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दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से चार अपराधी गिरफ्तार - दिल्ली पुलिस के कई बदमाशों को किया गिरफ्तार

दिल्ली क्राइम कैपिटल बनता जा रहा है. यहां आए दिन अपराध की कोई न कोई खबर आती ही रहती है, जिससे निपटने के लिए दिल्ली पुलिस भी सतर्क रहती है और अपराधियों की धरपकड़ करती रहती है. दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से दिल्ली पुलिस ने चार अपराधियों को गिरफ्तार किया है.

Delhi police arrest
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Published : Jul 9, 2022, 9:25 AM IST

नई दिल्ली: अपराध पर लगाम कसने के लिए दिल्ली पुलिस सजग है. इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के कापसहेड़ा थाना पुलिस ने ऑटो लिफ्टर गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. जबकि रनहौला से भी दो सेंधमारों को गिरफ्तार किया है तो वहीं बाहरी जिला पुलिस ने एक ठग को गिरफ्तार किया है.

ऑटो लिफ्टर गैंग का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

कापसहेड़ा थाना की पुलिस टीम ने ऑटो लिफ्टर गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. इसके पास से चोरी की 9 मोटरसाइकिल और एक स्कूटी बरामद किया गया है. इसकी गिरफ्तारी से 10 मामलों का खुलासा करने का दावा पुलिस ने किया है. गिरफ्तार ऑटो लिफ्टर की पहचान नवाज शरीफ उर्फ बब्बल के रूप में हुई है. यह मेवात, हरियाणा का रहने वाला है. डीसीपी साउथ वेस्ट मनोज सी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी पिछले दिनों कापसहेड़ा थाना इलाके में हुए लूट के मामलों में गिरफ्तार किए गए 3 लुटेरों से पूछताछ के आधार पर की गई है. पुलिस के अनुसार जिन मोटरसाइकिल और स्कूटी को बरामद किया गया है उसमें से दो हरियाणा के मेवात रीजन की है.

रनहौला पुलिस ने दो सेंधमारों को किया गिरफ्तार

रनहौला थाना पुलिस की टीम ने दो सेंधमार को पकड़ा है, जिसमें से एक नाबालिग है. इनके पास से पुलिस ने दो मोबाइल, लेडी पर्स आदि बरामद हुआ है. इसके पकड़े जाने से आधा दर्जन मामलों का खुलासा करने का पुलिस ने दावा किया है. डीसीपी समीर शर्मा के अनुसार गिरफ्तार आरोपी की पहचान ऋतिक के रूप में हुई है, जो मोहन गार्डन उत्तम नगर का रहने वाला है, जबकि उसका दूसरा साथी नाबालिग है.

बाहरी जिले के साइबर पुलिस ने धोखाधड़ी का किया भंडाफोड़

बाहरी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन की टीम ने धोखाधड़ी के एक मामले का भंडाफोड़ किया है. मेरठ के रहने वाले आरोपी हरिहरन को गिरफ्तार किया है, जो 'VAHAK APP' का उपयोग कर धोखाधड़ी कर निर्दोष लोगों को टारगेट कर रहा था. डीसीपी समीर शर्मा के अनुसार उसके कब्जे से मोबाइल, पीड़ित से संपर्क करने में इस्तेमाल किया गया. सिम कार्ड और जिस बैंक से रकम मिली थी उसका डेबिट कार्ड बरामद किया है.

पुलिस के अनुसार 31 मई को प्रणव जैन नाम के एक सख्स की शिकायत NCRP पोर्टल के माध्यम से पुलिस को मिली. जिसको माल परिवहन के लिए ट्रक उपलब्ध कराने के बहाने एक एप (VAHAK APP) पर 15,000/- रुपये की ठगी की गई थी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसने एक एप पर ट्रक बुक किया था और उसके लिए अनुराग चौधरी नाम के व्यक्ति ने उसकी बुकिंग की पुष्टि की. व्यक्ति के अनुरोध पर उसने 15,000 रुपये अग्रिम भुगतान किया. शिकायतकर्ता ने ऑनलाइन राशि का भुगतान किया लेकिन बाद में जब वास्तविक ट्रक मालिक ने भुगतान के लिए कहा, तो उसे एहसास हुआ कि ट्रक उपलब्ध कराने के बहाने उसके साथ धोखाधड़ी की गई है. साइबर थाना बाहरी जिले में 420 IPC के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई. एसीपी ऑपरेशन अरुण कुमार चौधरी की देखरेख में एसएचओ संदीप पंवार, SI राकेश कुमार, हेड कॉन्स्टेबल कुलवीर, राहुल और कॉन्स्टेबल अनिल की टीम ने कड़ी मेहनत के बाद इसका पता लगाया. लोकल इंटेलिजेंस के साथ अकाउंट के डिटेल पर कड़ी मेहनत की. टेकिनिकल निगरानी के बाद, मोबाइल नंबरों और सीडीआर का विश्लेषण, आईएमईआई की जांच से संदिग्ध व्यक्ति वाई. हरिहरन को पकड़ा गया.

पूछताछ के बाद उसने अपनी संलिप्तता के बारे में खुलासा किया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसने खुलासा किया कि वह 12वीं पास है और सफेदी करने का काम करता है. जल्दी पैसा कमाना चाहता था, जिसके लिए उसने प्ले स्टोर से VAHAK APP देखा, जो सामान परिवहन के लिए ट्रक उपलब्ध कराते थे । उसने "अरुण चौधरी" के नाम से VAHAK APP पर अकाउंट बनाया और इसी के जरिए उसने ठगी की.

