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साक्षी और पिलाओ मुक्केबाजी विश्व कप के फाइनल में पहुंचीं - मुक्केबाजी

साक्षी और पिलाओ बासुमातारे ने शुक्रवार को जर्मनी के कोलोन में जारी कोलोन मुक्केबाजी विश्व कप-2019 के फाइनल में जगह बना ली है.

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Published : Apr 12, 2019, 9:27 PM IST

नई दिल्ली : भारत की साक्षी (57 किग्रा) और पिलाओ बासुमातारे (64 किग्रा) ने शुक्रवार को जर्मनी के कोलोन में जारी कोलोन मुक्केबाजी विश्व कप-2019 के फाइनल में जगह बना ली है. भारत को हालांकि पिंकी रानी (51 किग्रा) और परवीन (60 किग्रा) की हार से निराशा हुई और ये दोनों मुक्केबाज कांस्य लेकर स्वदेश लौटेंगी. इन दोनों को सेमीफाइनल में हार मिली.

प्रतिभा की खान मानी जा रहीं 18 साल की साक्षी ने थाईलैंड की तिंताबथाई प्रीदाकामोन के खिलाफ 5-0 की जीत के साथ अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई. पूर्व जनियर वर्ल्ड चैम्पियन का फाइनल में 2018 राष्ट्रमंडल खेल रजत पदक विजेता आयरलैंड की माइकेला वाल्श से सामना होगा.

दूसरी ओर, स्ट्रांजा मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली पिलाओ ने डेनमार्क की अइयाजा डिटे फ्रास्तोल्म को स्प्लि डिसिजन के आधार पर हराया. फाइनल में इस 26 साल की खिलाड़ी का सामना चीन ती चेनग्यू यांग से होगा.

भारत के पास अपने खाते में कुछ और स्वर्ण पदक जोड़ने का मौका है क्योंकि स्ट्रांजा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता मैसराम को 54 किग्रा कटेगरी में सीधे फाइनल में रखा गया है. कारण, इस कटेगरी में काफी कम मुक्केबाज थीं. मैसराम फाइनल में थाईलैंड की माचाई बुनयानुत से भिड़ेंगी और यह इस टूर्नामेंट में उनका पहला मुकाबला होगा.

51 किग्रा वर्ग में पिंकी रानी का शानदार सफर आयरलैंड की 2018 राष्ट्रमंडल खेल रजत पदक विजेता कार्ली मैक्नाउल के हाथों रुक गया. पिंकी 5-0 से हार गईं. इसी तरह परवीन को इंग्लैंड की मैगी मुर्ने ने हराया. भारत ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में सात सदस्यीय दल भेजा है. टूर्नामेंट में 21 देशों की मुक्केबाज 17 भार वर्गो में हिस्सा ले रहीं हैं.

नई दिल्ली : भारत की साक्षी (57 किग्रा) और पिलाओ बासुमातारे (64 किग्रा) ने शुक्रवार को जर्मनी के कोलोन में जारी कोलोन मुक्केबाजी विश्व कप-2019 के फाइनल में जगह बना ली है. भारत को हालांकि पिंकी रानी (51 किग्रा) और परवीन (60 किग्रा) की हार से निराशा हुई और ये दोनों मुक्केबाज कांस्य लेकर स्वदेश लौटेंगी. इन दोनों को सेमीफाइनल में हार मिली.

प्रतिभा की खान मानी जा रहीं 18 साल की साक्षी ने थाईलैंड की तिंताबथाई प्रीदाकामोन के खिलाफ 5-0 की जीत के साथ अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई. पूर्व जनियर वर्ल्ड चैम्पियन का फाइनल में 2018 राष्ट्रमंडल खेल रजत पदक विजेता आयरलैंड की माइकेला वाल्श से सामना होगा.

दूसरी ओर, स्ट्रांजा मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली पिलाओ ने डेनमार्क की अइयाजा डिटे फ्रास्तोल्म को स्प्लि डिसिजन के आधार पर हराया. फाइनल में इस 26 साल की खिलाड़ी का सामना चीन ती चेनग्यू यांग से होगा.

भारत के पास अपने खाते में कुछ और स्वर्ण पदक जोड़ने का मौका है क्योंकि स्ट्रांजा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता मैसराम को 54 किग्रा कटेगरी में सीधे फाइनल में रखा गया है. कारण, इस कटेगरी में काफी कम मुक्केबाज थीं. मैसराम फाइनल में थाईलैंड की माचाई बुनयानुत से भिड़ेंगी और यह इस टूर्नामेंट में उनका पहला मुकाबला होगा.

51 किग्रा वर्ग में पिंकी रानी का शानदार सफर आयरलैंड की 2018 राष्ट्रमंडल खेल रजत पदक विजेता कार्ली मैक्नाउल के हाथों रुक गया. पिंकी 5-0 से हार गईं. इसी तरह परवीन को इंग्लैंड की मैगी मुर्ने ने हराया. भारत ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में सात सदस्यीय दल भेजा है. टूर्नामेंट में 21 देशों की मुक्केबाज 17 भार वर्गो में हिस्सा ले रहीं हैं.

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साक्षी और पिलाओ मुक्केबाजी विश्व कप के फाइनल में पहुंचीं





नई दिल्ली : भारत की साक्षी (57 किग्रा) और पिलाओ बासुमातारे (64 किग्रा) ने शुक्रवार को जर्मनी के कोलोन में जारी कोलोन मुक्केबाजी विश्व कप-2019 के फाइनल में जगह बना ली है.

भारत को हालांकि पिंकी रानी (51 किग्रा) और परवीन (60 किग्रा) की हार से निराशा हुई और ये दोनों मुक्केबाज कांस्य लेकर स्वदेश लौटेंगी. इन दोनों को सेमीफाइनल में हार मिली.

प्रतिभा की खान मानी जा रहीं 18 साल की साक्षी ने थाईलैंड की तिंताबथाई प्रीदाकामोन के खिलाफ 5-0 की जीत के साथ अपनी प्रतिभा की झलक दिखाई. पूर्व जनियर वर्ल्ड चैम्पियन का फाइनल में 2018 राष्ट्रमंडल खेल रजत पदक विजेता आयरलैंड की माइकेला वाल्श से सामना होगा.

दूसरी ओर, स्ट्रांजा मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली पिलाओ ने डेनमार्क की अइयाजा डिटे फ्रास्तोल्म को स्प्लि डिसिजन के आधार पर हराया. फाइनल में इस 26 साल की खिलाड़ी का सामना चीन ती चेनग्यू यांग से होगा.

भारत के पास अपने खाते में कुछ और स्वर्ण पदक जोड़ने का मौका है क्योंकि स्ट्रांजा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक विजेता मैसराम को 54 किग्रा कटेगरी में सीधे फाइनल में रखा गया है. कारण, इस कटेगरी में काफी कम मुक्केबाज थीं. मैसराम फाइनल में थाईलैंड की माचाई बुनयानुत से भिड़ेंगी और यह इस टूर्नामेंट में उनका पहला मुकाबला होगा.

51 किग्रा वर्ग में पिंकी रानी का शानदार सफर आयरलैंड की 2018 राष्ट्रमंडल खेल रजत पदक विजेता कार्ली मैक्नाउल के हाथों रुक गया. पिंकी 5-0 से हार गईं. इसी तरह परवीन को इंग्लैंड की मैगी मुर्ने ने हराया.

भारत ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में सात सदस्यीय दल भेजा है. टूर्नामेंट में 21 देशों की मुक्केबाज 17 भार वर्गो में हिस्सा ले रहीं हैं.


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