ETV Bharat / sports

रूस के खिलाफ जंग जारी: अंतरराष्ट्रीय खेलों से रूस को 'आईसोलेट' करने की लिस्ट में जुड़ा FIFA - आईओसी

UEFA और FIFA ने एक बयान में कहा, फुटबॉल यहां पूरी तरह से एकजुट है और यूक्रेन में प्रभावित सभी लोगों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है.

Russia suspended from international soccer over Ukraine war
Russia suspended from international soccer over Ukraine war
author img

By

Published : Mar 1, 2022, 12:46 PM IST

जिनेवा: रूसी टीमों को 2022 विश्व कप के लिए क्वालीफाइंग मैचों सहित सभी अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल से निलंबित कर दिया गया है. इस एलान की वजह मास्को का यूक्रेन पर आक्रमण है.

विश्व फ़ुटबॉल निकाय फीफा और यूरोपीय प्राधिकरण UEFA ने अगली सूचना तक रूसी राष्ट्रीय और क्लब टीमों को उनकी प्रतियोगिताओं से प्रतिबंधित कर दिया है.

रूस की पुरुष राष्ट्रीय टीम को केवल तीन सप्ताह के समय में विश्व कप क्वालीफाइंग प्लेऑफ में खेलना था.

UEFA और FIFA ने एक बयान में कहा, फुटबॉल यहां पूरी तरह से एकजुट है और यूक्रेन में प्रभावित सभी लोगों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है.

खेल और राजनीति से जुड़ी उच्च-स्तरीय सजा जो कई दशकों के बाद देखने को मिली है वो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की देन है. IOC ने रूसी एथलीटों और अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय आयोजनों से बाहर करने के लिए दर्जनों खेल शासी निकायों को जोर दिया था.

FIFA के इस कदम ने रूस को 24 मार्च को प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने से पहले विश्व कप से बाहर कर दिया है. वहीं पोलैंड ने पहले ही रूस के खिलाफ अपना निर्धारित खेल खेलने से इनकार कर दिया था.

UEFA ने इस सीजन में यूरोपीय क्लब प्रतियोगिताओं में अंतिम शेष रूसियों को, स्पार्टक मॉस्को को दूसरी स्तरीय यूरोपा लीग से बाहर कर दिया. UEFA ने कहा कि 10 और 17 मार्च को स्पार्टक के निर्धारित प्रतिद्वंद्वी, जर्मनी के लीपजिग, सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंचे हैं.

1992 में बाल्कन में युद्ध छिड़ने और नस्लीय अलगाव और रंगभेद युग के दौरान दक्षिण अफ्रीकी टीमों और यूगोस्लावियाई टीमों को भी ऐसे अलगाव का सामना करना पड़ा था.

ये भी पढ़ें- यूक्रेन संकट: आईओसी ने रूसी, बेलारूस के खिलाड़ियों को आयोजनों से बाहर करने को कहा

1964 में फीफा द्वारा दक्षिण अफ्रीका को निलंबित कर दिया गया और रंगभेद के कारण 1976 में निष्कासित कर दिया गया, फिर 1992 में बहाल कर दिया गया.

UN द्वारा युद्धग्रस्त देश के खिलाफ प्रतिबंधों को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद, यूगोस्लाविया को 1992 की यूरोपीय चैम्पियनशिप से अल्प (short) सूचना पर हटा दिया गया था. अलग राष्ट्रों के रूप में उभरने से पहले इसे 1994 के विश्व कप क्वालीफाइंग से रोक दिया गया था.

रूस के फुटबॉल कोच वालेरी कारपिन ने कहा, "मुझे अपने लड़कों के लिए खेद है."

उन्होंने कहा, "वो विश्व कप में खेलने का सपना देख रहे थे. अब उनकी उम्मीद खत्म हो गई है."

हम समझते हैं कि उन्हें और उनके परिवारों को बेहद मुश्किल स्थिति में हैं. ये निर्णय अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ के अधिकार के बाहर था जब ग्रैंड स्लैम, एटीपी और डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट में शीर्ष क्रम के डेनियल मेदवेदेव सहित रूसी टेनिस खिलाड़ी खेल रहे थे.

ओलंपिक निकाय का आह्वान बेलारूस के एथलीटों और अधिकारी पर भी लागू होता है, जिसने रूस के आक्रमण को अपने क्षेत्र में सैनिकों को तैनात करने और सैन्य हमले शुरू करने की अनुमति देकर उकसाया है.

IOC ने कहा कि उसने भारी मन से काम किया, जैसे की यूक्रेनी खेलों और एथलीटों पर युद्ध का प्रभाव है वैसे ही रूस और बेलारूस के एथलीटों को भी नुकसान झेलना पड़ेगा.

