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खेल मंत्रालय ने SGFI चुनावों को अवैध करार दिया

खेल मंत्रालय ने स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया को एक राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में वार्षिक मान्यता देने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जो स्कूल स्तर पर खेलों की देखरेख करता है.

खेल मंत्रालय
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Published : Feb 6, 2021, 6:37 AM IST

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) के हालिया चुनावों को अवैध घोषित कर दिया. एसजीएफआई ने तमिलनाडु के नागापट्टनम में दिसंबर में आयोजित अपनी वार्षिक आम सभा की बैठक के दौरान नए पदाधिकारियों का चुनाव किया था.

मंत्रालय ने एसजीएफआई को एक राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में वार्षिक मान्यता देने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जो स्कूल स्तर पर खेलों की देखरेख करता है. खेल मंत्रालय के मुताबिक दिसंबर चुनावों के दौरान राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 के दिशानिर्देशों को अनदेखा किया गया था.

मंत्रालय ने एसजीएफआई को लिखे पत्र में कहा कि एसजीएफआई को खेल संहिता के अनुसार फिर से चुनाव कराने चाहिए.

ओलंपिक के लिए क्वॉलिफाई करने की दुती की उम्मीदों को लगा थोड़ा झटका

खेल मंत्री किरण रिजिजू
खेल मंत्री किरण रिजिजू

एसजीएफआई के अध्यक्ष रहे दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने आरोप लगाया था कि एसजीएफआई के महासचिव राजेश मिश्रा ने सत्ता में बने रहने के लिए एसजीएफआई संविधान में हेरफेर किया था.

सुशील ने यह भी आरोप लगाया था कि मिश्रा ने एसजीएफआई के उप-कानूनों को बदलने के लिए अपने हस्ताक्षर किए थे. ओलंपियन ने खेल मंत्री को मिश्रा द्वारा किए गए हेरफेर के बारे में अवगत कराया और मंत्रालय ने कथित धोखाधड़ी के बारे में गंभीरता से विचार किया.

दिसम्बर में हुए चुनावों में वी. रंजीत कुमार को एसजीएफआई का अध्यक्ष चुना गया था जबकि आलोक खरे को महासचिव और मुक्तेश सिंह को कोषाध्यक्ष चुना गया. पूर्व महासचिव मिश्रा को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नामित किया गया था.

एसजीएफआई पिछले साल कोविड महामारी के कारण प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं कर सका.

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने शुक्रवार को स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआई) के हालिया चुनावों को अवैध घोषित कर दिया. एसजीएफआई ने तमिलनाडु के नागापट्टनम में दिसंबर में आयोजित अपनी वार्षिक आम सभा की बैठक के दौरान नए पदाधिकारियों का चुनाव किया था.

मंत्रालय ने एसजीएफआई को एक राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के रूप में वार्षिक मान्यता देने के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया, जो स्कूल स्तर पर खेलों की देखरेख करता है. खेल मंत्रालय के मुताबिक दिसंबर चुनावों के दौरान राष्ट्रीय खेल विकास संहिता 2011 के दिशानिर्देशों को अनदेखा किया गया था.

मंत्रालय ने एसजीएफआई को लिखे पत्र में कहा कि एसजीएफआई को खेल संहिता के अनुसार फिर से चुनाव कराने चाहिए.

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खेल मंत्री किरण रिजिजू
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एसजीएफआई के अध्यक्ष रहे दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार ने आरोप लगाया था कि एसजीएफआई के महासचिव राजेश मिश्रा ने सत्ता में बने रहने के लिए एसजीएफआई संविधान में हेरफेर किया था.

सुशील ने यह भी आरोप लगाया था कि मिश्रा ने एसजीएफआई के उप-कानूनों को बदलने के लिए अपने हस्ताक्षर किए थे. ओलंपियन ने खेल मंत्री को मिश्रा द्वारा किए गए हेरफेर के बारे में अवगत कराया और मंत्रालय ने कथित धोखाधड़ी के बारे में गंभीरता से विचार किया.

दिसम्बर में हुए चुनावों में वी. रंजीत कुमार को एसजीएफआई का अध्यक्ष चुना गया था जबकि आलोक खरे को महासचिव और मुक्तेश सिंह को कोषाध्यक्ष चुना गया. पूर्व महासचिव मिश्रा को मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) के रूप में नामित किया गया था.

एसजीएफआई पिछले साल कोविड महामारी के कारण प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं कर सका.

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