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Rahul Gandhi Tweet Case: हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का दिया निर्देश

दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने राहुल गांधी समते सभी प्रतिवादियों को आठ सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर के लिए टाल दी गई है.

राहुल गांधी
राहुल गांधी
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Published : Jul 27, 2023, 9:00 PM IST

Updated : Jul 28, 2023, 10:58 AM IST

नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए सूचित किया कि ट्विटर द्वारा राहुल गांधी के उस ट्वीट को अभी तक नहीं हटाया गया है, जिसमें उन्होंने मृतका के माता-पिता के साथ मुलाकात की तस्वीर साझा किया था. यह पोस्ट मृतका की पहचान को उजागर करता है.

आयोग ने बताया कि ट्विटर ने एनसीपीसीआर द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद भारत में उस पोस्ट को रोक दिया है. लेकिन, विदेशों में यह पोस्ट अभी भी लोगों के देखने के लिए उपलब्ध है. एनसीपीसीआर के इस जवाब के बाद गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सभी प्रतिवादियों को आठ सप्ताह का समय देते हुए हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. साथ ही मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर के लिए स्थगित कर दी गई है.

मकरंद ने दायर की थी याचिका: सामाजिक कार्यकर्ता मकरंद सुरेश म्हाडलेकर ने पिछले साल एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि पीड़ित बच्चे के माता-पिता के साथ तस्वीर पोस्ट करके राहुल गांधी ने पोक्सो अधिनियम का उल्लंघन किया है. याचिका में उचित कार्रवाई करने के लिए एनसीपीसीआर को निर्देश देने और दिल्ली पुलिस को पोक्सो अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की गई थी. इस पर 24 मार्च को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एनसीपीसीआर को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था.

ट्विटर ने दिया था ये जवाब: इससे पहले ट्विटर ने कोर्ट को बताया था कि पीड़िता के माता-पिता ने राहुल गांधी द्वारा ट्विटर पर उनकी तस्वीर को साझा करने पर सहमति व्यक्त की थी. वहीं, शुरू में राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक भी कर दिया गया था. बाद में उनके अनुरोध पर इसे अनब्लॉक किया गया. वहीं, एनसीपीसीआर ने कहा कि ट्विटर द्वारा कानून का उल्लंघन अभी जारी है, क्योंकि पोस्ट को उपलब्ध होने के चलते अभी भी देखा जा सकता है.

यह था मामला: उल्लेखनीय है कि 2021 में दिल्ली छावनी क्षेत्र में एक श्मशान के अंदर एक पुजारी द्वारा नौ वर्षीय दलित बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. उस दौरान यहां लोगों ने खूब धरना प्रदर्शन किया था. उसी दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी. तभी मृतका के माता पिता के साथ मुलाकात की तस्वीर को ट्विटर पर साझा किया था.

  1. ये भी पढ़ें: MP Congress Mission Vindhya: क्या विंध्य में कांग्रेस का सीन बदल पाएंगे राहुल गांधी, कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती
  2. ये भी पढ़ें: Rahul Gandhi at Viswambhara Temple: मलप्पुरम के विश्वंभरा मंदिर में राहुल गांधी ने पूजा-अर्चना की

नई दिल्ली: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में जवाब दाखिल करते हुए सूचित किया कि ट्विटर द्वारा राहुल गांधी के उस ट्वीट को अभी तक नहीं हटाया गया है, जिसमें उन्होंने मृतका के माता-पिता के साथ मुलाकात की तस्वीर साझा किया था. यह पोस्ट मृतका की पहचान को उजागर करता है.

आयोग ने बताया कि ट्विटर ने एनसीपीसीआर द्वारा भेजे गए नोटिस के बाद भारत में उस पोस्ट को रोक दिया है. लेकिन, विदेशों में यह पोस्ट अभी भी लोगों के देखने के लिए उपलब्ध है. एनसीपीसीआर के इस जवाब के बाद गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सभी प्रतिवादियों को आठ सप्ताह का समय देते हुए हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है. साथ ही मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर के लिए स्थगित कर दी गई है.

मकरंद ने दायर की थी याचिका: सामाजिक कार्यकर्ता मकरंद सुरेश म्हाडलेकर ने पिछले साल एक जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि पीड़ित बच्चे के माता-पिता के साथ तस्वीर पोस्ट करके राहुल गांधी ने पोक्सो अधिनियम का उल्लंघन किया है. याचिका में उचित कार्रवाई करने के लिए एनसीपीसीआर को निर्देश देने और दिल्ली पुलिस को पोक्सो अधिनियम का उल्लंघन करने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश देने की मांग की गई थी. इस पर 24 मार्च को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने एनसीपीसीआर को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था.

ट्विटर ने दिया था ये जवाब: इससे पहले ट्विटर ने कोर्ट को बताया था कि पीड़िता के माता-पिता ने राहुल गांधी द्वारा ट्विटर पर उनकी तस्वीर को साझा करने पर सहमति व्यक्त की थी. वहीं, शुरू में राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट ब्लॉक भी कर दिया गया था. बाद में उनके अनुरोध पर इसे अनब्लॉक किया गया. वहीं, एनसीपीसीआर ने कहा कि ट्विटर द्वारा कानून का उल्लंघन अभी जारी है, क्योंकि पोस्ट को उपलब्ध होने के चलते अभी भी देखा जा सकता है.

यह था मामला: उल्लेखनीय है कि 2021 में दिल्ली छावनी क्षेत्र में एक श्मशान के अंदर एक पुजारी द्वारा नौ वर्षीय दलित बच्ची के साथ कथित तौर पर बलात्कार के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी. उस दौरान यहां लोगों ने खूब धरना प्रदर्शन किया था. उसी दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी. तभी मृतका के माता पिता के साथ मुलाकात की तस्वीर को ट्विटर पर साझा किया था.

  1. ये भी पढ़ें: MP Congress Mission Vindhya: क्या विंध्य में कांग्रेस का सीन बदल पाएंगे राहुल गांधी, कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती
  2. ये भी पढ़ें: Rahul Gandhi at Viswambhara Temple: मलप्पुरम के विश्वंभरा मंदिर में राहुल गांधी ने पूजा-अर्चना की
Last Updated : Jul 28, 2023, 10:58 AM IST
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