नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली स्थित मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान (एमडीएनआईवाई) के निदेशक डॉ. ईश्वरप्पा वीरभद्रप्पा बसवराड्डी के खिलाफ जाली सेवा प्रमाण पत्र लगाने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि उन्होंने मंत्रालय में रोजगार प्राप्त करने के लिए जाली सेवा प्रमाणपत्र का उपयोग किया है. आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीनस्थ संस्था मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान विभिन्न शैक्षणिक, स्वास्थ्य और चिकित्सा कक्षाओं के नियमित संचालन के साथ साथ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का मुख्य आयोजन भी करती है.
2005 से निदेशक पद पर कार्यरत हैं ईश्वरप्पा: ईश्वरप्पा वीरभद्रप्पा बसवराड्डी योगा संस्थान में पिछले 17 वर्षों से निदेशक पद पर कार्यरत हैं. जाली प्रमाणपत्र के बारे में डॉ. अरुण कुमार सिंह ने शिकायत की थी. साकेत कोर्ट के निर्देश पर यह मामला दर्ज किया गया है. पुलिस को दी शिकायत में डॉ. अरुण सिंह ने आरोप लगाया है कि ईश्वरप्पा ने वर्ष 2005 में एमडीएनआईवाई के निदेशक के रूप में नौकरी के लिए आवेदन करते समय एक फर्जी सेवा प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था. उनका आरोप है कि संस्थान के लोगों ने इस बारे में मंत्रालय से भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस पर उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया.
अदालत के आदेश पर FIR दर्ज: अदालत के आदेश पर कोटला मुबारकपुर थाना पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 468, 471 तथा 120B के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. शिकायतकर्ता अरुण सिंह ने बताया कि यह देश का महत्वपूर्ण योग संस्थान है, लेकिन संस्थान के निदेशक ने नौकरी पाने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र लगाया, जिससे संस्थान की छवि धूमिल हुई है. वहीं, इस बारे में डॉ. ईश्वरप्पा वीरभद्रप्पा बसवराड्डी ने बताया कि उनके खिलाफ गलत आरोप लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि पूछताछ के लिए पुलिस ने उनसे संपर्क किया है. उन्होंने बताया कि उन्हें बदनाम करने के लिए यह आरोप लगाए गए हैं.