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डेविस कप: बोपन्ना और रामकुमार ने युगल मैच गंवाया, फिनलैंड से 1-3 से हारा भारत - इंडिया बनाम पिनलैंड

कप्तान रोहित राजपाल ने अंतिम मिनट में युगल जोड़ी बदलकर बोपन्ना को दिविज शरण के बजाय रामकुमार के साथ उतारा. पर इससे भी भारत को मदद नहीं मिली और इस अहम मैच में बोपन्ना और रामकुमार की जोड़ी हैनरी कोंटिनेन और हैरी हेलियोवारा से एक घंटे 38 मिनट में 6-7 6-7 से हार गयी.

davis cup: Rohan bopanna and ramkumar ramanathan losses as india lost 1-3 to finaland
davis cup: Rohan bopanna and ramkumar ramanathan losses as india lost 1-3 to finaland
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Published : Sep 19, 2021, 1:48 PM IST

एस्पू (फिनलैंड): रोहन बोपन्ना और रामकुमार रामनाथन की जोड़ी शनिवार को यहां 'करो या मरो' के युगल मैच में हार गयी जिससे भारत ने फिनलैंड के खिलाफ विश्व ग्रुप एक मुकाबला 1-3 से गंवा दिया.

कप्तान रोहित राजपाल ने अंतिम मिनट में युगल जोड़ी बदलकर बोपन्ना को दिविज शरण के बजाय रामकुमार के साथ उतारा. पर इससे भी भारत को मदद नहीं मिली और इस अहम मैच में बोपन्ना और रामकुमार की जोड़ी हैनरी कोंटिनेन और हैरी हेलियोवारा से एक घंटे 38 मिनट में 6-7 6-7 से हार गयी.

प्रजनेश गुणेश्वरन और रामकुमार दोनों शुक्रवार को अपने एकल मैच गंवा चुके थे जिससे मुकाबले में बने रहने के लिये भारतीयों को युगल मैच जीतने की जरूरत थी.

दोनों उलट एकल फिर महत्वहीन हो गये थे. प्रजनेश ने बाद में चौथे मैच में पैट्रिक निकलास सालमिनेन को 6-3 7-5 से हरा दिया जबकि पांचवां मैच खेला नहीं गया.

भारत अब विश्व ग्रुप एक में अपना स्थान बरकरार रखने के लिये अगले साल प्ले-ऑफ में खेलेगा.

युगल मुकाबले में हेलियोवारा को कोर्ट पर चारों खिलाड़ियों में सबसे कमजोर माना जा रहा था लेकिन उन्होंने अपने खेल में कई गुना सुधार किया और मैच के नतीजे को प्रभावित किया.

ये भी पढ़ें- Video: इंडिया का त्योहार IPL 2021 के दूसरे हाफ का धमाकेदार आगाज 19 सितंबर से

बोपन्ना ने कहा कि फिनलैंड के खिलाड़ियों को बतौर जोड़ी शीर्ष स्तर के मैच खेलने के अनुभव से फायदा मिला.

उन्होंने कहा, "हम इस स्तर पर पहली बार एक साथ खेल रहे थे. करीबी प्वाइंट में इससे अंतर पैदा हुआ. लेकिन हमने अच्छा मैच खेला क्योंकि हम पहली बार एक साथ खेल रहे थे."

बोपन्ना (40 वर्ष) ने कप्तान के जोड़ीदार बदलने के फैसले का समर्थन किया.

उन्होंने यह भी कहा कि भारत को एकल मैचों में भी अच्छा करने की जरूरत है तभी टीम डेविस कप मुकाबले जीत सकती है.

बोपन्ना ने कहा, "चार अंक एकल मैचों के होते हैं, हमें यहीं पर ध्यान लगाने की जरूरत है. छह साल से किसी भारतीय खिलाड़ी ने डेविस कप में अपने से ऊंची रैंकिंग के खिलाड़ी को नहीं हराया है."

