नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक बढ़ती गर्मी के चलते कुत्तों का स्वभाव भी बदल रहा है. तापमान में बढ़ोतरी के साथ साथ कुत्ते आक्रमक हो रहे हैं. कुत्तों के आक्रमक होने के चलते कुत्ते के काटने की घटनाओं में भी गर्मी के मौसम में इजाफा देखने को मिल रहा है. एमएमजी अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल में कुत्ते काटने के कुल 3220 मामले सामने आए. जबकि, मई में संख्या में थोड़ा बहुत इजाफा हुआ. मई में कुल 3328 मामले सामने आए. वहीं 14 जून तक कुल 1832 कुत्ते काटने के मामले सामने आए हैं. आशंका है कि गर्मी बढ़ने के साथ यह संख्या और बढ़ सकती है.
पेट ट्रेनर निपुण नंदा के मुताबिक स्ट्रीट डॉग्स बेवजह लोगों को नहीं काटते हैं. आजकल तापमान चरम पर है. ऐसे में स्ट्रीट डॉग्स को पीने का पानी नहीं मिल पाता. जब स्ट्रीट डॉग्स कहीं छाया में बैठकर आराम कर रहे होते हैं, तो अमूमन लोग इन्हें पत्थर मारते हैं. कई बार देखने को मिलता है जब किसी गाड़ी के नीचे स्ट्रीट डॉग धूप से बचने के लिए बैठा होता है तो लोग उन्हें डंडों से मारकर भगाते हैं. यही वजह है कि स्ट्रीट डॉग्स आक्रामक हो जाते हैं.
गर्मियों में आराम कर रहे कुत्तों को न करे परेशान: निपुण नंदा बताते हैं कि वह इंदिरापुरम के शक्ति खंड में रहते हैं. उनकी कॉलोनी में तकरीबन 12 स्ट्रीट डॉग्स है. गर्मी के मौसम में वह स्ट्रीट डॉग्स के लिए सड़क पर पानी के लिए बर्तन रखते हैं. कॉलोनी में सभी लोग जागरूक हैं, किसी की गाड़ी या फिर कहीं और स्ट्रीट डॉग्स धूप से बचने के लिए बैठा होता है तो कोई भी पत्थर नहीं मारता है. यही वजह है कि उनके इलाके में बीते 4 सालों में कोई भी स्ट्रीट डॉग्स आक्रमक नहीं हुआ है. कोई भी कुत्ते के काटने की घटना उनके कॉलोनी में सामने नहीं आई है.
हमारा प्रयास रहता है कि डॉग बाइट के हर मरीज को टेके लगें. हमने सभी डॉक्टरों और कर्मचारियों को निर्देश दे रखे हैं कि सभी मरीजों को टीके लगें और उन्हें दवा मिले. हमारे पास वैक्सीन का दो महीने का स्टॉक पहले से हैं, अगर मामले बढ़ते हैं तब भी हमें कोई दिक्कत नहीं होगी.
डॉ. मनोज चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक
इसे भी पढ़ें: Stray Dogs in Delhi: जानलेवा साबित हो रहे आवारा कुत्ते, निगम के पास पकड़ने की नहीं है कोई व्यवस्था
Castration से कम होती है कुत्तों की आक्रामक क्षमता: वहीं, बात अगर विदेशी नस्ल के कुत्तों की करें तो विदेशी नस्ल के कुत्ते के काटने के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं. कल भी गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक क्षेत्र में पिटबुल द्वारा बच्चे को जख्मी करने का मामला सामने आया था. वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. प्रीतपाल सिंह के मुताबिक पिटबुल, रॉटवायलार आदि नस्लों को Short-Tempered माना है. जैसे ही कुत्ते की उम्र बढ़ने शुरू होती है और वह 6 महीने की उम्र को पार करता है तो उस कुत्ते हो Castrate (बधिया करना, अंडकोश निकालना ) करा सकते हैं. Castration कराने के बाद कुत्तों की आक्रमक क्षमता काफी हद तक कम हो जाती है.
इसे भी पढ़ें: नोएडा: महिला और उसके पालतू कुत्ते पर आवारा कुत्तों ने किया हमला, जान बचाकर भागी महिला