कुत्ते के काटने से फैलता है. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है.

रेबीज के लक्षण आने पर इलाज संभव नहीं: डॉक्टर ने कहा कि इस बीमारी का बचाव 100 प्रतिशत संभव और कारगर है. लेकिन रेबीज के लक्षण आने पर इलाज संभव नहीं है और मृत्यु दर 100 प्रतिशत है. ज्यादातर रेबीज के केस 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों में होते हैं, क्योंकि बच्चों में अधिकतर कुत्तों के काटने, चाटने, खरोचने या लार के त्वचा, आंख, नाक, और मुंह के संपर्क में आने के केस नजर अंदाज हो जाते हैं. रेबीज से बचने के लिए कुत्तों का टीकाकरण किया जाना अत्यन्त आवश्यक है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार यदि 70% कुत्तों की आबादी भी रेबीज के टीकाकरण से प्रतिरक्षित हो जाती है तो रेबीज से मुक्ति मिल सकती है.

रेबीज के लक्षण
रेबीज के लक्षण

० रेबीज के लक्षण

आपको बता दें रेबीज एक बीमारी है जो विषाणुओं से फैलती है. अगर कोई जानवर इस बीमारी से संक्रमित है और उसने किसी इंसान को काट लिया तो यह विषाणु उस व्यक्ति में भी चले जाते हैं और बाद में अगर उसे सही समय पर इलाज ना मिला तो उसकी मौत हो जाती है. ये हैं इस बीमारी के लक्षण:

  • मरीज के शरीर में तेज दर्द महसूस होगा.
  • इसके साथ ही पूरी बॉडी में थकावट रहेगी.
  • मरीज को तेज बुखार आने लगेगा.
  • हवा और पानी से भी डर लगने लगेगा.
  • मरीज हमेशा अंधेरे में रहने की कोशिश करेगा.
  • अजीब अजीब सी आवाजें भी निकलने लगता है.
  • मुंह की मांसपेशियों के पक्षाघात से मुंह खुला रखता है.

० किन-किन जानवरों के काटने से रेबीज होता है

अभी तक आपने जितने भी मामले सुने होंगे, उनमें ज्यादातर कुत्तों के काटने से ही रेबीज फैलने की बात सुनी होगी. हालांकि, ऐसा नहीं है. कई और जानवर भी ऐसे हैं जिनके काटने, खरोंचने या फिर उनके संपर्क में आने से भी आपको रेबीज हो सकता है. साफ शब्दों में कहें तो अगर किसी कुत्ता, बिल्ली, बंदर, नेवला, लोमड़ी, सियार या फिर गिलहरी, चूहे और खरगोश को रेबीज की बीमारी है तो आपको इन जानवरों से दूरी बनाए रखनी चाहिए. क्योंकि अगर इन्होंने आपको काट लिया या खरोंच लिया तो आप रेबीज के शिकार हो सकते हैं.

० कुत्ते के काटे पर क्या करें

  1. कुत्ते से काटे जाने पर अवश्य रूप से टीकाकरण कराये और बच्चों को समझाये कि ऐसे किसी भी परिस्थिति को न छुपाये. किसी भी जानवरों द्वारा काटे जाने पर रेबीज हो सकता है.
  2. अगर किसी व्यक्ति को कुत्ता, बिल्ली, चूहा, बंदर, चमगादड़, बबून, खरगोश और नेवला आदि काट ले तो जख्म को तुरन्त साबुन से चलते पानी में 15 मिनट तक धोना चाहिए.
  3. जख्मों को कीटाणू रहित अल्कोहल जा आयोडिन से साफ करना चाहिए. जख्मों को बार-बार छूना नहीं चाहिए. जख्मों को बांधे नही और न ही घरेलू पदार्थ आदि लगाएं. मरीज को इलाज हेतु जल्द से जल्द किसी नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या डाक्टर के पास जाना चाहिए.
  4. सभी डिविजनल अस्पतालों, जिला अस्पतालों तथा सामुदायिक सेहत केंद्र में रोजाना रेबीज का टीका मुफ्त लगाया जाता है.
  5. बच्चों को आवारा जानवरों से दूर रहना चाहिए.
  6. इसके साथ ही कम से कम 10 दिन तक कुत्ते की निगरानी करें और हो सके तो बांध कर रखें, क्योंकि आमतौर पर 10 दिन के भीतर रेबीज से संक्रमित कुत्ते में इस रोग के लक्षण दिखेंगे या वह मर जाएगा.

० कुत्ते के काटे पर क्या न करें
विशेष ध्यान रखें कि घाव पर लाल मिर्च मसाला, चुना, हल्दी, बाम, किसी पौधे या फलों का रस आदि कोई भी ज्वलनशील पदार्थ बिलकुल न डालें, क्योंकि इससे रेबीज के वायरस को शरीर में फैलने में मदद मिलती है.

कुत्ते के काटे पर क्या करें
कुत्ते के काटे पर क्या करें

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