नई दिल्ली: राजधानी में 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान सरस्वती विहार में इलाके में हुई पिता-पुत्र की हत्या मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद सज्जन कुमार का बयान बुधवार को राऊज एवेन्यू कोर्ट में दर्ज किया गया. विशेष सीबीआई जज एमके नागपाल के सामने बयान रिकॉर्ड कराते हुए सज्जन कुमार ने अपने ऊपर लगाए गए सभी अरोपों से इनकार किया. कोर्ट अब 30 नवंबर को इस मामले में अंतिम बहस सुनेगा.
दरअसल यह मामला हिंसा फैलाने और जसवंत सिंह व उनके बेटे तरुणदीप सिंह की हत्या से संबंधित है. इस मामले में पंजाबी बाग पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ दंगा भड़काने सहित कुल 10 से भी ज्यादा धाराओं में आरोप तय किए थे. वहीं, कोर्ट ने सज्जन कुमार को धारा 302 और धारा 325 के तहत लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया था. हालांकि बाद में इसकी जांच विशेष जांच समिति (एसआईटी) ने की थी, जिसका गठन जस्टिस जीपी माथुर समिति की सिफारिश के बाद किया गया था.
अदालत में सज्जन कुमार की ओर से उनके वकील अनिल कुमार शर्मा और एस ए हाशमी पेश हुए और उन्होंने उनका बयान दर्ज कराया. एसआईटी ने आरोप लगाया था कि आरोपी भीड़ का नेतृत्व कर रहे थे और आरोपियों के उकसाने पर भीड़ ने पिता और पुत्र को जिंदा जला दिया. इतना ही नहीं, उपद्रवियों की भीड़ ने उनके घर के समान को भी लूटकर जला दिया था, जिसमें उनके परिवार के अन्य सदस्यों को गंभीर चोटें आई थी.
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कोर्ट ने सज्जन कुमार के खिलाफ आईपीसी की धारा 147 (दंगा कराने के लिए सजा), 148 (घातक हथियार से दंगा करना), धारा 149, 153 (अलग अलग गुटों में दुश्मनी फैलाना), 295 धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाना, किसी धर्म को अपमानित करना, 307 हत्या की कोशिश करना, 308 गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास, 323, 395 और 426 समेत अन्य धाराओं अन्य धाराओं में आरोप तय किए थे.