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सुंदर नगर में पेड़ों के काटने पर HC ने लगाई रोक

HC ने अपने आदेश में कहा है कि ये अंडरपास दिल्ली जू और दिल्ली पब्लिक स्कूल के बीच स्थित है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के प्रतिनिधि कार्यपालक अभियंता के पास जाकर बताएंगे कि उस रास्ते पर का कौन सा पेड़ काटा जा सकता है.

सुंदर नगर में पेड़ो को काटने पर रोक लगाने का आदेश ETV BHARAT
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Published : Aug 6, 2019, 9:16 PM IST

Updated : Aug 6, 2019, 10:35 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सुंदर नगर में अंडरग्राउंड यू-टर्न बनाने के लिए पेड़ों के काटने पर मंगलवार को रोक लगा दी है. जस्टिस विभू बाखरू की कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिया कि वो बिना स्थानीय लोगों की अनुमति के कोई पेड़ नहीं काटेंगे.

याचिकाकर्ता बताए कौन सा पेड़ काटा जाएगा

अपने फैसले में हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिया कि वो अंडरग्राउंड यू-टर्न पर हो रहे पेड़ काटने की प्रक्रिया पर को रोकने के लिए विस्तृत योजना कोर्ट में पेश करें. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ये अंडरपास दिल्ली जू और दिल्ली पब्लिक स्कूल के बीच स्थित है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के प्रतिनिधि कार्यपालक अभियंता के पास जाकर बताएंगे कि उस रास्ते पर का कौन सा पेड़ काटा जा सकता है.

याचिका सुंदर नगर रेजिडेंट एसोसिएशन ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि अंडरग्राउंड यू-टर्न बनाने से ट्रैफिक जाम और जलजमाव की समस्या और बढ़ जाएगी. सुनवाई के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से कहा गया कि हमने अनुमति लेने के बाद ही पेड़ हटाए हैं और जिन पेड़ों को हटाया गया है उनके बदले पौधे लगाए गए हैं. इस प्रोजेक्ट का आधा काम पूरा हो चुका है. अब काफी कम पेड़ काटे जाने हैं और ये वहां के लोगों की सहमति से ही होगा.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से ट्रैफिक जाम से बचने के लिए एक वैकल्पिक प्लान कोर्ट में पेश किया गया. याचिकाकर्ता ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग के प्लान से ड्रैनैज सिस्टम काफी नीचे था. जिसकी वजह से मानसून में जलजमाव और जाम की समस्या पैदा होगी.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने सुंदर नगर में अंडरग्राउंड यू-टर्न बनाने के लिए पेड़ों के काटने पर मंगलवार को रोक लगा दी है. जस्टिस विभू बाखरू की कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिया कि वो बिना स्थानीय लोगों की अनुमति के कोई पेड़ नहीं काटेंगे.

याचिकाकर्ता बताए कौन सा पेड़ काटा जाएगा

अपने फैसले में हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिया कि वो अंडरग्राउंड यू-टर्न पर हो रहे पेड़ काटने की प्रक्रिया पर को रोकने के लिए विस्तृत योजना कोर्ट में पेश करें. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ये अंडरपास दिल्ली जू और दिल्ली पब्लिक स्कूल के बीच स्थित है. कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के प्रतिनिधि कार्यपालक अभियंता के पास जाकर बताएंगे कि उस रास्ते पर का कौन सा पेड़ काटा जा सकता है.

याचिका सुंदर नगर रेजिडेंट एसोसिएशन ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि अंडरग्राउंड यू-टर्न बनाने से ट्रैफिक जाम और जलजमाव की समस्या और बढ़ जाएगी. सुनवाई के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से कहा गया कि हमने अनुमति लेने के बाद ही पेड़ हटाए हैं और जिन पेड़ों को हटाया गया है उनके बदले पौधे लगाए गए हैं. इस प्रोजेक्ट का आधा काम पूरा हो चुका है. अब काफी कम पेड़ काटे जाने हैं और ये वहां के लोगों की सहमति से ही होगा.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से ट्रैफिक जाम से बचने के लिए एक वैकल्पिक प्लान कोर्ट में पेश किया गया. याचिकाकर्ता ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग के प्लान से ड्रैनैज सिस्टम काफी नीचे था. जिसकी वजह से मानसून में जलजमाव और जाम की समस्या पैदा होगी.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने सुंदर नगर में अंडरग्राउंड यू-टर्न बनाने के लिए पेड़ों के काटने पर रोक लगा दिया है। जस्टिस विभू बाखरू की कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिया कि वो बिना स्थानीय लोगों की अनुमति के कोई पेड़ नहीं काटे।




Body:हाईकोर्ट ने पीडब्ल्यूडी विभाग को निर्देश दिया कि वो अंडरग्राउंड यू-टर्न में हो रहे को रोकने के लिए विस्तृत योजना कोर्ट में पेश करें। ये अंडरपास दिल्ली जू और दिल्ली पब्लिक स्कूल के बीच स्थित है। कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता के प्रतिनिधि कार्यपालक अभियंता के पास जाकर बताएंगे कि उस रास्ते पर का कौन सा पेड़ काटा जा सकता है।

याचिका सुंदर नगर रेजिडेंट एसोसिएशन ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि अंडरग्राउंड यू-टर्न बनाने से ट्रैफिक जाम और जलजमाव की समस्या और बढ़ जाएगी। सुनवाई के दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से कहा गया कि हमने अनुमति लेने के बाद ही पेड़ हटाए हैं और जिन पेड़ों को हटाया गया है उनके बदले पौधे लगाए गए हैं। इस प्रोजेक्ट का आधा काम पूरा हो चुका है। अब काफी कम पेड़ काटे जाने हैं और ये वहां के लोगों की सहमति से ही होगा।




Conclusion:सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से ट्रैफिक जाम से बचने के लिए एक वैकल्पिक प्लान कोर्ट में पेश किया गया। याचिकाकर्ता ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग के प्लान से ड्रैनैज सिस्टम काफी नीचे था जिसकी वजह से मानसून में जलजमाव और जाम की समस्या पैदा होगी।
Last Updated : Aug 6, 2019, 10:35 PM IST
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