नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के बाढ़ की चपेट में आने के बाद दिल्लीवासियों की समस्याएं और बढ़ सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि बाढ़ का पानी जैसे-जैसे कम होगा वैसे-वैसे जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ेगा. इन बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को पहले से ही जागरूक हो जाना चाहिए. एम्स में मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ नीरज निश्चल का कहना है कि किसी भी बीमारी से बचाव के लिए जागरुकता प्रमुख उपाय है.
हिंदू राव अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मुकेश कुमार ने बताया कि दिल्ली के जिन-जिन इलाकों में भारी मात्रा में जलजमाव हुआ है. वहां बाढ़ का पानी धीरे धीरे कम होगा. बाढ़ के पानी में अक्सर गंदगी बहकर आती है, जिसका असर पानी सूखने के बाद देखने को मिलता है. पानी सूखने के एक सप्ताह के बाद इन जगहों पर मच्छर जनित बीमारियों का खतरा बढ़ जाएगा. इसके लिए लोगों को सावधानी बरतनी होगी. उदाहरण के लिए बरसात के मौसम में पीने के पानी में भी संक्रमण का खतरा रहता है. ऐसे में उबालकर पानी पिएं तो अच्छा रहेगा.
लोकनायक अस्पताल अलर्ट पर: दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा अस्पताल लोकनायक अलर्ट पर है. चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि बरसात का पूरा मौसम मच्छर जनित बीमारियों के अनुकूल होता है. इसलिए इस सीजन के लिए अस्पताल पहले से ही तैयार रहता है. अभी हमारे यहां डेंगू के दो और मलेरिया का एक मरीज भर्ती है. अस्पताल में इन बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ने की स्थिति से निपटने की पूरी तैयारियां है.
निगम अस्पतालों को दवाइयों का पूरा स्टॉक रखने के निर्देश: निगम द्वारा संचालित स्वामी दयानंद अस्पताल के जनसंपर्क अधिकारी डॉक्टर ग्लैडबिन त्यागी ने बताया बाढ़ के पानी से मच्छर जनित बीमारियों के खतरे को देखते हुए निगम की तरफ से एक एडवाइजरी मिली है. एडवाइजरी में अस्पतालों को मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिए सभी दवाइयों का इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है. वहीं, हिंदू राव अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मुकेश कुमार ने बताया कि अस्पताल में मच्छर बीमारियों से निपटने की सारी दवाइयां मौजूद हैं और भी सभी जरुरी तैयारियां पूरी की जा रही है.
सोशल मीडिया पर भी बीमारी फैलने की चिंता: विकास झा नाम के एक ट्विटर यूजर ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को ट्वीट कर लिखा कि केंद्रीय जल आयोग का अनुमान बता रहा है कि भले ही यमुना का जल स्तर अगले एक-दो दिन में कम हो जाएगा, लेकिन अभी अगले एक सप्ताह तक जलस्तर 1978 के स्तर से ऊपर ही रहेगा. ऐसे में जिन इलाकों में पानी जमा है वहाँ भयंकर बीमारी फैल सकती है. क्या आपने इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग की कोई मीटिंग बुलाई?
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