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Corruption in RML: राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ठेका कर्मचारियों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार उजागर - राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भ्रष्टाचार

दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में ठेका कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली कंपनी पर पैसे लेकर नौकरी देने के आरोप लगे हैं. मामले में कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रबंधन ने उप निदेशक (प्रशासन) को लंबे अवकाश पर भेज दिया है. इस मामले में कुछ कर्मचारियों ने एक लाख रुपये तक रिश्वत लिए जाने के आरोप लगाए हैं.

Ram Manohar Lohia Hospital
Ram Manohar Lohia Hospital
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Published : May 24, 2023, 8:14 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में ठेका कर्मचारियों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार की बात सामने आई है. ठेका कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली एम-एस शिवालिक हाउसिंग सर्विसेज नामक कंपनी पर रुपये लेकर नौकरी देने के आरोप लगे हैं. पूरे मामले की जांच के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से समिति का गठन किया गया है. साथ ही मामले में कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रबंधन ने उप निदेशक (प्रशासन) को लंबे अवकाश पर भेज दिया है.

अस्पताल प्रशासन की ओर गठित समिति के सामने शिकायकर्ता कर्मचारियों को 23 और 24 मई को सुबह 10 से 12 बजे तक अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक (कक्ष क्रमांक आठ, नर्सिंग होम) के कक्ष में उपस्थित होने को कहा गया था. उन्हें पिछली एजेंसी द्वारा जारी की गई रोजगार पत्र की प्रति, प्रत्यक्षकों की योग्यता, कार्य अनुभव का प्रमाण और शिकायत के समर्थन में सामग्री लानी थी, जिसमें ऑडियो, वीडियो या कोई दस्तावेज हो सकता था. हालांकि मंगलवार को कितने शिकायतकर्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई, इसके बारे में अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. जबकि इस मामले में छुट्टी पर भेजे गए उप निदेशक प्रशासन करुणेश प्रताप सिंह ने 15 मई को एक ओदश जारी किया था.

यह भी पढ़ें-BJP Targeted AAP: भ्रष्टाचार का विरोध कर सत्ता में आए, आज उनसे ही मिल रहे..., केजरीवाल पर BJP का हमला

इस आदेश में उन्होंने कहा था कि संज्ञान में आया है कि कई कर्मचारी अस्पताल के विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं. वे खुद को आउटसोर्स के जरिए भर्ती होने की बात कह रहे हैं, जबकि इस बारे में सक्षम अधिकारी की ओर से कुछ भी नहीं कहा गया है. उन्होंने अस्पताल के सभी एचओडी और अधिकारियों को सतर्क करते हुए कहा था किसी भी कर्मचारी से तब तक काम न लें जब तक कि चयन समिति और चिकित्सा अधीक्षक की अनुमति न हो. लेकिन अब वे ही कटघरे में हैं और अवकाश पर भेज दिए गए हैं. सूत्रों की मानें तो इस मामले में कुछ कर्मचारियों ने एक लाख रुपये तक रिश्वत लिए जाने के आरोप लगाए हैं. पूरे मामले पर एमएस प्रो. अजय शुक्ला से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.

यह भी पढ़ें-Rajasthan : अजमेर से सचिन पायलट की पद यात्रा की शुरुआत, बोले- ये किसी व्यक्ति के नहीं, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई है

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में ठेका कर्मचारियों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार की बात सामने आई है. ठेका कर्मचारियों को नियुक्त करने वाली एम-एस शिवालिक हाउसिंग सर्विसेज नामक कंपनी पर रुपये लेकर नौकरी देने के आरोप लगे हैं. पूरे मामले की जांच के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से समिति का गठन किया गया है. साथ ही मामले में कार्रवाई करते हुए अस्पताल प्रबंधन ने उप निदेशक (प्रशासन) को लंबे अवकाश पर भेज दिया है.

अस्पताल प्रशासन की ओर गठित समिति के सामने शिकायकर्ता कर्मचारियों को 23 और 24 मई को सुबह 10 से 12 बजे तक अतिरिक्त चिकित्सा अधीक्षक (कक्ष क्रमांक आठ, नर्सिंग होम) के कक्ष में उपस्थित होने को कहा गया था. उन्हें पिछली एजेंसी द्वारा जारी की गई रोजगार पत्र की प्रति, प्रत्यक्षकों की योग्यता, कार्य अनुभव का प्रमाण और शिकायत के समर्थन में सामग्री लानी थी, जिसमें ऑडियो, वीडियो या कोई दस्तावेज हो सकता था. हालांकि मंगलवार को कितने शिकायतकर्ताओं ने शिकायत दर्ज कराई, इसके बारे में अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. जबकि इस मामले में छुट्टी पर भेजे गए उप निदेशक प्रशासन करुणेश प्रताप सिंह ने 15 मई को एक ओदश जारी किया था.

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इस आदेश में उन्होंने कहा था कि संज्ञान में आया है कि कई कर्मचारी अस्पताल के विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं. वे खुद को आउटसोर्स के जरिए भर्ती होने की बात कह रहे हैं, जबकि इस बारे में सक्षम अधिकारी की ओर से कुछ भी नहीं कहा गया है. उन्होंने अस्पताल के सभी एचओडी और अधिकारियों को सतर्क करते हुए कहा था किसी भी कर्मचारी से तब तक काम न लें जब तक कि चयन समिति और चिकित्सा अधीक्षक की अनुमति न हो. लेकिन अब वे ही कटघरे में हैं और अवकाश पर भेज दिए गए हैं. सूत्रों की मानें तो इस मामले में कुछ कर्मचारियों ने एक लाख रुपये तक रिश्वत लिए जाने के आरोप लगाए हैं. पूरे मामले पर एमएस प्रो. अजय शुक्ला से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया.

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