नई दिल्ली: सोमवार को एम्स में आग लग गई. सोमवार को एम्स के दूसरे तल्ले पर स्थित पुराने ओआरएके ओपीडी और इंडोस्कोपी विभाग में आग लग गई. आग लग जाने से मरीजों को एबी2 वार्ड और इमरजेंसी वार्ड से शिफ्ट किया गया. एबी2 वार्ड से 31 मरीजों को आईसीयू और एबी 7 वार्ड में शिफ्ट किया गया. इमरजेंसी वार्ड से 70 मरीजों को भी दूसरे वार्ड में शिफ्ट किया गया. हालांकि, सोमवार को आग लगने से परेशानी तो हुई लेकिन किसी के हताहत होने की कोई सूचना नहीं है.
एम्स में लगातार होती रही है अगलगी की घटनाः सोमवार को एम्स में आग लगने की घटना कोई पहली नहीं है. एम्स से लगातार आग लगने की खबरें आती रहती है. 2021 के जून में एम्स के कन्वर्जन ब्लॉक की 9वीं मंजिल पर रात में आग लग गई. दमकल की 20 से अधिक गाड़ियां को मौके पर भेजा गया तब जाकर आग पर काबू पाया गया था. 2019 के मई में एम्स के वीआईपी प्राइवेट वार्ड में एसी में हुए शार्टसर्किट से आग लग गई थी. यह वार्ड दूसरी मंजिल पर बना है.
2019 के अगस्त में एम्स के टीचिंग ब्लाक की दूसरी मंजिल पर माइक्रो लैब में आग लगी थी. टीचिंग बिल्डिंग में समान्यत रिसर्च व पढ़ाई करने वाले डॉक्टर उपस्थित रहते हैं. इस घटना काफी समान जलने की सूचना थी. 2015 के जून में एम्स के चौथे फ्लोर पर आग लग गई थी. आग चौथे फ्लोर पर पीसी ट्रेनिंग रूम नंबर 407 में लगी थी. आग लगने से कंप्यूटर और अलमारी में रखी फाइलें जलकर खाक हो गई थीं.
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कारणों की होगी जांचः एम्स की चिकित्सक रीमा दादा ने बताया कि आग लगने से किसी को नुकसान नहीं हुआ है. हालांकि, कुछ देर के लिए भगदड़ जरूर हो गई थी लेकिन जल्दी आग पर काबू पा लिया गया. आग के कारण इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित हुई हैं. काफी मरीजों को अन्य अस्पतालों में जाने के लिए बोल दिया गया और जो मरीज पहले से भर्ती थे, उन्हें दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया. डॉक्टर ने बताया कि आग लगने के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है. आग लगने के कारणों का पता कर जांच किया जाएगा.
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