ETV Bharat / sports

सानिया मिर्जा के करियर के वो 5 लम्हे, जिन्हें हमेशा याद किया जायेगा -  सानिया मिर्जा

आईए जानते है सानिया मिर्जा के करियर के पांच सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय जीत के बारे में.

sania mirza
sania mirza
author img

By

Published : Mar 31, 2020, 11:01 AM IST

हैदराबाद: जिस देश में क्रिकेट को पूजा जाता है, उसी देश के एक खिलाड़ी ने टेनिस की दुनिया में एक अलग मुकाम हासिल किया. ये कोई और नहीं बल्कि भारत की स्टार महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा है जिनको शक्तिशाली फोरहैंड ग्राउंड स्ट्रोक के लिए जाना जाता है.

सानिया मिर्जा ने ना सिर्फ टेनिस में भारत को पहचान दिलाई, बल्कि कई लोगों को प्रेरित में किया. वे भारत की अब तक की सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाली महिला टेनिस खिलाड़ी हैं. इसके साथ ही वे किसी ग्रैंड स्लैम के चौथे दौर में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला भी है.

ये तो कुछ भी नहीं है, इसके अलावा सानिया मिर्जा ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाली भी पहली भारतीय महिला है.

33 साल की इस खिलाड़ी की उपलब्धियों की लिस्ट बहुत लंबी है. उन्होंने मिश्रित युगल और युगल मुकाबलों में छह ग्रैंड स्लैम अपने नाम किए है. साथ ही साल 2003 से 2013 (महिला एकल से संन्यास लेने) तक में सानिया को डब्ल्यूटीए द्वारा दोनों श्रेणियों में भारत के नंबर 1 खिलाड़ी के रूप में स्थान दिया गया था.

अपने करियर के दौरान सानिया मिर्जा ने स्वेतलाना कुज़नेत्सोवा, वेरा ज़्वोनारेवा, मैरियन बारटोली, मार्टिना हिंगिस, दिनारा सफीना और विक्टोरिया अजारेंका जैसे खिलाड़ियों पर शानदार जीत हासिल की है.

आईए आपको बताते है सानिया मिर्जा के इस शानदार करियर की पांच सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय जीत के बारे में-

विंबलडन ट्रॉफी

12 साल तक एक पेशेवर टेनिस खिलाड़ी के रूप में खेलने के बाद, सानिया ने साल 2015 के विंबलडन चैंपियनशिप में अपने पहले महिला युगल खिताब पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया. इस फाइनल मुकाबले में उन्होंने और मार्टिना हिंगिस ने एकातेरिना मकारोवा और एलेना सेस्निना की रूसी खिलाड़ी को हराकर विंबलडन का खिताब जीता था.

Sania Mirza, Wimbeldon
विंबलडन ट्रॉफी

इस इंडो-स्विस जोड़ी ने बिना कोई भी मुकाबला गवांए फाइनल में प्रवेश किया था. फाइनल मुकाबले में सानिया-हिंगिस की जोड़ी को पहले सेट में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बाद उन दोनों ने वापसी की और रूसी जोड़ी मकारोवा और वेस्नीना को 5-7, 7-6, 7-5 से हराया. इस जीत के साथ ही सानिया इतिहास रचते हुए विंबलडन खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई.

पहला डब्ल्यूटीए खिताब

2004 में छह आईटीएफ एकल खिताब जीतने के बाद सानिया को उनके करियर की सबसे बड़ी जीत 2005 में मिली जब उन्होंने फाइनल में यूक्रेन की नौवीं वरीयता प्राप्त अलोना बोन्डारेंको को 6-4, 5-7, 6-3 से हराकर अपना पहला डब्ल्यूटीए एकल खिताब जीता.

Sania Mirza, WTA Title
पहला डब्ल्यूटीए खिताब

यह खिताब और भी खास था क्योंकि उसने इसे अपने होमटाउन हैदराबाद में जीता था. इस जीत के साथ ही सानिया डब्ल्यूटीए खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गईं.

