नई दिल्ली: अगर इस महीने के अंत में खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू होती है तो भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने कोविड-19 महामारी से बचने के लिए कुछ एहतियाती कदम उठाने का प्रस्ताव दिया है.
इसमें कम वेंटीलेशन वाले चेंजिंग रूम हटाए जाने, ट्रेनिंग उपकरणों को इस्तेमाल के बाद हर बार संक्रमण रहित करना, शिफ्ट में जिम के इस्तेमाल के अलावा स्पारिंग पर प्रतिबंध शामिल है.
साई ने मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का विस्तृत मसौदा तैयार किया है जिनका इस महीने के अंत में अपने ट्रेनिंग केंद्रों को फिर से खोलने से पहले पालन किया जाएगा जैसा कि खेल मंत्री किरण रिजिजू ने सुझाव दिया था, लेकिन यह स्वास्थ्य एवं गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही होगा.
सचिव रोहित भारद्वाज की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति ने 33 पन्ने का दस्तावेज बनाया है, जिसे अभी खेल एवं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वीकृति दिया जाना बाकी है.
इस दस्तावेज में प्रस्तावों के अनुसार इस खतरनाक वायरस से बचने के लिए आरोग्य सेतु एप सभी खिलाड़ियों और स्टाफ के लिए डाउनलोड करना अनिवार्य होगा, ट्रेनिंग स्थलों पर कड़ाई से सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा, ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सा कर्मियों को पीपीई किट का इस्तेमाल करना हेागा, स्वच्छता संबंधित उपायों को बढ़ाना होगा और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर कड़ी निगरानी रखना शामिल है.
साई के एक सूत्र ने कहा, "समिति ने एक व्यापक एसओपी की रूपरेखा तैयार की है लेकिन इसमें बदलाव किया जा सकता है."
यह पहला मसौदा है जिसे अभी खेल मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिलनी बाकी है. हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि एसओपी को ऐसे ही पारित कर दिया जाए.
साई ने इस दस्तावेज को राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के पास भेज दिया कि वे सिफारिशों में अपना पक्ष दे सकें.
सूत्र ने कहा, "अंत में ट्रेनिंग फिर से शुरू होना गृह मंत्रालय (एमएचए) के दिशानिर्देशों पर निर्भर करेगा. अगर एमएचए तीसरे लॉकडाउन के बाद अपने आगामी दिशानिर्देशों में खेल गतिविधियों पर रोक बरकरार रखता है जैसा कि पिछले दिशानिर्देशों में था तो खेल मंत्रालय ट्रेनिंग शुरू नहीं कर सकता."
देश में लॉकडाउन का चौथा चरण 18 मई से शुरू हो लेकिन इसमें काफी राहत दिए जाने की उम्मीद है. सूत्र ने कहा, साई ने सक्रियता बरतते हुए एसओपी बना ली कि अगर एमएचए ट्रेनिंग के लिए मंजूरी देता है तो यह शुरू की जा सके.