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Exclusive Interview: जिम्मेदारियां बढ़ीं, हर दिव्यांग के लिए प्रेरणा बनेगा यह सम्मान : देवेंद्र झझाड़िया

एथेंस और रियो पैरालंपिक में गोल्ड मेडल और टोक्यो पैरालंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले जैवलिन थ्रो खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया को पद्म भूषण सम्मान से नवाजा गया. 40 साल के देवेंद्र इससे पहले पद्मश्री, अर्जुन अवार्ड, राजीव गांधी अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं.

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देवेंद्र झाझड़िया
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Published : Jan 27, 2022, 1:25 PM IST

जयपुर. 8 साल की उम्र में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से अपना हाथ गंवाने वाले देवेंद्र झाझड़िया आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. एथेंस और रियो पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल और टोक्यो पैरा ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले जैवलिन थ्रो खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया को पद्म भूषण सम्मान से नवाजा जाएगा.

पद्म अवार्ड की सूची में शामिल होने के बाद इस उपलब्धि पर अपने परिवार के साथ जश्न मनाने गांधीनगर से जयपुर पहुंचे देवेंद्र ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने पैरा स्पोर्ट्स को एक विजन के तौर पर लिया है. ओलंपिक में जाने से लेकर मेडल जीतकर आने तक उन्होंने समय-समय पर हौसला अफजाई की और भारत आने पर शानदार जश्न भी मनाया.

देवेंद्र झाझड़िया से बातचीत

टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम में किया गया शामिल

देवेंद्र ने कहा कि जब देश के लिए खेलते हैं और उस खेल को भारत सरकार से पहचान मिलती है, राष्ट्रपति जब आपको कोई अवार्ड देता है, तो देश के प्रति आपकी जिम्मेदारी दोगुनी हो जाती है. इस जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए देश के लिए ज्यादा से ज्यादा योगदान देना चाहेंगे. अब लक्ष्य है कि 2024 में होने वाले पैरिस पैरा ओलंपिक में एक बार फिर देश को मेडल दिलाएं. इसके लिए ट्रेनिंग भी शुरू कर दी है.

यह भी पढ़ें: पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित होने के बाद Etv Bharat पर क्या बोलीं अवनी लेखरा

उन्होंने कहा, कुछ प्लान बनाए हैं, जिस पर आगामी समय में ट्रेनिंग की जाएगी. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने उन्हें टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम में शामिल किया है. जिसके तहत भारत सरकार से कोई भी सुविधा ले सकते हैं, फिर चाहे अच्छे कोच की बात हो या फिर विदेश में जाकर कोचिंग लेने की.

जिम्मेदारियां भी बढ़ीं

जिम्मेदारियों को लेकर बात को आगे बढ़ाते हुए देवेंद्र ने कहा कि अब उनकी दोहरी भूमिका है. जिस तरह टोक्यो ओलंपिक में गए थे, तो वहां एक प्लेयर भी थे और सीनियर प्लेयर होने के नाते युवा खिलाड़ियों के मेंटर के रूप में भी काम किया. टोक्यो ओलंपिक में युवा खिलाड़ी अवनी लेखरा को भी प्रोत्साहित किया. आगे भी इसी तरह वो अपनी जिम्मेदारियों को निभाएंगे.

यह भी पढ़ें: हॉकी इंडिया ने 100 अंतर्राष्ट्रीय मैच पूरा करने पर गुरजीत कौर को बधाई दी

इस दौरान देवेंद्र की धर्मपत्नी मंजू ने भी गौरवान्वित होने की बात कही. साथ ही कहा कि देवेंद्र की मेहनत और हौसलों को देखकर लगता है कि आने वाले समय में वो देश के लिए और मेडल जीतेंगे. वहीं, उनकी बेटी ने कहा कि वो अपने पापा के कीर्तिमानों से बहुत प्रेरित होती हैं.

जयपुर. 8 साल की उम्र में हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से अपना हाथ गंवाने वाले देवेंद्र झाझड़िया आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. एथेंस और रियो पैरा ओलंपिक में गोल्ड मेडल और टोक्यो पैरा ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले जैवलिन थ्रो खिलाड़ी देवेंद्र झाझड़िया को पद्म भूषण सम्मान से नवाजा जाएगा.

पद्म अवार्ड की सूची में शामिल होने के बाद इस उपलब्धि पर अपने परिवार के साथ जश्न मनाने गांधीनगर से जयपुर पहुंचे देवेंद्र ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने पैरा स्पोर्ट्स को एक विजन के तौर पर लिया है. ओलंपिक में जाने से लेकर मेडल जीतकर आने तक उन्होंने समय-समय पर हौसला अफजाई की और भारत आने पर शानदार जश्न भी मनाया.

देवेंद्र झाझड़िया से बातचीत

टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम में किया गया शामिल

देवेंद्र ने कहा कि जब देश के लिए खेलते हैं और उस खेल को भारत सरकार से पहचान मिलती है, राष्ट्रपति जब आपको कोई अवार्ड देता है, तो देश के प्रति आपकी जिम्मेदारी दोगुनी हो जाती है. इस जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए देश के लिए ज्यादा से ज्यादा योगदान देना चाहेंगे. अब लक्ष्य है कि 2024 में होने वाले पैरिस पैरा ओलंपिक में एक बार फिर देश को मेडल दिलाएं. इसके लिए ट्रेनिंग भी शुरू कर दी है.

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उन्होंने कहा, कुछ प्लान बनाए हैं, जिस पर आगामी समय में ट्रेनिंग की जाएगी. उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने उन्हें टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम में शामिल किया है. जिसके तहत भारत सरकार से कोई भी सुविधा ले सकते हैं, फिर चाहे अच्छे कोच की बात हो या फिर विदेश में जाकर कोचिंग लेने की.

जिम्मेदारियां भी बढ़ीं

जिम्मेदारियों को लेकर बात को आगे बढ़ाते हुए देवेंद्र ने कहा कि अब उनकी दोहरी भूमिका है. जिस तरह टोक्यो ओलंपिक में गए थे, तो वहां एक प्लेयर भी थे और सीनियर प्लेयर होने के नाते युवा खिलाड़ियों के मेंटर के रूप में भी काम किया. टोक्यो ओलंपिक में युवा खिलाड़ी अवनी लेखरा को भी प्रोत्साहित किया. आगे भी इसी तरह वो अपनी जिम्मेदारियों को निभाएंगे.

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इस दौरान देवेंद्र की धर्मपत्नी मंजू ने भी गौरवान्वित होने की बात कही. साथ ही कहा कि देवेंद्र की मेहनत और हौसलों को देखकर लगता है कि आने वाले समय में वो देश के लिए और मेडल जीतेंगे. वहीं, उनकी बेटी ने कहा कि वो अपने पापा के कीर्तिमानों से बहुत प्रेरित होती हैं.

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