ये IOC द्वारा पूर्ण प्रतिबंध है.

जिनेवा: रूसी टीमों को 2022 विश्व कप के लिए क्वालीफाइंग मैचों सहित सभी अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल से निलंबित कर दिया गया है. इस एलान की वजह मास्को का यूक्रेन पर आक्रमण है.

विश्व फ़ुटबॉल निकाय फीफा और यूरोपीय प्राधिकरण UEFA ने अगली सूचना तक रूसी राष्ट्रीय और क्लब टीमों को उनकी प्रतियोगिताओं से प्रतिबंधित कर दिया है.

रूस की पुरुष राष्ट्रीय टीम को केवल तीन सप्ताह के समय में विश्व कप क्वालीफाइंग प्लेऑफ में खेलना था.

UEFA और FIFA ने एक बयान में कहा, फुटबॉल यहां पूरी तरह से एकजुट है और यूक्रेन में प्रभावित सभी लोगों के साथ पूरी एकजुटता के साथ खड़ा है.

खेल और राजनीति से जुड़ी उच्च-स्तरीय सजा जो कई दशकों के बाद देखने को मिली है वो अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की देन है. IOC ने रूसी एथलीटों और अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय आयोजनों से बाहर करने के लिए दर्जनों खेल शासी निकायों को जोर दिया था.

FIFA के इस कदम ने रूस को 24 मार्च को प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई करने से पहले विश्व कप से बाहर कर दिया है. वहीं पोलैंड ने पहले ही रूस के खिलाफ अपना निर्धारित खेल खेलने से इनकार कर दिया था.

UEFA ने इस सीजन में यूरोपीय क्लब प्रतियोगिताओं में अंतिम शेष रूसियों को, स्पार्टक मॉस्को को दूसरी स्तरीय यूरोपा लीग से बाहर कर दिया. UEFA ने कहा कि 10 और 17 मार्च को स्पार्टक के निर्धारित प्रतिद्वंद्वी, जर्मनी के लीपजिग, सीधे क्वार्टर फाइनल में पहुंचे हैं.

1992 में बाल्कन में युद्ध छिड़ने और नस्लीय अलगाव और रंगभेद युग के दौरान दक्षिण अफ्रीकी टीमों और यूगोस्लावियाई टीमों को भी ऐसे अलगाव का सामना करना पड़ा था.

ये भी पढ़ें- यूक्रेन संकट: आईओसी ने रूसी, बेलारूस के खिलाड़ियों को आयोजनों से बाहर करने को कहा

1964 में फीफा द्वारा दक्षिण अफ्रीका को निलंबित कर दिया गया और रंगभेद के कारण 1976 में निष्कासित कर दिया गया, फिर 1992 में बहाल कर दिया गया.

UN द्वारा युद्धग्रस्त देश के खिलाफ प्रतिबंधों को मंजूरी दिए जाने के एक दिन बाद, यूगोस्लाविया को 1992 की यूरोपीय चैम्पियनशिप से अल्प (short) सूचना पर हटा दिया गया था. अलग राष्ट्रों के रूप में उभरने से पहले इसे 1994 के विश्व कप क्वालीफाइंग से रोक दिया गया था.

रूस के फुटबॉल कोच वालेरी कारपिन ने कहा, "मुझे अपने लड़कों के लिए खेद है."

उन्होंने कहा, "वो विश्व कप में खेलने का सपना देख रहे थे. अब उनकी उम्मीद खत्म हो गई है."

हम समझते हैं कि उन्हें और उनके परिवारों को बेहद मुश्किल स्थिति में हैं. ये निर्णय अंतरराष्ट्रीय टेनिस महासंघ के अधिकार के बाहर था जब ग्रैंड स्लैम, एटीपी और डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट में शीर्ष क्रम के डेनियल मेदवेदेव सहित रूसी टेनिस खिलाड़ी खेल रहे थे.

ओलंपिक निकाय का आह्वान बेलारूस के एथलीटों और अधिकारी पर भी लागू होता है, जिसने रूस के आक्रमण को अपने क्षेत्र में सैनिकों को तैनात करने और सैन्य हमले शुरू करने की अनुमति देकर उकसाया है.

IOC ने कहा कि उसने भारी मन से काम किया, जैसे की यूक्रेनी खेलों और एथलीटों पर युद्ध का प्रभाव है वैसे ही रूस और बेलारूस के एथलीटों को भी नुकसान झेलना पड़ेगा.

ये IOC द्वारा पूर्ण प्रतिबंध है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.