उन्होंने कहा, "हमें अपने देश में अच्छे ढांचे और जूनियर स्तर पर अच्छी प्रणाली की जरूरत है. क्रिकेट अच्छा कर रहा है क्योंकि इसके लिये शानदार तंत्र मौजूद है इसलिये हर खेल को इसी तरह की जरूरत होती है. आप ये सब खुद नहीं कर सकते. महासंघ और सरकार को एक साथ मिलकर यह करना होगा."

युगल मैच में भारतीय जोड़ी ने जब बढ़त बनायी हुई थी, तब इसे गंवा बैठी. उन्होंने दूसरे सेट में आठ गेम में चार ब्रेकप्वाइंट गंवाये. जबकि इनमें जीतने से उन्हें मेजबान जोड़ी पर दबाव बनाने का मौका मिल जाता.

पहले सेट में 3-3 की बराबरी के बाद भारतीय जोड़ी ने हेलियोवारा की सर्विस पर आक्रामकता दिखायी. पर रामकुमार की डबल फॉल्ट और नेट पर वॉली गलती का फायदा उठाते हुए फिनलैंड की जोड़ी सेट टाई ब्रेकर के बाद अपने नाम किया.

दूसरे सेट में भी बोपन्ना लगातार असहज गलतियों के कारण अपनी सर्विस गंवा बैठे. यह सेट भी टाई ब्रेकर तक पहुंचा जिसमें फिनलैंड के खिलाड़ी हेलोवारा ने 5-2 पर शानदार फारहैंड से पहला मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर रामकुमार अगले प्वाइंट में रिटर्न नहीं कर सके जिससे फिनलैंड ने मुकाबले में 3-0 से अजेय बढ़त बना ली.

प्रजनेश शुक्रवार को अपने से निचली रैंकिंग खिलाड़ी से हार गये जबकि रामकुमार को भी दूसरे एकल में पराजय झेलनी पड़ी.

शुक्रवार को पहले मैच में विश्व रैंकिंग में 165वें स्थान पर काबिज प्रजनेश को रैंकिंग में काफी नीचे के खिलाड़ी ओटो विर्तानेन (419वीं रैंकिंग) से एक घंटे 25 मिनट तक चले मैच में 3-6, 6-7 से हार का सामना करना पड़ा.

रामकुमार रामनाथन (187वीं रैंकिंग) ने दूसरे मैच में फिनलैंड के नंबर एक खिलाड़ी एमिल रूसुवुओरी को कड़ी चुनौती पेश की लेकिन वह विश्व रैंकिंग में 74वें स्थान पर काबिज खिलाड़ी से 4-6 5-7 से हार गये.

भारत को अच्छा ड्रा मिला था जिसमें प्रजनेश निचली रैंकिंग के खिलाड़ी से खेल रहे थे लेकिन विर्तानेन ने आसान जीत हासिल की.

रामकुमार ने अपने प्रतिद्वंद्वी की चुनौती से पार पाने के लिये कुछ कोशिशें की लेकिन वह भारत को बराबरी पर नहीं ला सके. प्रजनेश की हार काफी निराशाजनक थी क्योंकि उनके सामने काफी कम अनुभवी खिलाड़ी था जिसने इससे पहले केवल एक डेविस कप मैच जीता था.

छठे गेम में सर्विस गंवाने के बाद रामकुमार ने चतुराई से खेलते हुए तुरंत वापसी की. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को हैरान करते हुए अच्छे अंक जुटाये. दसवें गेम में वह पहले सेट में बने रहने के लिये अपनी सर्विस पर 0-40 से पिछड़ रहे थे लेकिन बैकहैंड शॉट के बाहर जाने से वह इसे गंवा बैठे.

दूसरे सेट में रूसुवुओरी ने रामकुमार की रणनीति का करारा जवाब दिया और कुछ शानदार विनर लगाकर दबाव बना दिया. फिर दोनों खिलाड़ी 5-5 से बराबरी पर थे लेकिन रूसुवुओरी ने अपने खेल को मजबूत करते हुए जानदार स्ट्रोक्स लगाये.