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नई दिल्ली: अपराध पर लगाम कसने के लिए दिल्ली पुलिस सजग है. इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस ने दिल्ली के कापसहेड़ा थाना पुलिस ने ऑटो लिफ्टर गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. जबकि रनहौला से भी दो सेंधमारों को गिरफ्तार किया है तो वहीं बाहरी जिला पुलिस ने एक ठग को गिरफ्तार किया है.

ऑटो लिफ्टर गैंग का मास्टरमाइंड गिरफ्तार

कापसहेड़ा थाना की पुलिस टीम ने ऑटो लिफ्टर गैंग के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. इसके पास से चोरी की 9 मोटरसाइकिल और एक स्कूटी बरामद किया गया है. इसकी गिरफ्तारी से 10 मामलों का खुलासा करने का दावा पुलिस ने किया है. गिरफ्तार ऑटो लिफ्टर की पहचान नवाज शरीफ उर्फ बब्बल के रूप में हुई है. यह मेवात, हरियाणा का रहने वाला है. डीसीपी साउथ वेस्ट मनोज सी ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी पिछले दिनों कापसहेड़ा थाना इलाके में हुए लूट के मामलों में गिरफ्तार किए गए 3 लुटेरों से पूछताछ के आधार पर की गई है. पुलिस के अनुसार जिन मोटरसाइकिल और स्कूटी को बरामद किया गया है उसमें से दो हरियाणा के मेवात रीजन की है.

रनहौला पुलिस ने दो सेंधमारों को किया गिरफ्तार

रनहौला थाना पुलिस की टीम ने दो सेंधमार को पकड़ा है, जिसमें से एक नाबालिग है. इनके पास से पुलिस ने दो मोबाइल, लेडी पर्स आदि बरामद हुआ है. इसके पकड़े जाने से आधा दर्जन मामलों का खुलासा करने का पुलिस ने दावा किया है. डीसीपी समीर शर्मा के अनुसार गिरफ्तार आरोपी की पहचान ऋतिक के रूप में हुई है, जो मोहन गार्डन उत्तम नगर का रहने वाला है, जबकि उसका दूसरा साथी नाबालिग है.

बाहरी जिले के साइबर पुलिस ने धोखाधड़ी का किया भंडाफोड़

बाहरी जिले के साइबर पुलिस स्टेशन की टीम ने धोखाधड़ी के एक मामले का भंडाफोड़ किया है. मेरठ के रहने वाले आरोपी हरिहरन को गिरफ्तार किया है, जो 'VAHAK APP' का उपयोग कर धोखाधड़ी कर निर्दोष लोगों को टारगेट कर रहा था. डीसीपी समीर शर्मा के अनुसार उसके कब्जे से मोबाइल, पीड़ित से संपर्क करने में इस्तेमाल किया गया. सिम कार्ड और जिस बैंक से रकम मिली थी उसका डेबिट कार्ड बरामद किया है.

पुलिस के अनुसार 31 मई को प्रणव जैन नाम के एक सख्स की शिकायत NCRP पोर्टल के माध्यम से पुलिस को मिली. जिसको माल परिवहन के लिए ट्रक उपलब्ध कराने के बहाने एक एप (VAHAK APP) पर 15,000/- रुपये की ठगी की गई थी. शिकायतकर्ता का आरोप है कि उसने एक एप पर ट्रक बुक किया था और उसके लिए अनुराग चौधरी नाम के व्यक्ति ने उसकी बुकिंग की पुष्टि की. व्यक्ति के अनुरोध पर उसने 15,000 रुपये अग्रिम भुगतान किया. शिकायतकर्ता ने ऑनलाइन राशि का भुगतान किया लेकिन बाद में जब वास्तविक ट्रक मालिक ने भुगतान के लिए कहा, तो उसे एहसास हुआ कि ट्रक उपलब्ध कराने के बहाने उसके साथ धोखाधड़ी की गई है. साइबर थाना बाहरी जिले में 420 IPC के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई. एसीपी ऑपरेशन अरुण कुमार चौधरी की देखरेख में एसएचओ संदीप पंवार, SI राकेश कुमार, हेड कॉन्स्टेबल कुलवीर, राहुल और कॉन्स्टेबल अनिल की टीम ने कड़ी मेहनत के बाद इसका पता लगाया. लोकल इंटेलिजेंस के साथ अकाउंट के डिटेल पर कड़ी मेहनत की. टेकिनिकल निगरानी के बाद, मोबाइल नंबरों और सीडीआर का विश्लेषण, आईएमईआई की जांच से संदिग्ध व्यक्ति वाई. हरिहरन को पकड़ा गया.

पूछताछ के बाद उसने अपनी संलिप्तता के बारे में खुलासा किया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसने खुलासा किया कि वह 12वीं पास है और सफेदी करने का काम करता है. जल्दी पैसा कमाना चाहता था, जिसके लिए उसने प्ले स्टोर से VAHAK APP देखा, जो सामान परिवहन के लिए ट्रक उपलब्ध कराते थे । उसने "अरुण चौधरी" के नाम से VAHAK APP पर अकाउंट बनाया और इसी के जरिए उसने ठगी की.

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