नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए भारतीय एमेच्योर मुक्केबाजी महासंघ (आईएबीएफ) को अपने नाम में 'भारत' या 'भारतीय' शब्द का उपयोग करने से मना कर दिया है. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) की याचिका पर यह अंतरिम आदेश जारी किया.
In an interim order, the #DelhiHighCourt on March 7 directed the Indian Amateur Boxing Federation (#IABF) not to use '#India' or '#Indian ' in its name. pic.twitter.com/bhUPFjcXEd
— IANS Tweets (@ians_india) March 7, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">In an interim order, the #DelhiHighCourt on March 7 directed the Indian Amateur Boxing Federation (#IABF) not to use '#India' or '#Indian ' in its name. pic.twitter.com/bhUPFjcXEd
— IANS Tweets (@ians_india) March 7, 2019In an interim order, the #DelhiHighCourt on March 7 directed the Indian Amateur Boxing Federation (#IABF) not to use '#India' or '#Indian ' in its name. pic.twitter.com/bhUPFjcXEd
— IANS Tweets (@ians_india) March 7, 2019
बीएफआई ने अपनी याचिका में आईएबीएफ पर 'भारत' या उससे बनने वाले शब्दों जैसे भारतीय का उपयोग करने से स्थायी रोक लगाने की मांग की थी.
बीएफआई ने अदालत को बताया कि आईएबीएफ को खेल और युवा मामलों के मंत्रालय ने मान्यता नहीं दी थी और यह किसी भी तरह से मान्यता प्राप्त महासंघ नहीं था. इसलिए उसने अदालत से आईएबीएफ को अपने आप को मुक्केबाजी की मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में पेश करने से रोकने के लिए कहा था.
मुक्केबाजी की राष्ट्रीय महासंघ होने का दावा करते हुए बीएफआई ने आरोप लगाया कि आईएबीएफ ने भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) से संबद्ध महासंघ के रूप में खुद को गलत तरीके से पेश किया है. आईएबीएफ जबलपुर में 10 से 15 मार्च तक पहली सब-जूनियर इंटर जोनल पुरुष और महिला राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैम्पियनशिप 2018-19 का आयोजन कर रहा है.
बीएफआई ने न्यायालय से यह भी अनुरोध किया कि वह आईएबीएफ को यह आदेश दे कि वह राष्ट्रीय सब जूनियर पुरुष और महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप में भाग लेने जा रहे मुक्केबाजों को यह बताए कि वह मुक्केबाजी की मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय महासंघ नहीं है.