नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने दिग्गज राइफल निशानेबाज अंजुम मोदगिल को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न जबकि कोच जसपाल राणा तो लगातार दूसरे साल द्रोणाचार्य पुरस्कारों के लिए नामित किया है.
महासंघ के सूत्रों के अनुसार प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कारों के लिए चैंपियन पिस्टल निशानेबाजों सौरभ चौधरी और अभिषेक वर्मा के नाम भेजे गए हैं.
सौरभ चौधरी और अभिषेक वर्मा को अर्जुन अवॉर्ड के लिए किया नामित
महासंघ के एक सूत्र ने बताया, "अंजुम मोदगिल को खेल रत्न के लिए नामित किया गया है जबकि एनआरएआई ने एक बार फिर द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए जसपाल का नाम भेजा है. उनका हमेशा से मानना है कि वह इसका हकदार है और उम्मीद है कि उसे इस बार यह पुरस्कार मिलेगा."
सूत्र ने कहा, "सौरभ चौधरी और अभिषेक वर्मा के नाम की सिफारिश अर्जुन पुरस्कार के लिए की गई है."
संपर्क करने पर एनआरएआई के एक अधिकारी ने हालांकि स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बताया और कहा कि वे नामों का चयन करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में हैं.
ओलंपिक कोटा हासिल कर चुकी हैं अंजुम मोदगिल
छब्बीस साल की अंजुम ने 2008 में निशानेबाजी शुरू की और वह टोक्यो ओलंपिक के लिए निशानेबाजी में कोटा हासिल करने वाली पहली दो भारतीय निशानेबाजों में शामिल थी. चंडीगढ़ की इस निशानेबाज ने कोरिया में आईएसएसएफ विश्व कप में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक के साथ ओलंपिक कोटा हासिल किया.
पिछले साल अंजुम और दिव्यांश सिंह पंवार की जोड़ी ने म्यूनिख और बीजिंग में आईएसएसएफ विश्व कप की 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते. वह म्यूनिख और रियो डि जिनेरियो में भी आईएसएसएफ विश्व कप की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल में पहुंची थी.
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार में खिलाड़ी को पदक, प्रमाण पत्र और सात लाख 50 हजार रुपये की इनामी राशि मिलती है.
पिछले साल द्रोणाचार्य पुरस्कार से चुक गए थे जसपाल
पिछले साल जसपाल को पुरस्कार के लिए नहीं चुने जाने पर विवाद हो गया था और भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने इस अनुभवी कोच को द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नहीं चुनने पर चयन पैनल की आलोचना की थी.
एशियाई खेलों में कई स्वर्ण पदक जीतने वाले 43 साल के जसपाल को मनु भाकर, सौरभ और अनीष भानवाला जैसे युवा निशानेबाजों को निखारकर विश्व स्तरीय निशानेबाज बनाने का श्रेय जाता है. पिछले साल अनदेखी के बावजूद जसपाल को उम्मीद है कि उनका चयन निष्पक्षहोगा और सबसे हकदार उम्मीदवार को पुरस्कार मिलेगा.
द्रोणाचार्य पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में असाधारण नतीजे देने वाले खिलाड़ियों और टीमो को कोचिंग देने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है. इस पुरस्कार में पांच लाख रुपये की इनामी राशि दी जाती है.
अभिषेक वर्मा ने हासिल किया था पांचवां ओलंपिक कोटा
इंजीनियर से वकील और फिर निशानेबाज बने 30 साल के अभिषेक वर्मा ने निशानेबाजी में भारत के लिए पांचवां ओलंपिक कोटा हासिल किया था. उन्होंने पिछले साल अप्रैल में बीजिंग में आईएसएसएफ विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि हासिल की.
इससे दो महीने पहले दिग्गज निशानेबाजों की मौजूदगी में किशोर निशानेबाज चौधरी ने विश्व रिकॉर्ड के साथ सत्र के पहले विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता था और देश को तीसरा ओलंपिक कोटा दिलाया था.
इस साल की शुरुआत में चौधरी ने भोपाल में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता था जबकि वर्मा ने कांस्य पदक हासिल किया था.
वर्मा के नाम पर अब विश्व कप में दो स्वर्ण, एशियाई खेलों का कांस्य पदक और ओलंपिक कोटा स्थान है. इस साल चौधरी के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता शानदार रही. सोलह साल के चौधरी ने नई दिल्ली और म्यूनिख विश्व कप में स्वर्ण पदक जीते.