नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने वॉव मोमो के मामले पर सुनवाई करते हुए फ्रेंचाइजी सलाहकार वेबसाइट फ्रेंचाइजीबाइट को वॉव मोम ट्रेडमार्क का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया. हाल ही में मामले पर सुनवाई के दौरान फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने फ्रेंचाइजी सलाहकार वेबसाइट फ्रेंचाइजीबाइट को अपनी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल से ट्रेडमार्क से जुड़े सभी वीडियो और कंटेंट हटाने के भी आदेश दिए हैं.
धोखाधड़ी करने का आरोप: एकल न्यायाधीश पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने अपने आदेश में कहा कि फ्रेंचाइजीबाइट के वॉव मोमो ट्रेडमार्क के अनधिकृत उपयोग ने न केवल ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया, बल्कि लोगों को धोखा भी दिया. वॉव मोमो ने फ्रेंचाइजीबाइट के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि वेबसाइट ने लोगों को वॉव मोमो फ्रेंचाइजी के लिए आवेदन करने के लिए जानबूझकर धोखाधड़ी की. जबकि, उनके पास फ्रेंचाइजी देने का अधिकार ही नहीं था. शिकायतकर्त्ता का यह भी दावा था कि फ्रेंचाइजीबाइट एक मंच है, जो विभिन्न भारतीय स्टार्टअप के लिए फ्रेंचाइजी देता है. उसने खुद को वॉव मोमो के एजेंट के रूप में प्रदर्शित किया था.
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6 फरवरी को अगली सुनवाई: मामले की समीक्षा करने के बाद न्यायमूर्ति हरिशंकर ने फ्रेंचाइजीबाइट को अपनी वेबसाइट से वॉव मोमो या उसके ट्रेडमार्क की सभी सामग्री और संदर्भ हटाने के निर्देश दिए. न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रतिवादी को उन सभी व्यक्तियों का भी खुलासा करने का निर्देश दिया गया है जिन्हें उसने कभी अपनी वेबसाइट के माध्यम से शिकायतकर्त्ता की फ्रेंचाइजी प्रदान की है. इसके अलावा फ्रेंचाइजी सलाहकार वेबसाइट फ्रेंचाइजीबाइट को ऐसी गतिविधियों से प्राप्त लाभ का भी खुलासा करना है. हाईकोर्ट ने फ्रेंचाइजीबाइट को समन जारी किया है और मामले में सुनवाई के लिए 6 फरवरी, 2024 की अगली तारीख तय की है.
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