उन्होंने 40-40 पर शानदार क्रास विनर लगाकर अपना पहला मैच प्वाइंट हासिल किया लेकिन रामकुमार ने खुद को सयंमित रखते हुए इसे बचा लिया. पर भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही डबल फॉल्ट कर दिया जिससे रूसुवुओरी को अपना दूसरा मैच प्वाइंट मिला जिस पर उन्होंने बैकहैंड विनर लगाकर मैच जीत लिया.

एस्पू (फिनलैंड): रोहन बोपन्ना और रामकुमार रामनाथन की जोड़ी शनिवार को यहां 'करो या मरो' के युगल मैच में हार गयी जिससे भारत ने फिनलैंड के खिलाफ विश्व ग्रुप एक मुकाबला 1-3 से गंवा दिया.

कप्तान रोहित राजपाल ने अंतिम मिनट में युगल जोड़ी बदलकर बोपन्ना को दिविज शरण के बजाय रामकुमार के साथ उतारा. पर इससे भी भारत को मदद नहीं मिली और इस अहम मैच में बोपन्ना और रामकुमार की जोड़ी हैनरी कोंटिनेन और हैरी हेलियोवारा से एक घंटे 38 मिनट में 6-7 6-7 से हार गयी.

प्रजनेश गुणेश्वरन और रामकुमार दोनों शुक्रवार को अपने एकल मैच गंवा चुके थे जिससे मुकाबले में बने रहने के लिये भारतीयों को युगल मैच जीतने की जरूरत थी.

दोनों उलट एकल फिर महत्वहीन हो गये थे. प्रजनेश ने बाद में चौथे मैच में पैट्रिक निकलास सालमिनेन को 6-3 7-5 से हरा दिया जबकि पांचवां मैच खेला नहीं गया.

भारत अब विश्व ग्रुप एक में अपना स्थान बरकरार रखने के लिये अगले साल प्ले-ऑफ में खेलेगा.

युगल मुकाबले में हेलियोवारा को कोर्ट पर चारों खिलाड़ियों में सबसे कमजोर माना जा रहा था लेकिन उन्होंने अपने खेल में कई गुना सुधार किया और मैच के नतीजे को प्रभावित किया.

ये भी पढ़ें- Video: इंडिया का त्योहार IPL 2021 के दूसरे हाफ का धमाकेदार आगाज 19 सितंबर से

बोपन्ना ने कहा कि फिनलैंड के खिलाड़ियों को बतौर जोड़ी शीर्ष स्तर के मैच खेलने के अनुभव से फायदा मिला.

उन्होंने कहा, "हम इस स्तर पर पहली बार एक साथ खेल रहे थे. करीबी प्वाइंट में इससे अंतर पैदा हुआ. लेकिन हमने अच्छा मैच खेला क्योंकि हम पहली बार एक साथ खेल रहे थे."

बोपन्ना (40 वर्ष) ने कप्तान के जोड़ीदार बदलने के फैसले का समर्थन किया.

उन्होंने यह भी कहा कि भारत को एकल मैचों में भी अच्छा करने की जरूरत है तभी टीम डेविस कप मुकाबले जीत सकती है.

बोपन्ना ने कहा, "चार अंक एकल मैचों के होते हैं, हमें यहीं पर ध्यान लगाने की जरूरत है. छह साल से किसी भारतीय खिलाड़ी ने डेविस कप में अपने से ऊंची रैंकिंग के खिलाड़ी को नहीं हराया है."

उन्होंने कहा, "हमें अपने देश में अच्छे ढांचे और जूनियर स्तर पर अच्छी प्रणाली की जरूरत है. क्रिकेट अच्छा कर रहा है क्योंकि इसके लिये शानदार तंत्र मौजूद है इसलिये हर खेल को इसी तरह की जरूरत होती है. आप ये सब खुद नहीं कर सकते. महासंघ और सरकार को एक साथ मिलकर यह करना होगा."

