नई दिल्ली: भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने एक बार फिर उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल द्वारा अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताया है और कहा है कि मित्तल सिर्फ उनकी छवि खराब करना चाहते हैं ताकि वह 2021 में होने वाले आईओए अध्यक्ष पद के लिए अपने आप को सबसे उपयुक्त उम्मीदवार के तौर पर पेश कर सकें.
मित्तल ने आरोप लगाते हुए कहा था कि बत्रा ने 2017 में आईओए अध्यक्ष के लिए हुए चुनावों में नियमों का उल्लंघन किया था. उन्होंने साथ ही कहा था कि बत्रा आईओए और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (FIH) के अध्यक्ष पद के योग्य नहीं थे.
![सुधांशु मित्तल](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mittal_1206newsroom_1591962347_895.jpg)
बत्रा ने एफआईएच के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) थिएरी वेल को लिखे पत्र में इस पूरे मामले पर अपनी बात रखी है और कहा है कि मित्तल ने आईओए में साफ कर दिया है कि वह अगले अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं.
बत्रा ने पत्र में लिखा है, "पहली चीज आपको यह पता होना चाहिए कि मित्तल ने भारत और आईओए में साफ कर दिया है कि वह 2021 में होने वाले भारतीय ओलंपिक संघ के चुनावों में अध्यक्ष पद के लिए खड़े होना चाहते हैं."
उन्होंने लिखा, "दूसरा उससे भी ज्यादा व्यक्तिगत है और जो लोग मेरे काम करने के तरीके से वाकिफ हैं वो जानते हैं कि जब कुछ गलत होगा तो मैं स्थिति को अपने हाथ में ले लूंगा."
![आईओए](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/ioa_1206newsroom_1591965972_311.jpg)
मित्तल ने अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के एथिक्स कमिशन को पत्र लिखकर कहा है कि बत्रा को हॉकी और ओलंपिक से बैन कर देना चाहिए.
बत्रा ने एफआईएच सीईओ को लिखे पत्र में कहा है, "मित्तल अपने संदिग्ध दावों से मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. वह तमाम कागजों और लेखों के जरिए जो भी बात कह रहे हैं वो सभी सूचनाएं अधूरी हैं ताकि भारत और दुनिया भर के खेल जगत में असमंजस की स्थिति पैदा हो। उनके दिमाग में सिर्फ एक ही लक्ष्य है कि वो भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष बनें."
बत्रा ने लिखा, "मैं सिर्फ इतना ही कह सकता हूं कि उनके कार्य गैरजिम्मेदाराना, लापरवाह हैं जिनका एक मात्र मकसद मुझे बदनाम करना है."