ऑस्ट्रेलियन ओपन

साल 2008 के ऑस्ट्रेलियन ओपन में भारत की मिश्रित युगल जोड़ी सानिया मिर्ज़ा और महेश भूपति के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन अगले साल ही इस जोड़ी ने शानदार वापसी की और खिताब पर भी कब्जा किया.

Sania Mirza, Australian Open, Mahesh Bhupati
ऑस्ट्रेलियन ओपन

2009 में खेले गए फाइनल में सानिया मिर्ज़ा और महेश भूपति ने इज़राइल की जोड़ी नाथाली देची और एंडी राम को 6-3, 6-1 से हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीता था.

फ्रेंच ओपन

सानिया और उनके मिश्रित युगल के जोड़ीदार महेश भूपति ने 2012 में एक बार फिर खुद को साबित किया. इस जोड़ी ने पोलिश और मैक्सिकन जोड़ीदार कलौदिया जांस और सैंटियागो गोंज़लेज़ को एक रोमांचक मुकाबले में 7-6 (7-3), 6-1 से हराकर फ्रेंच ओपन का खिताब जीता.

Sania Mirza, Mahesh bhupati, French open
फ्रेंच ओपन

इस जीत के साथ ही सानिया मिर्जा ने अपने करियर के दूसरे ग्रैंड स्लैम और पहले फ्रेंच ओपन खिताब पर कब्जा किया.

होबार्ट इंटरनेशनल

मां बनने के बाद सानिया मिर्जा करीब दो साल तक टेनिस ने दूर रही. होबार्ट इंटरनेशनल के जरिए उन्होंने कोर्ट पर शानदार वापसी की और उक्रेन की नादिया किचेनोक के साथ मिलकर महिला युगल का टाइटल अपने नाम किया.

Sania Mirza, Hobrt International
होबार्ट इंटरनेशनल

फाइनल मुकाबलें में सानिया और नाडिया का सामना चीन की जोड़ी शाओ पेंग और शुआई जैंग से हुआ था. 21 मिनट चले मुकाबलें में सानिया और नाडिया की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से जीत हासिल की. यह सानिया के करियर का 42 वां डब्ल्यूटीए युगल खिताब था.

हैदराबाद: जिस देश में क्रिकेट को पूजा जाता है, उसी देश के एक खिलाड़ी ने टेनिस की दुनिया में एक अलग मुकाम हासिल किया. ये कोई और नहीं बल्कि भारत की स्टार महिला टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा है जिनको शक्तिशाली फोरहैंड ग्राउंड स्ट्रोक के लिए जाना जाता है.

सानिया मिर्जा ने ना सिर्फ टेनिस में भारत को पहचान दिलाई, बल्कि कई लोगों को प्रेरित में किया. वे भारत की अब तक की सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाली महिला टेनिस खिलाड़ी हैं. इसके साथ ही वे किसी ग्रैंड स्लैम के चौथे दौर में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला भी है.

ये तो कुछ भी नहीं है, इसके अलावा सानिया मिर्जा ग्रैंड स्लैम खिताब जीतने वाली भी पहली भारतीय महिला है.

33 साल की इस खिलाड़ी की उपलब्धियों की लिस्ट बहुत लंबी है. उन्होंने मिश्रित युगल और युगल मुकाबलों में छह ग्रैंड स्लैम अपने नाम किए है. साथ ही साल 2003 से 2013 (महिला एकल से संन्यास लेने) तक में सानिया को डब्ल्यूटीए द्वारा दोनों श्रेणियों में भारत के नंबर 1 खिलाड़ी के रूप में स्थान दिया गया था.

अपने करियर के दौरान सानिया मिर्जा ने स्वेतलाना कुज़नेत्सोवा, वेरा ज़्वोनारेवा, मैरियन बारटोली, मार्टिना हिंगिस, दिनारा सफीना और विक्टोरिया अजारेंका जैसे खिलाड़ियों पर शानदार जीत हासिल की है.