युगल मैच में भारतीय जोड़ी ने जब बढ़त बनायी हुई थी, तब इसे गंवा बैठी. उन्होंने दूसरे सेट में आठ गेम में चार ब्रेकप्वाइंट गंवाये. जबकि इनमें जीतने से उन्हें मेजबान जोड़ी पर दबाव बनाने का मौका मिल जाता.

पहले सेट में 3-3 की बराबरी के बाद भारतीय जोड़ी ने हेलियोवारा की सर्विस पर आक्रामकता दिखायी. पर रामकुमार की डबल फॉल्ट और नेट पर वॉली गलती का फायदा उठाते हुए फिनलैंड की जोड़ी सेट टाई ब्रेकर के बाद अपने नाम किया.

दूसरे सेट में भी बोपन्ना लगातार असहज गलतियों के कारण अपनी सर्विस गंवा बैठे. यह सेट भी टाई ब्रेकर तक पहुंचा जिसमें फिनलैंड के खिलाड़ी हेलोवारा ने 5-2 पर शानदार फारहैंड से पहला मैच प्वाइंट हासिल किया और फिर रामकुमार अगले प्वाइंट में रिटर्न नहीं कर सके जिससे फिनलैंड ने मुकाबले में 3-0 से अजेय बढ़त बना ली.

प्रजनेश शुक्रवार को अपने से निचली रैंकिंग खिलाड़ी से हार गये जबकि रामकुमार को भी दूसरे एकल में पराजय झेलनी पड़ी.

शुक्रवार को पहले मैच में विश्व रैंकिंग में 165वें स्थान पर काबिज प्रजनेश को रैंकिंग में काफी नीचे के खिलाड़ी ओटो विर्तानेन (419वीं रैंकिंग) से एक घंटे 25 मिनट तक चले मैच में 3-6, 6-7 से हार का सामना करना पड़ा.

रामकुमार रामनाथन (187वीं रैंकिंग) ने दूसरे मैच में फिनलैंड के नंबर एक खिलाड़ी एमिल रूसुवुओरी को कड़ी चुनौती पेश की लेकिन वह विश्व रैंकिंग में 74वें स्थान पर काबिज खिलाड़ी से 4-6 5-7 से हार गये.

भारत को अच्छा ड्रा मिला था जिसमें प्रजनेश निचली रैंकिंग के खिलाड़ी से खेल रहे थे लेकिन विर्तानेन ने आसान जीत हासिल की.

रामकुमार ने अपने प्रतिद्वंद्वी की चुनौती से पार पाने के लिये कुछ कोशिशें की लेकिन वह भारत को बराबरी पर नहीं ला सके. प्रजनेश की हार काफी निराशाजनक थी क्योंकि उनके सामने काफी कम अनुभवी खिलाड़ी था जिसने इससे पहले केवल एक डेविस कप मैच जीता था.

छठे गेम में सर्विस गंवाने के बाद रामकुमार ने चतुराई से खेलते हुए तुरंत वापसी की. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को हैरान करते हुए अच्छे अंक जुटाये. दसवें गेम में वह पहले सेट में बने रहने के लिये अपनी सर्विस पर 0-40 से पिछड़ रहे थे लेकिन बैकहैंड शॉट के बाहर जाने से वह इसे गंवा बैठे.

दूसरे सेट में रूसुवुओरी ने रामकुमार की रणनीति का करारा जवाब दिया और कुछ शानदार विनर लगाकर दबाव बना दिया. फिर दोनों खिलाड़ी 5-5 से बराबरी पर थे लेकिन रूसुवुओरी ने अपने खेल को मजबूत करते हुए जानदार स्ट्रोक्स लगाये.

उन्होंने 40-40 पर शानदार क्रास विनर लगाकर अपना पहला मैच प्वाइंट हासिल किया लेकिन रामकुमार ने खुद को सयंमित रखते हुए इसे बचा लिया. पर भारतीय खिलाड़ी ने जल्द ही डबल फॉल्ट कर दिया जिससे रूसुवुओरी को अपना दूसरा मैच प्वाइंट मिला जिस पर उन्होंने बैकहैंड विनर लगाकर मैच जीत लिया.

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