ETV Bharat / state

PM Cares Fund: पैसों की जानकारी सार्वजनिक करने की मांग, HC में याचिका दायर

याचिका में मांग की गई है कि पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टियों को दिशानिर्देश दिया जाए कि वो अपने वेबसाइट पर फंड को मिले पैसों का ब्यौरा जारी करें.

delhi high court
दिल्ली हाईकोर्ट
author img

By

Published : Jun 4, 2020, 4:07 PM IST

नई दिल्ली: पीएम केयर्स फंड में मिले पैसों का ब्यौरा देने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिका डॉ. एसएस हुड्डा ने दायर किया है. इस याचिका पर 10 जून को सुनवाई होगी.

वेबसाइट पर फंड से मिले पैसों का ब्यौरा जारी करें

याचिका में मांग की गई है कि पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टियों को दिशानिर्देश दिया जाए कि वो अपने वेबसाइट पर फंड को मिले पैसों का ब्यौरा जारी करें. याचिका में सूचना के अधिकार के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले जवाब को आधार बनाया गया है जिसमें कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड एक सार्वजनिक प्राधिकार नहीं है. याचिका में कहा गया है कि कोई भी निकाय जिसे सरकार नियंत्रित करती है या उसका वित्तपोषण करती है वो सूचना के अधिकार कानून के तहत सार्वजनिक प्राधिकार में आती है. पीएम केयर्स फंड को केंद्र सरकार नियंत्रित करती है और उसका वित्तपोषण भी करती है.


पीएम पदेन चेयरमैन और तीन मंत्री पदेन ट्रस्टी हैं

याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड के पदेन चेयरमैन प्रधानमंत्री हैं. जबकि रक्षा, गृह और वित्त मंत्री इसके पदेन ट्रस्टी हैं. पदेन चेयरमैन और ट्रस्टी को तीन अतिरिक्त ट्रस्टियों को नियुक्त करने का अधिकार है. फंड के चेयरमैन और ट्रस्टी को ही इसमें आए पैसों को खर्च करने के लिए नियम बनाने का अधिकार है.


दानकर्ताओं को जानने का हक है 'पैसा कहां गया'

याचिका में कहा गया है कि दस हजार करोड़ रुपये से पीएम केयर्स फंड स्थापित किया गया था. इस फंड में लोक उपक्रमों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, सैन्य बलों के अलावा लोकसेवकों और न्यायिक संस्थाओं के सदस्यों की सैलरी के रुप में मिले दान को लिया गया है. याचिका में कहा गया है कि सूचना के अधिकार के तहत भले ही पीएम केयर्स फंड सार्वजनिक प्राधिकार नहीं है लेकिन जो लोग इसमें दान दे रहे हैं उन्हें जानने का हक है कि उनका पैसा कहां जा रहा है.



कोरोना पीड़ितों को पैसे का हिसाब किताब जानने का हक

याचिका में कहा गया है कि अगर पीएम केयर्स फंड सार्वजनिक प्राधिकार नहीं है तो इस बात की पड़ताल की जानी चाहिए कि लोक प्राधिकार सरकारी एजेंसियों और लोकसेवकों से दान लेने के लिए किस हद तक प्रमोट कर सकती हैं. याचिका में कहा गया है कि कोरोना के पीड़ितों को ये जानने का हक है कि कितना पैसा आया और वो उसका कितना खर्च किया गया है या किया जाना है.

नई दिल्ली: पीएम केयर्स फंड में मिले पैसों का ब्यौरा देने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिका डॉ. एसएस हुड्डा ने दायर किया है. इस याचिका पर 10 जून को सुनवाई होगी.

वेबसाइट पर फंड से मिले पैसों का ब्यौरा जारी करें

याचिका में मांग की गई है कि पीएम केयर्स फंड के ट्रस्टियों को दिशानिर्देश दिया जाए कि वो अपने वेबसाइट पर फंड को मिले पैसों का ब्यौरा जारी करें. याचिका में सूचना के अधिकार के तहत प्रधानमंत्री कार्यालय से मिले जवाब को आधार बनाया गया है जिसमें कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड एक सार्वजनिक प्राधिकार नहीं है. याचिका में कहा गया है कि कोई भी निकाय जिसे सरकार नियंत्रित करती है या उसका वित्तपोषण करती है वो सूचना के अधिकार कानून के तहत सार्वजनिक प्राधिकार में आती है. पीएम केयर्स फंड को केंद्र सरकार नियंत्रित करती है और उसका वित्तपोषण भी करती है.


पीएम पदेन चेयरमैन और तीन मंत्री पदेन ट्रस्टी हैं

याचिका में कहा गया है कि पीएम केयर्स फंड के पदेन चेयरमैन प्रधानमंत्री हैं. जबकि रक्षा, गृह और वित्त मंत्री इसके पदेन ट्रस्टी हैं. पदेन चेयरमैन और ट्रस्टी को तीन अतिरिक्त ट्रस्टियों को नियुक्त करने का अधिकार है. फंड के चेयरमैन और ट्रस्टी को ही इसमें आए पैसों को खर्च करने के लिए नियम बनाने का अधिकार है.


दानकर्ताओं को जानने का हक है 'पैसा कहां गया'

याचिका में कहा गया है कि दस हजार करोड़ रुपये से पीएम केयर्स फंड स्थापित किया गया था. इस फंड में लोक उपक्रमों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों, सैन्य बलों के अलावा लोकसेवकों और न्यायिक संस्थाओं के सदस्यों की सैलरी के रुप में मिले दान को लिया गया है. याचिका में कहा गया है कि सूचना के अधिकार के तहत भले ही पीएम केयर्स फंड सार्वजनिक प्राधिकार नहीं है लेकिन जो लोग इसमें दान दे रहे हैं उन्हें जानने का हक है कि उनका पैसा कहां जा रहा है.



कोरोना पीड़ितों को पैसे का हिसाब किताब जानने का हक

याचिका में कहा गया है कि अगर पीएम केयर्स फंड सार्वजनिक प्राधिकार नहीं है तो इस बात की पड़ताल की जानी चाहिए कि लोक प्राधिकार सरकारी एजेंसियों और लोकसेवकों से दान लेने के लिए किस हद तक प्रमोट कर सकती हैं. याचिका में कहा गया है कि कोरोना के पीड़ितों को ये जानने का हक है कि कितना पैसा आया और वो उसका कितना खर्च किया गया है या किया जाना है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.