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फ्रेंचाइजीबाइट ने अवैध तरीके से बांटी वॉव मोमोज की फ्रेंचाइजी, ट्रेडमार्क का उपयोग करने से प्रतिबंधित करते हुए हाई कोर्ट ने जारी किया समन - Wow Momos key franchise and trademark

दिल्ली हाई कोर्ट ने वॉव मोमोज की शिकायत पर सुनवाई करते हुए फ्रेंचाइजी सलाहकार वेबसाइट फ्रेंचाइजीबाइट को वॉव मोम ट्रेडमार्क का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया है. इस मामले में कोर्ट ने फ्रेंचाइजीबाइट को समन भी जारी किया है. मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 6 फरवरी की है. delhi high court, wow momos, franchise byte, trademark case by wow momo

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 31, 2023, 4:35 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने वॉव मोमो के मामले पर सुनवाई करते हुए फ्रेंचाइजी सलाहकार वेबसाइट फ्रेंचाइजीबाइट को वॉव मोम ट्रेडमार्क का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया. हाल ही में मामले पर सुनवाई के दौरान फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने फ्रेंचाइजी सलाहकार वेबसाइट फ्रेंचाइजीबाइट को अपनी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल से ट्रेडमार्क से जुड़े सभी वीडियो और कंटेंट हटाने के भी आदेश दिए हैं.

धोखाधड़ी करने का आरोप: एकल न्यायाधीश पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने अपने आदेश में कहा कि फ्रेंचाइजीबाइट के वॉव मोमो ट्रेडमार्क के अनधिकृत उपयोग ने न केवल ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया, बल्कि लोगों को धोखा भी दिया. वॉव मोमो ने फ्रेंचाइजीबाइट के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि वेबसाइट ने लोगों को वॉव मोमो फ्रेंचाइजी के लिए आवेदन करने के लिए जानबूझकर धोखाधड़ी की. जबकि, उनके पास फ्रेंचाइजी देने का अधिकार ही नहीं था. शिकायतकर्त्ता का यह भी दावा था कि फ्रेंचाइजीबाइट एक मंच है, जो विभिन्न भारतीय स्टार्टअप के लिए फ्रेंचाइजी देता है. उसने खुद को वॉव मोमो के एजेंट के रूप में प्रदर्शित किया था.

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6 फरवरी को अगली सुनवाई: मामले की समीक्षा करने के बाद न्यायमूर्ति हरिशंकर ने फ्रेंचाइजीबाइट को अपनी वेबसाइट से वॉव मोमो या उसके ट्रेडमार्क की सभी सामग्री और संदर्भ हटाने के निर्देश दिए. न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रतिवादी को उन सभी व्यक्तियों का भी खुलासा करने का निर्देश दिया गया है जिन्हें उसने कभी अपनी वेबसाइट के माध्यम से शिकायतकर्त्ता की फ्रेंचाइजी प्रदान की है. इसके अलावा फ्रेंचाइजी सलाहकार वेबसाइट फ्रेंचाइजीबाइट को ऐसी गतिविधियों से प्राप्त लाभ का भी खुलासा करना है. हाईकोर्ट ने फ्रेंचाइजीबाइट को समन जारी किया है और मामले में सुनवाई के लिए 6 फरवरी, 2024 की अगली तारीख तय की है.

ये भी पढ़ें: अपनी पसंद के व्यक्ति से शादी करना संवैधानिक अधिकार, परिवार इस पर नहीं कर सकता आपत्ति : दिल्ली हाई कोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने वॉव मोमो के मामले पर सुनवाई करते हुए फ्रेंचाइजी सलाहकार वेबसाइट फ्रेंचाइजीबाइट को वॉव मोम ट्रेडमार्क का उपयोग करने से प्रतिबंधित कर दिया. हाल ही में मामले पर सुनवाई के दौरान फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने फ्रेंचाइजी सलाहकार वेबसाइट फ्रेंचाइजीबाइट को अपनी वेबसाइट और यूट्यूब चैनल से ट्रेडमार्क से जुड़े सभी वीडियो और कंटेंट हटाने के भी आदेश दिए हैं.

धोखाधड़ी करने का आरोप: एकल न्यायाधीश पीठ की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति सी हरि शंकर ने अपने आदेश में कहा कि फ्रेंचाइजीबाइट के वॉव मोमो ट्रेडमार्क के अनधिकृत उपयोग ने न केवल ट्रेडमार्क का उल्लंघन किया, बल्कि लोगों को धोखा भी दिया. वॉव मोमो ने फ्रेंचाइजीबाइट के खिलाफ एक मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि वेबसाइट ने लोगों को वॉव मोमो फ्रेंचाइजी के लिए आवेदन करने के लिए जानबूझकर धोखाधड़ी की. जबकि, उनके पास फ्रेंचाइजी देने का अधिकार ही नहीं था. शिकायतकर्त्ता का यह भी दावा था कि फ्रेंचाइजीबाइट एक मंच है, जो विभिन्न भारतीय स्टार्टअप के लिए फ्रेंचाइजी देता है. उसने खुद को वॉव मोमो के एजेंट के रूप में प्रदर्शित किया था.

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6 फरवरी को अगली सुनवाई: मामले की समीक्षा करने के बाद न्यायमूर्ति हरिशंकर ने फ्रेंचाइजीबाइट को अपनी वेबसाइट से वॉव मोमो या उसके ट्रेडमार्क की सभी सामग्री और संदर्भ हटाने के निर्देश दिए. न्यायमूर्ति ने कहा कि प्रतिवादी को उन सभी व्यक्तियों का भी खुलासा करने का निर्देश दिया गया है जिन्हें उसने कभी अपनी वेबसाइट के माध्यम से शिकायतकर्त्ता की फ्रेंचाइजी प्रदान की है. इसके अलावा फ्रेंचाइजी सलाहकार वेबसाइट फ्रेंचाइजीबाइट को ऐसी गतिविधियों से प्राप्त लाभ का भी खुलासा करना है. हाईकोर्ट ने फ्रेंचाइजीबाइट को समन जारी किया है और मामले में सुनवाई के लिए 6 फरवरी, 2024 की अगली तारीख तय की है.

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