नई दिल्ली: विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता अमित पंघाल सहित तीन भारतीय मुक्केबाजों ने शुक्रवार को फुकेत में थाईलैंड ओपन मुक्केबाजी टूर्नामेंट के फाइनल में जगह पक्की की.
महिलाओं के वर्ग में अनंता प्रल्हाद (54 किग्रा) जबकि पुरुषों में सुमित (75 किग्रा) और पंघाल (52 किग्रा) ने फाइनल में पहुंचने के बाद भारत के लिए कम से कम रजत पदक पक्के किए. मनीषा (57 किग्रा), पूजा (69 किग्रा) और भाग्यबती कचारी (75 किग्रा) को अपने-अपने सेमीफाइनल मुकाबले में हार के कारण कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा.
चार भारतीय मुक्केबाजों ने पहले ही फाइनल में जगह पक्की कर ली थी. आशीष कुमार (81 किग्रा), मोनिका (48 किग्रा), गोविंद साहनी (48 किग्रा) और वरिंदर सिंह (60 किग्रा) ने बुधवार को अपने-अपने स्पर्धाओं के फाइनल में प्रवेश किया था. इस तरह से सात भारतीय मुक्केबाज स्वर्ण पदक के लिए चुनौती पेश करेंगे. टोक्यो ओलंपिक के बाद से अपने पहले अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रतिस्पर्धा करते हुए साल 2019 विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता पंघाल अपने मुकाबले में पूरी तरह से हावी रहे. उन्होंने वियतनाम के ट्रान वान थाओ पर मुक्कों की झड़ी लगाकर एकतरफा बाउट में सर्वसम्मत फैसले से जीत दर्ज की.
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सुमित ने दमदार खेल दिखाते हुए कजाकिस्तान के अयातुल्ला ताकीज को हराया. महिलाओं के 54 किग्रा वर्ग में अनंता ने वियतनाम की मुक्केबाज बुई तरोन थाई पर 5-0 की प्रभावशाली जीत दर्ज की. मनीषा, पूजा और भाग्यबती हालांकि अपने अभियान को फाइनल तक ले जाने में सफल नहीं रही. मनीषा और पूजा टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता क्रमश: इटली की इरमा टेस्टा और थाईलैंड की बैसिन मानिकोन से एक समान 1-4 के अंतर से हार गई. भाग्यबती फिलीपींस के हर्गी बस्यादान के हाथों 0-5 से हार गईं.
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टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक विजेता प्रत्येक को 2,000 डालर, जबकि रजत और कांस्य विजेताओं को क्रमशः 1,000 और 500 डालर की राशि मिलेगी. भारतीय दल ने 2019 में आयोजित टूर्नामेंट के पिछले सत्र एक स्वर्ण, चार रजत और तीन कांस्य सहित आठ पदक जीते थे.