नई दिल्ली: चीन की भारोत्तोलक झिहुई होउ, जिन्होंने शनिवार को टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, उनका डोपिंग रोधी अधिकारियों द्वारा परीक्षण किया जाएगा. ऐसे में यदि वह परीक्षण में विफल रहती हैं, तो भारत की मीराबाई चानू को स्वर्ण से सम्मानित किया जाएगा.
घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने एएनआई को बताया, उसे टोक्यो में रहने के लिए कहा गया है और परीक्षण किया जाएगा. परीक्षण निश्चित रूप से हो रहा है. चीन के झिहुई होउ ने शनिवार को कुल 210 किग्रा के साथ स्वर्ण पदक जीता था और एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया था.
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नियम स्पष्ट रूप से कहते हैं, अगर कोई एथलीट डोपिंग टेस्ट में फेल हो जाता है, तो सिल्वर जीतने वाले एथलीट को गोल्ड से सम्मानित किया जाएगा. मीराबाई चानू ने शनिवार को टोक्यो इंटरनेशनल फोरम में महिलाओं के 49 किग्रा वर्ग में रजत पदक जीतकर भारत के लिए पदक तालिका की शुरुआत की थी.
प्रतियोगिता में अपने चार सफल प्रयासों के दौरान चानू ने कुल 202 किग्रा (स्नैच में 87 किग्रा और क्लीन एंड जर्क में 115 किग्रा) उठाया था. चीन के झिहुई होउ ने एक नया ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया, जबकि इंडोनेशिया की विंडी केंटिका आइसा ने कुल 194 किग्रा के साथ कांस्य पदक जीता था.
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इस स्मारकीय रजत पदक के साथ, चानू ओलंपिक पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय भारोत्तोलक बन गईं. जब कर्णम मल्लेश्वरी ने साल 2000 सिडनी खेलों में 69 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था. उस समय भारोत्तोलन क्षेत्र पहली बार महिलाओं के लिए खोला गया था.
बता दें, मीराबाई चानू का रजत पदक ओलिंपिक के महिला वेटलिफ्टिंग में भारत को हासिल हुआ दूसरा पदक है. इससे पहले 2000 सिडनी ओलिंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी ने पदक जीता था.
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यानी पूरे 21 साल बाद भारत ने महिला वेटलिफ्टिंग का मेडल ओलिंपिक में जीता है. टोक्यो ओलिंपिक में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई, बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु के बाद दूसरी भारतीय महिला एथलीट भी बन गई हैं.