आईए आपको बताते है सानिया मिर्जा के इस शानदार करियर की पांच सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय जीत के बारे में-

विंबलडन ट्रॉफी

12 साल तक एक पेशेवर टेनिस खिलाड़ी के रूप में खेलने के बाद, सानिया ने साल 2015 के विंबलडन चैंपियनशिप में अपने पहले महिला युगल खिताब पर सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया. इस फाइनल मुकाबले में उन्होंने और मार्टिना हिंगिस ने एकातेरिना मकारोवा और एलेना सेस्निना की रूसी खिलाड़ी को हराकर विंबलडन का खिताब जीता था.

Sania Mirza, Wimbeldon
विंबलडन ट्रॉफी

इस इंडो-स्विस जोड़ी ने बिना कोई भी मुकाबला गवांए फाइनल में प्रवेश किया था. फाइनल मुकाबले में सानिया-हिंगिस की जोड़ी को पहले सेट में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके बाद उन दोनों ने वापसी की और रूसी जोड़ी मकारोवा और वेस्नीना को 5-7, 7-6, 7-5 से हराया. इस जीत के साथ ही सानिया इतिहास रचते हुए विंबलडन खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई.

पहला डब्ल्यूटीए खिताब

2004 में छह आईटीएफ एकल खिताब जीतने के बाद सानिया को उनके करियर की सबसे बड़ी जीत 2005 में मिली जब उन्होंने फाइनल में यूक्रेन की नौवीं वरीयता प्राप्त अलोना बोन्डारेंको को 6-4, 5-7, 6-3 से हराकर अपना पहला डब्ल्यूटीए एकल खिताब जीता.

Sania Mirza, WTA Title
पहला डब्ल्यूटीए खिताब

यह खिताब और भी खास था क्योंकि उसने इसे अपने होमटाउन हैदराबाद में जीता था. इस जीत के साथ ही सानिया डब्ल्यूटीए खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गईं.

ऑस्ट्रेलियन ओपन

साल 2008 के ऑस्ट्रेलियन ओपन में भारत की मिश्रित युगल जोड़ी सानिया मिर्ज़ा और महेश भूपति के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन अगले साल ही इस जोड़ी ने शानदार वापसी की और खिताब पर भी कब्जा किया.

Sania Mirza, Australian Open, Mahesh Bhupati
ऑस्ट्रेलियन ओपन

2009 में खेले गए फाइनल में सानिया मिर्ज़ा और महेश भूपति ने इज़राइल की जोड़ी नाथाली देची और एंडी राम को 6-3, 6-1 से हराकर ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब जीता था.

फ्रेंच ओपन

सानिया और उनके मिश्रित युगल के जोड़ीदार महेश भूपति ने 2012 में एक बार फिर खुद को साबित किया. इस जोड़ी ने पोलिश और मैक्सिकन जोड़ीदार कलौदिया जांस और सैंटियागो गोंज़लेज़ को एक रोमांचक मुकाबले में 7-6 (7-3), 6-1 से हराकर फ्रेंच ओपन का खिताब जीता.

Sania Mirza, Mahesh bhupati, French open
फ्रेंच ओपन

इस जीत के साथ ही सानिया मिर्जा ने अपने करियर के दूसरे ग्रैंड स्लैम और पहले फ्रेंच ओपन खिताब पर कब्जा किया.

होबार्ट इंटरनेशनल

मां बनने के बाद सानिया मिर्जा करीब दो साल तक टेनिस ने दूर रही. होबार्ट इंटरनेशनल के जरिए उन्होंने कोर्ट पर शानदार वापसी की और उक्रेन की नादिया किचेनोक के साथ मिलकर महिला युगल का टाइटल अपने नाम किया.

Sania Mirza, Hobrt International
होबार्ट इंटरनेशनल

फाइनल मुकाबलें में सानिया और नाडिया का सामना चीन की जोड़ी शाओ पेंग और शुआई जैंग से हुआ था. 21 मिनट चले मुकाबलें में सानिया और नाडिया की जोड़ी ने 6-4, 6-4 से जीत हासिल की. यह सानिया के करियर का 42 वां डब्ल्यूटीए युगल खिताब था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.